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MS Dhoni की वजह से बर्बाद हुआ Manoj Tiwary का इंटरनेशनल करियर? पूर्व क्रिकेटर ने माही से पूछा बड़ा सवाल, बोले- मुझमें भी कोहली-रोहित...

Manoj Tiwary उन अभागे खिलाड़ियों में शामिल रहे जिनको अपनी काबिलियत दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला। इस बीच बंगाल की ओर से करियर का आखिरी घरेलू मुकाबला खेलने के बाद मनोज ने अपने इंटरनेशनल करियर को लेकर MS Dhoni पर बड़ा आरोप लगाया है। साल 2011 में शतकीय पारी खेलने के बावजूद मनोज को टीम से ड्रॉप कर दिया गया था।

By Shubham Mishra Edited By: Shubham Mishra Updated: Tue, 20 Feb 2024 09:50 AM (IST)
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मनोज तिवारी ने लगाया एमएस धोनी पर बड़ा आरोप।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। एमएस धोनी (MS Dhoni) के कप्तान रहते हुए कई युवा खिलाड़ी भारतीय जर्सी में इंटरनेशनल क्रिकेट के मंच पर चमके। कई खिलाड़ी लंबी रेस का घोड़ा साबित हुए, तो कई प्लेयर्स को सही समय पर पर्याप्त मौके नहीं मिल सके। ऐसा ही एक नाम मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) का रहा। मनोज ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कुछ दमदार पारियां खेलीं, जबकि घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन लगातार दमदार रहा।

हालांकि, मनोज उन अभागे खिलाड़ियों में शामिल रहे, जिनको अपनी काबिलियत का प्रदर्शन करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। इस बीच, बंगाल की ओर से करियर का आखिरी घरेलू मुकाबला खेलने के बाद मनोज ने अपने इंटरनेशनल करियर को लेकर एमएस धोनी पर बड़ा आरोप लगाया है।

धोनी पर लगाया मनोज ने आरोप

मनोज तिवारी ने घरेलू क्रिकेट में अपना आखिरी मैच खेलने के बाद पत्रकारों संग बातचीत करते हुए एमएस धोनी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "मैं एमएस धोनी से यह पूछना चाहता हूं कि साल 2011 में सेंचुरी लगाने के बावजूद मुझे प्लेइंग इलेवन से क्यों ड्रॉप किया गया। मेरे अंदर भी विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसा हीरो बनने की काबिलियत मौजूद थी। आज मैं देख रहा हूं कि कई खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है, जिसे देखकर मुझे दुख पहुंचता है।"

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बता दें कि धोनी की कप्तानी में मनोज तिवारी को ज्यादा मौके नहीं मिल सके थे। शतकीय पारी खेलने के बाद मनोज को अगले 14 मैचों में बेंच पर बैठना पड़ा था।

मनोज का इंटरनेशनल करियर

मनोज तिवारी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। मनोज को विश्व स्तर पर अपनी काबिलियत दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिल सका। मनोज ने अपने करियर के दौरान खेले कुल 12 वनडे मैचों में 26.09 की औसत से 287 रन बनाए। इस दौरान मनोज के बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला।

मनोज ने टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू साल 2011 में किया। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में मनोज को सिर्फ एक ही पारी में बल्लेबाजी करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 15 रन बनाए। मनोज ने वनडे में अपना आखिरी मुकाबला साल 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला, जबकि लास्ट टी-20 इंटरनेशनल मैच उन्होंने साल 2012 में खेला।