Joe Root LBW: हाकआई के संस्थापक ने दी सफाई, रांची टेस्ट की दूसरी पारी में जो रूट के आउट होने पर हुआ था विवाद
Joe Root LBW इसके बाद भारतीय टीम ने डीआरएस लिया और रिप्ले में दिखा कि गेंद का अधिकांश हिस्सा लेग स्टंप के बाहर गिरा था लेकिन डीआरएस में इसे सही पाया और निर्णय भारत के पक्ष में गया। कुछ विशेषज्ञ और प्रशंसक इससे खुश नहीं थे लेकिन अब हाकआई के संस्थापक पाल हाकिंस ने इस विवादस्पद निर्णय पर स्पष्टीकरण दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। रांची टेस्ट के दौरान जो रूट के एलबीडब्ल्यू आउट होने को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। कई पूर्व क्रिकेटरों ने डीआरएस तकनीक की आलोचना करते हुए इसे एक खराब निर्णय बताया था। इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान रविचंद्रन अश्विन की गेंद जो रूट के पैड पर लगी, जिसके बाद भारत ने एलबीडब्ल्यू की अपील की लेकिन अंपायर ने इसे खारिज कर दिया।
इसके बाद भारतीय टीम ने डीआरएस लिया और रिप्ले में दिखा कि गेंद का अधिकांश हिस्सा लेग स्टंप के बाहर गिरा था, लेकिन डीआरएस में इसे सही पाया और निर्णय भारत के पक्ष में गया। कुछ विशेषज्ञ और प्रशंसक इससे खुश नहीं थे, लेकिन अब हाकआई के संस्थापक पाल हाकिंस ने इस विवादस्पद निर्णय पर स्पष्टीकरण दिया है।
हाकिंस ने दिया स्पष्टीकरण
हाकिंस ने कहा कि पहले आप प्रत्येक दिन स्टंप्स की चौड़ाई मापते हैं। फिर जो लाइन में पिच हुआ या लाइन में पिच नहीं हुआ, उसके बीच में एक रेखा बन जाती है। ये बहुत ही करीबी मामला होता है। जैसा कि टेनिस में होता है आपको कभी कभी 0 या 1 मिमी का परिदृश्य मिलता है, लेकिन टेनिस ने यह निर्णय किया है कि जब तक शून्य न हो, बाल को आउट (लाइन से बाहर) नहीं दिया जाता।
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टेनिस का दिया उदाहरण
हाकिंस ने आगे कहा कि वास्तव में टेनिस में हम प्रस्तुति परिप्रेक्ष्य में बाउंस मार्क को शिफ्ट करते हैं। इसलिए शून्य कभी कभी एक बन जाता है और आप स्पष्ट तौर पर वह मार्क देख पाते हैं। ये केवल प्रस्तुतिकरण की बात है। इसलिए ट्रै¨कग के साथ कुछ अलग नहीं है। अगर गेंद ट्रैक से अलग दिखती है तो टीवी पर ये दिखता है। इसिलए आप गेंद को लाइन पर साफ तौर पर देख पाते हैं, जो स्वत: होता है जब गेंद लेग स्टंप से बाहर गिरती है।
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