लखनऊ से देश को मिलेंगी एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं, क्रिकेट के साथ हॉकी, टेनिस और बैडमिंटन का बना हब
इकाना स्पोर्ट्स सिटी बनने से खुली मेजबानी की राह अटल बिहारी वाजपेयी (इकाना) स्टेडियम केवल क्रिकेट के लिए ही नहीं बल्कि फुटबॉल बास्केटबॉल वालीबॉल हैंडबाल बैडमिंटन स्क्वैश टेनिस और टेबल टेनिस जैसे खेलों की हाईटेक ट्रेनिंग के लिए भी तैयार है। यहां बाकायदा एक खेल शहर विकसित किया गया है। यानी प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अब उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के लिए दिल्ली-मुंबई जाकर धक्के खाने की जरूरत नहीं है।
विकास मिश्र, नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के मुख्य चयनकर्ता और खेल निदेशक डा. आरपी सिंह कहते हैं, राजकुमार पाल बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। पेरिस ओलिंपिक तक सफर तय करने में उनके परिवार का भी अहम रोल है। पहले जूनियर इंडिया और फिर राष्ट्रीय हॉकी टीम में बतौर मिडफील्डर शामिल किए गए।
उन्होंने बताया कि पिछले चार साल से राजकुमार राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं। उनकी बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए पेरिस ओलिंपिक की हॉकी टीम में जगह दी गई थी, जिसे उन्होंने साबित भी किया। उनमें गजब की तेजी है।
आने वाले समय में वह टीम इंडिया के अहम खिलाड़ी होंगे। राजकुमार ने यह साबित किया है कि अगर आप अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़संकल्पित हों तो कोई सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
खेल की सुविधाएं बढ़ीं तो निखरीं प्रतिभाएं
इकाना स्पोर्ट्स सिटी बनने से खुली मेजबानी की राह अटल बिहारी वाजपेयी (इकाना) स्टेडियम केवल क्रिकेट के लिए ही नहीं, बल्कि फुटबॉल, बास्केटबॉल, वालीबॉल, हैंडबाल, बैडमिंटन, स्क्वैश, टेनिस और टेबल टेनिस जैसे खेलों की हाईटेक ट्रेनिंग के लिए भी तैयार है। यहां बाकायदा एक खेल शहर विकसित किया गया है। यानी प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अब उच्चस्तरीय प्रशिक्षण के लिए दिल्ली-मुंबई जाकर धक्के खाने की जरूरत नहीं है।
इकाना स्पोर्ट्स सिटी परिसर में बालक और बालिकाओं के हॉस्टल, सभी खेलों की अकादमी, फैकल्टी बिल्डिंग और गेस्ट हाउस बनाए गए हैं। पिछले साल यहां आइटीएफ टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन हो चुका है।इकाना में इस साल दीपावली तक क्रिकेट के साथ अन्य खेलों की भी अकादमी शुरू होने जा रही है। इकाना स्पोर्ट्स सिटी की वजह से लखनऊ पिछले पांच वर्षों में क्रिकेट विश्व कप, आईपीएल और अब यूपी क्रिकेट लीग की मेजबानी कर रहा है।
खिलाड़ियों की किस्मत बदल रहा साई सेंटर साई सेंटर में खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर जाना जाता है। यहां पर नेशनल सेंटर फार एक्सीलेंस का संचालन होता है, जिसमें कई खेलों की उच्चस्तरीय ट्रेनिंग मुहैया कराई जाती है। सेंटर में प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ाकर 245 कर दी गई है, जो पहले 184 तक सीमित थी।ताइक्वांडो में 40, हॉकी में 85, वेटलिफ्टिंग में 50, कुश्ती में 50 और पहली बार शामिल पैरा ताइक्वांडो व पैरा पावर लिफ्टिंग में 10-10 प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। एनसीओई में उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड, मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय पदक विजेताओं को हाईटेक ट्रेनिंग मिलती है।
साई सेंटर के प्रशिक्षु राजकुमार पाल इस साल पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली टीम इंडिया के अहम सदस्य रहे। राजकुमार ने सेंटर में 2011 में दाखिला लिया था।इसके अलावा भी सूबे के कई खिलाड़ी अलग-अलग खेलों में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सेंटर में देश का दूसरा सबसे बड़ा वेटलिफ्टिंग हाल भी बनाया गया है, जहां ट्रेनिंग के लिए प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम, साई सेंटर, स्पोर्ट्स कॉलेज, यूपी बैडमिंटन अकादमी और अटल बिहारी वाजपेयी (इकाना) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम। ये शहर के ऐसे खेल सेंटर हैं, जहां खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है।इन सेंटरों से पिछले एक साल में कई खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर देश और प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। इनमें हाकी से राजकुमार पाल, शारदानंद तिवारी, आमिर अली, विष्णुकांत, मुमताज खान हैं तो टेबल टेनिस खिलाड़ी दिव्यांश श्रीवास्तव और तनीषा सिंह का नाम भी विशेष रूप से शामिल है। क्रिकेट में भी कई सितारे राष्ट्रीय फलक पर लखनऊ का नाम रोशन कर रहे हैं।