सेंचुरियन में रिकॉर्ड-तोड़ शतक के बाद छलका KL Rahul का दर्द, सोशल मीडिया ट्रोलर्स को दिया मुंह तोड़ जवाब
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में केएल राहुल ने तूफानी शतक के साथ कई बड़े रिकॉर्ड बनाए। राहुल ने मैच के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में अपनी पारी के साथ कई बड़े मुद्दों को लेकर बात की। विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे कहा जितनी जल्दी आप यह समझ लेंगे कि आप जितना सोशल मीडिया की नेगेटिविटी से दूर रहेंगे आपकी मानसिकता और खेल उतना बेहतर होगा।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। KL Rahul speaks on trolls: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में केएल राहुल ने तूफानी शतक के साथ कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए। राहुल ने मैच के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में अपनी पारी के साथ कई बड़े मुद्दों को लेकर बात की।
क्या बोले राहुल-
राहुल ने कहा कि "जाहीर तौर से यह मुश्किल है। जब आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते हैं, तो आपको एक क्रिकेटर के रूप में, एक इंसान के रूप में और व्यक्तिगत तौर से चुनौती मिलती है। साथ ही सोशल मीडिया का दबाव होता है।"
शतक लगाने पर होगी वाहवाही-
राहुल ने आगे कहा कि जब आप शतक बनाते हैं तो लोग वाह, वाह कहते हैं, लेकिन 3-4 महीने पहले लोग मुझे गाली दे रहे थे तो अब यह खेल का हिस्सा है। राहुल से ट्रोल्स से निपटने के तरीके को लेकर कहा कि यह मुझे प्रभावित करता है, मैं यह नहीं कहूंगा कि यह मुझे प्रभावित नहीं करता है।
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नेगेटिविटी से दूर रहना ही एक उपाय-
विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे कहा जितनी जल्दी आप यह समझ लेंगे कि आप जितना सोशल मीडिया की नेगेटिविटी से दूर रहेंगे आपकी मानसिकता और खेल उतना बेहतर होगा। आप बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे और आप उस मानसिकता में रहेंगे अगर आपको पता होगा कि इनसे दूरी कैसे बनानी है।
कोई इससे पूरी तरह दूर नहीं रह सकता-
कोई इतना महान नहीं है कि वह इससे पूरी तरह से इस सबसे दूर रह सके कि उसे लेकर क्या कहा जा रहा है और उसकी किस चीज को लेकर आलोचना हो रही है। इससे हर इंसान को प्रभाव पड़ता है। यह कहना कि हमें फर्क नहीं पड़ता झूठ होगा। उन्होंने सोशल मीडिया की नेगेटिविटी से निपटने के तरीका खोजा होगा।
चोट पर की बात-
राहुल ने अपनी चोट को लेकर बात करते हुए कहा कि मेरी चोट के दौरान मैंने खुद पर काफी काम किया और मैंने वो बनने की कोशिश की, जो मैं हूं। मैंने महसूस किया कि लोगों के कहने पर मुझे खुद को बदलने की जरूरत नहीं है।
जब बाहर इतना कुछ हो रहा तो खुद के साथ सच्चा बने कहना काफी मुश्किल है। क्रिकेट की तरह जीवन में भी लाइफ में भी इस पर काम करने के तरीके हैं। जब मैं नहीं खेल रहा तो मैंने शांत रहकर अपने दिमाग का ख्याल रखा।
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