यूपी के Mohammed Shami कैसे बने बंगाल के हीरो? IPL में हसी जहां से हुई मुलाकात, फिर तकरार; क्रिकेट ने लौटाया सम्मान
Mohammed ShamiS Life मोहम्मद शमी ने छोटी सी उम्र में ही अपनी तेज गेंदबाजी से अपने गांव और आस-पास के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्धि हासिल कर ली। 3 सितंबर 1990 को उत्तर प्रदेश में जन्मे शमी को अंडर-19 टीम में अपने राज्य से खेलना का मौका नहीं मिला। इसके बाद उनके कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी को कोलकाता भेज दिया। शमी ने साल 2013 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया।
By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 18 Nov 2023 07:07 PM (IST)
जेएनएन, नई दिल्ली। Mohammed Shami'S Life। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के सहसपुर अलीनगर की मिट्टी ने नायाब हीरे को गढ़ा, जिसे दुनिया मोहम्मद शमी के नाम से जानती है। बचपन में गांव के मैदान में खेलने वाले लड़के ने लॉर्ड्स से लेकर वानखेड़े स्टेडियम तक एक ऐसा जलवा बिखेरा जिसकी पूरी पूरी दुनिया मुरीद हो गई।
छोटी सी उम्र में ही शमी ने अपनी तेज गेंदबाजी से अपने गांव और आस-पास के क्षेत्रों में काफी प्रसिद्धि हासिल कर ली। शमी की काबिलियत को देखकर उनके पिता ने उन्हें मुरादाबाद के सोनकपुर स्टेडियम में बदरुद्दीन सिद्दीकी के पास कोचिंग करने भेजा। वहां पर उन्होंने तेज गेंदबाजी की बारीकियों को सीखा।
बंगाल जाकर खुली शमी की किस्मत
3 सितंबर 1990 को उत्तर प्रदेश में जन्मे शमी को अंडर-19 टीम में अपने राज्य से खेलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद उनके कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने उन्हें कोलकाता भेज दिया। बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सहायक सचिव देवव्रत दास उनकी गेंदबाजी के कायल हो गए। उन्होंने शमी को मोहन बागान क्लब भेजा। शमी ने बंगाल में खेलते हुए खूब पसीना बहाया। शमी ने भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली से भी काफी कुछ सीखा।
शमी की मेहनत आखिरकार रंग लाई और उन्हें 2010 के अक्टूबर में घरेलू क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। इसके बाद साल 2011 में शमी ने विजय हजारे ट्रॉफी में ओडिशा के खिलाफ लिस्ट-ए-क्रिकेट में अपना डेब्यू किया। साल 2012 में शमी भारत ए टीम के लिए चुने गए।