Mohammed Shami Life: गद्दार; बेवफा; एक्सीडेंट... शमी ने तमाम तकलीफें झेलने के बावजूद कर दिया बड़ा कारनामा, आपको देश का सैल्यूट!
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस समय बेहतरीन फॉर्म में चल रहे हैं। शमी ने अपनी कहर बरपाती गेंदों से बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा कर रखा है। मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। इतनी उपलब्धियां हासिल करने वाली शमी की जिंदगी संघर्षों से भरी रही। मोहम्मद शमी की जिंदगी से जुड़े पहलु जानें यहां।
By Priyanka JoshiEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Thu, 16 Nov 2023 01:08 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Mohammed Shami Life Journey। कहते है ना कि इंसान के लिए संघर्ष से बड़ा कुछ नहीं होता है। जीवन में आगे बढ़ता वही है, जो बदलना सीख जाता है। हर किसी की शुरुआत एक सपने से ही होती है, लेकिन उस सपने को हकीकत में कैसे बदला जाए ये बिना कोशिश के किसी को भी नसीब नहीं होता है।
ऐसा ही एक सपना उत्तर प्रदेश के अमरोहा के गांव सहसपुर अली नगर में जन्मे एक मामूली परिवार के लड़के ने देखा था, जिसने क्रिकेट जगत में एंट्री करते ही हर जगह खलबली मचा दी।
उसकी जिंदगी में कई ऐसे पल आए जब वह अपनी किस्मत को कोसता जरूर रहा, लेकिन उसने बिना किसी से शिकायत करें अपने सपने को टूटने नहीं दिया। जिद्द, लगन और काबिलियत ऐसी कूट-कूटकर भरी हुई कि वर्ल्ड में उसने अपनी छवि विलेन से एक हीरो में बदल दी। यह एक ऐसे क्रिकेटर हैं जो सिर्फ अपने खेल पर ही ध्यान देते है और उन्होंने हाल ही में इसका नजारा पूरी दुनिया को दिखा दिया।
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ये और कोई नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ही हैं, जिन्होंने वर्ल्ड कप 2023 में लगातार अपनी गेंदबाजी से दुनिया को यह साबित कर दिया है कि वह वर्ल्ड के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं।
Mohammed Shami की कामयाबी में उनके पिता का रहा बड़ा हाथ
दरअसल, भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने अपनी संघर्ष भरी कहानी से युवाओं के लिए यह सच साबित कर दिखाया कि कभी भी जिंदगी में हार नहीं माननी चाहिए। अगर आपका लक्ष्य बिल्कुल साफ है तो उसे हासिल करना नामुमकिन नहीं।वर्ल्ड में अपनी चमक बिखेर चुके मोहम्मद शमी के लिए नाम, रुतबा कमाना आसान नहीं था। अमरोहा के एक गांव सहसपुर अली नगर के मामूली परिवार में जन्मे थे। उनके पिता तौसीफ अली खेती का काम करते थे, लेकिन उन्हें शुरुआत से ही क्रिकेट में रुचि रही।
शमी के पिता का गेंदबाजी में उनकी कामयाबी में बड़ा योगदान रहा। खुद तौसीफ तेज गेंदबाजी का शौक रखते थे, लेकिन गरीब परिवार में जन्मे तौसीफ ने जिम्मेदारियों के बीच अपना सपना त्याग दिया। उन्हें लगा था कि यह उनकी किस्मत में नहीं है। फिर उन्होंने सोचा कि मेरे बच्चे मेरा सपना पूरा करेंगे। ऐसे में उनके चार लड़कों में से एक लड़के मोहम्मद शमी थे, जिसे देखकर तौसीफ अली में एक उम्मीद जागी कि वह उनका अधूरा सपना पूरा कर सकते हैं।
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शमी के पिता ने अपने बेटे के लिए खेत में ही सीमेंट की पिच बनवाई। इसके बाद 15 साल तक दोनों ने खूब ट्रेनिंग की और 15 साल की उम्र में उनके पिता शमी को उत्तर प्रदेश की अकादमी लेकर गए, लेकिन काबिलियत के बावजूद उनका अंडर-19 में सेलेक्शन होने से रह गया। इस वक्त उनका दिल टूट गया।इसके बाद उनके कोच ने उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें कोलकाता भेजा गया। शमी ने कोच की सलाह के बाद उन्होंने डलहौजी क्रिकेट क्लब के लिए खेलने शुरू कर दिया।
इस दौरान बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सहायक सचिन देवव्रत उनकी गेंदबाजी से प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने ही शमी को मोहन बागान क्लब भेजा। फिर शमी ने बंगाल की रणजी टीम में जगह बनाई। फिर आया 6 जनवरी 2012 का दिन, जब पाकिस्तान के खिलाफ शमी ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया।यह भी पढ़ें: IND vs SL: Mohammed Shami ने बरपाया गेंद से कहर, हरभजन-जहीर का बड़ा रिकॉर्ड चकनाचूर; स्टार्क की कर डाली बराबरी