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भारतीय क्रिकेट के दामन में लगाया Harmanpreet Kaur ने दाग, कैसे एक फैसले से खड़ा हुआ बखेड़ा, समझिए पूरा मामला

हरमनप्रीत कौर को आईसीसी ने बीच मैदान पर आपा खोने और अंपायर पर भड़ास निकालने के लिए सस्पेंड कर दिया है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान को दो मैचों के लिए सस्पेंड किया गया है। हरमनप्रीत के बर्ताव की चारों तरफ आलोचना हो रही है। मदन लाल का कहना है कि हरमनप्रीत खेल से बड़ी नहीं हैं और उन्होंने भारतीय क्रिकेट के दामन पर दाग लगा दिया है।

By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Wed, 26 Jul 2023 07:00 AM (IST)
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Harmanpreet Kaur IND W vs BAN W 3rd ODI
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। क्रिकेट के खेल में मैदान पर खिलाड़ियों के बीच नोकझोंक और बहस आम बात है। स्लेजिंग को इस खेल का एक पार्ट ही कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। हालांकि, सच्चाई यह भी है कि हरकतें हद में रहें, तो ही अच्छी लगती हैं। हर खिलाड़ी की यह जिम्मेदारी है कि खेल की मर्यादा का हमेशा ख्याल रखे। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान होने के बावजूद हरमनप्रीत कौर ने बीच मैदान पर जो किया, उसने इंडियन क्रिकेट के दामन पर वो दाग लगा दिया है, जिसको धोना कतई आसान नहीं होगा। आइए आपको विस्तार से समझाते हैं कि आखिर क्यों हुईं हरमनप्रीत इतनी आगबबूला और कैसे खड़ा हो गया इतना बड़ा बखेड़ा।

कैसे पनपा विवाद?

भारत और बांग्लादेश की महिला टीम तीसरे वनडे मुकाबले में एक-दूसरे के सामने थीं। 226 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम अच्छी स्थिति में थी और जीत की तरफ कदम बढ़ा रही थी। हरमनप्रीत कौर 14 रन बनाकर क्रीज पर सेट थीं और नाहिदा अख्तर के हाथों में गेंद थी। नाहिदा के ओवर की चौथी गेंद हरमनप्रीत के पैड पर आकर लगती है और पूरी बांग्लादेश टीम एक सुर में जोरदार अपील करती है। ऑन फील्ड अंपायर हरमनप्रीत को आउट करार देते हुए अपनी उंगली ऊपर की तरफ खड़ी कर देते हैं और यहीं से शुरू होता है सारा बवाल।

हरमनप्रीत ने स्टंप पर दे मारा बल्ला

हरमनप्रीत को अंपायर का यह फैसला रास नहीं आता है। भारतीय महिला टीम की कप्तान इस कदर आगबबूला हो जाती हैं कि वह ना आव देखती है ना ताव और बल्ले को स्टंप पर दे मारती हैं। अंपायर जब हरमनप्रीत को टोकते हैं, तो वह उनको भी खरी-खोटी सुनाने लगती हैं। पवेलियन लौटते समय भी हरमनप्रीत अंपायर से बहस करती हुई कैमरे में कैद होती हैं।

मैच के बाद अंपायरिंग की आलोचना

मैच के बाद हरमनप्रीत कौर इस मैच में अंपायरिंग कर रहे अंपायर्स पर आग के गोले की तरफ फटती हैं। हरमन कहती हैं कि जिस प्रकार की अंपायरिंग मैच में हुई उससे वह काफी सरप्राइज हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब अगली बार भारतीय टीम बांग्लादेश दौरे पर आएगी, तो इस चीज को दिमाग में बैठाकर आएगी कि टीम को इस तरह की अंपायरिंग का सामना करना पड़ेगा।

बांग्लादेश टीम को भी नहीं बख्शा

हरमनप्रीत कौर ने खेल की मर्यादा को तार-तार तो किया है। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश टीम को भी नहीं बख्शा। भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया तीसरा वनडे टाई पर खत्म हुआ, जिसके चलते दोनों टीमों को ट्रॉफी शेयर करनी पड़ी। ट्रॉफी लेते वक्त जब दोनों टीमों की खिलाड़ी एकसाथ फोटो लेने के लिए खड़ी हुईं, तो हरमनप्रीत ने बीच में टोकते हुए बेहद रुखे अंदाज में अंपायर्स को भी बुलाने का इशारा किया। इस दौरान वह बांग्लादेशी खिलाड़ियों पर भी कमेंट करती नजर आईं। विपक्षी टीम की प्लेयर्स को हरमनप्रीत का यह बर्ताव इस कदर चुभा कि उन्होंने फोटो सेशन का ही बायकॉट कर दिया।

आईसीसी ने किया दो मैच के लिए सस्पेंड

मैदान पर आपा खोने और अंपायर्स पर अपनी भड़ास निकलने के लिए हरमनप्रीत कौर को आईसीसी ने कड़ी सजा सुनाई। भारतीय टीम की कप्तान को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने दो मैचों के लिए सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही उन पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि, हरमनप्रीत ने जो मैदान पर किया, उसके लिए यह सजा काफी है या नहीं, यह चर्चा का विषय है।

खेल से बड़ा नहीं कोई खिलाड़ी

हरमनप्रीत के बर्ताव की 1983 विश्व कप चैंपियन टीम के हिस्सा रहे पूर्व गेंदबाज मदन लाल ने सीधे शब्दों में कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हरमनप्रीत खेल से बड़ी नहीं हैं और उन्होंने भारतीय क्रिकेट के दामन में दाग लगा दिया है। क्रिकेट में खेल भावना और विपक्षी प्लेयर्स का सम्मान करना जरूरी माना जाता है।

असली खिलाड़ी वही होता है, जो अपनी हरकतों से नहीं, बल्कि अपने प्रदर्शन से पूरी दुनिया को जवाब दे। भारतीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर इसका हमेशा उदाहरण रहें। खेल में खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से नाम कमाता है, लेकिन उसको सम्मान और इज्जत अपने बर्ताव के दम पर मिलती है और शायद हरमनप्रीत इस बात को भूल चुकी हैं।