Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

On This Day: 24 साल का सूखा हुआ खत्म, ड्रीम फाइनल में पाकिस्तान को हरा वर्ल्ड चैंपियन बना भारत, माही युग की हुई शुरुआत

भारतीय टीम ने रोहित शर्मा की कप्तानी में इसी साल टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता। ये टीम इंडिया का दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खिताब था। इससे पहले भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में साल 2007 में आज ही के दिन पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था। यहीं से शुरू हुआ था माही युगा जिसने भारत को कई यादगार पल दिए।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Tue, 24 Sep 2024 08:38 AM (IST)
Hero Image
भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीता टी20 वर्ल्ड कप

 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। साल 2007। इस साल आईसीसी ने पहला टी20 वर्ल्ड कप आयोजित कराया था। ये टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका में खेला गया था। टीम इंडिया इस टूर्नामेंट में नए नवेले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेल रही थी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि टीम इंडिया वर्ल्ड चैंपियन बनेगी वो भी उस फॉर्मेट में जिसे वो बहुत कम खेलती है। लेकिन धोनी और भारतीय क्रिकेट की किस्मत को कुछ और मंजूर था। आज ही के दिन यानी 24 सितंबर को भारत ने पहला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था और यहीं से शुरू हुआ था 'माही युग'

किसी भी क्रिकेट प्रेमी के लिए इस टूर्नामेंट का फाइनल ड्रीम फाइनल था क्योंकि ये खिताबी मुकाबला दो चिर प्रतिद्वंदियों के बीच में खेला गया था। भारत और पाकिस्तान की टीमें पहले खिताब के लिए भिड़ी थीं। मैदान था जोहान्सबर्ग का न्यू वांडर्स स्टेडियम, जहां सांसे रोक देने वाले मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को आखिरी ओवर में हरा खिताब जीता था।

यह भी पढे़ं- Rishabh Pant की धोनी से तुलना करना Dinesh Karthik को नहीं हुआ हजम, पूर्व क्रिकेटर ने बयां की मन की बात

24 साल का सूखा खत्म

भारत ने 24 साल बाद विश्व चैंपियन का तमगा हासिल किया था। इससे पहले टीम इंडिया ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था। हालांकि, वो वनडे वर्ल्ड कप था। तब इंटरनेशनल स्तर पर टी20 की शुरुआत भी नहीं हुई थी। कपिल देव की उस ऐतिहासिक जीत के बाद भारत ने 24 साल बाद फिर वर्ल्ड चैंपियन का तमगा हासिल किया।

फाइनल से पहले मिली थी बुरी खबर

भारत के लिए ये मुकाबला आसान नहीं रहा था। मैच से एक दिन पहले ही भारत को बुरी खबर मिली थी। टीम के तूफानी ओपनर वीरेंद्र सहवाग को चोट लग गई थी और धोनी के सामने संकट था उनके रिप्लेसमेंट का। उनके स्थान पर चुना गया युसूफ पठान को। पठान ने इस खिताबी मुकाबले के साथ ही अपना टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। मोहम्मद आसिफ पर पठान ने छक्का मार अपने इरादे जता दिए। लेकिन उन्हीं की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में वह आउट भी हो गए। मिडऑफ से पीछे भागते हुए शोएब मलिक ने उनका कैच लपका। पठान ने आठ गेंदों पर एक चौके और एक छक्के की मदद से 15 रन बनाए।

गंभीर की पारी

रोबिन उथप्पा के रूप में भारत ने दूसरा विकेट खोया जो आठ रन बनाकर सोहेल तनवीर का शिकार हुए। भारत की रनगति काफी धीमी थी। टूर्नामेंट के स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह 19 गेंदों पर महज 14 रन बनाकर उमर गुल का शिकार बन गए। हालांकि, गंभीर एक छोर पर खड़े थे और पाकिस्तानी गेंदबाजों से अकेले लोहा ले रहे थे। युवराज के बाद गुल ने धोनी को भी छह रनों के निजी स्कोर पर आउट कर दिया। गंभीर की 54 गेंदों पर आठ चौके और दो छक्कों की मदद से खेली गई 75 रनों की पारी का अंत भी 18वें ओवर की आखिरी गेंद पर गुल ने कर दिया।

अंत में रोहित शर्मा ने 16 गेंदों पर दो चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 30 रन बनाकर भारत को 150 के पार पहुंचाया। रोहित के साथ इरफान पठान तीन रन बनाकर नाबाद रहे और भारत ने पांच विकेट के नुकसान पर 157 रनों का स्कोर खड़ा किया।

श्रीसंत का एतिहासिक कैच

भारत को शुरुआती सफलता चाहिए थी जो उसे आरपी सिंह ने मोहम्मद हफीज को आउट कर दिला दी। इमरान नजीर ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे। उनकी पारी का अंत उथप्पा ने रन आउट कर कर दिया। नजीर ने 14 गेंदों पर 33 रन बनाए। उनसे पहले आरपी सिंह ने कामरान अकमल को पवेलियन भेज दिया था। यूनिस खान 24 रन बनाकर लौट लिए। कप्तान मलिक को पठान ने अपना शिकार बनाया। शाहिद अफरीदी भी पठान का शिकार बने।

77 रनों पर छह विकेट खोने के बाद पाकिस्तान की हार तय लग रही थी लेकिन मिस्बाह उल हक ने लड़ाई जारी रखी। उन्होंने हरभजन सिंह के एक ओवर में तीन छक्के मार पाकिस्तान को मैच में वापस ला दिया। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे। धोनी ने जोगिंदर शर्मा से गेंदबाजी कराई। पहली गेंद वाइड फेंकने के बाद जोगिंदर सामने छक्का खा गए। फिर तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप खेलने की गलती कर दी और शॉर्ट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने उनका कैच लपक पाकिस्तान की आखिरी विकेट गिरा भारत को विश्व चैंपियन बना दिया।

माही युग की शुरुआत

धोनी ने पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी की और खिताब अपने नाम कर लिया। इसके बाद धोनी वनडे में भी टीम के कप्तान बने। चार साल बाद धोनी की कप्तानी में ही भारत ने वनडे वर्ल्ड कप जीता। 2013 में धोनी की कप्तानी में ही भारत ने इंग्लैंड को हरा चैंपियंस ट्रॉफी जीती। धोनी अभी तक इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिसके हिस्से आईसीसी की तीनों ट्रॉफी हैं।

यह भी पढ़ें- IND vs BAN 1st Test: 'मैं वैसा ही बनना चाहता हूं', MS Dhoni से तुलना पर Rishabh Pant ने दिया दिल जीत लेने वाला जवाब