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Virat Kohli की कप्तानी में हुआ था 'चमत्कार', ओवल में 50 साल बाद हाथ लगी जीत, चूर-चूर हुआ था अंग्रेजों का घमंड

साल 2021 और तारीख थी 6 सितंबर। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने वो चमत्कार कर दिखाया था जो बड़े-बड़े कप्तान नहीं कर सके थे। ओवल के मैदान पर कोहली की सेना ने नया इतिहास कायम किया था और इस ऐतिहासिक जीत के कई हीरो रहे थे। 1971 के बाद पहली बार आज से ठीक दो साल पहले टीम इंडिया ने ओवल में जीत का स्वाद चखा था।

By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Wed, 06 Sep 2023 10:10 AM (IST)
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भारतीय टीम ने ओवल में 50 साल बाद इंग्लैंड को पटखनी दी थी।

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। साल 2021 और तारीख थी 6 सितंबर। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड की धरती पर वो चमत्कार कर दिखाया था, जो बड़े-बड़े कप्तान नहीं कर सके थे। द ओवल के मैदान पर कोहली की सेना ने नया इतिहास कायम किया था और इस ऐतिहासिक जीत के कई हीरो रहे थे। साल 1971 के बाद पहली बार आज से ठीक दो साल पहले टीम इंडिया ने ओवल में 50 साल का सूखा खत्म करते हुए जीत का स्वाद चखा था। आइए आपको बताते हैं कैसे मिट्टी में मिला था अंग्रेजों का गुरूर और किन खिलाड़ियों के आगे पस्त हुई थी इंग्लिश टीम।

पहली पारी में बैटिंग ऑर्डर फ्लॉप

टीम इंडिया के बल्लेबाजों का पहली पारी में हाल बेहाल हुआ था। रोहित, पुजारा से लेकर जडेजा और रहाणे तक हर कोई पुरी तरह से फ्लॉप रहा था। सिर्फ विराट कोहली के बल्ले से ही एकमात्र अर्धशतक निकल सका था, जिसके बूते भारतीय टीम जैसे-तैसे 191 रन तक पहुंचने में सफल रही थी। इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारत के मुकाबले पहली पारी में अच्छा खेल दिखाया था और 99 रन की अहम बढ़त हासिल की थी। यानी इंग्लिश टीम मैच में पूरी तरह से हावी थी और कोहली की सेना बैकफुट पर थी।

दूसरी इनिंग में रोहित-पुजारा का कमाल

पहली पारी में 99 रन से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम को दूसरी इनिंग में दमदार बल्लेबाजी करने की दरकार थी। टीम की नैया को बल्ले से पार लगाने का जिम्मा उस मैच में रोहित शर्मा ने उठाया था। दूसरी इनिंग में हिटमैन ने अपनी बल्लेबाजी से दिल जीत लिया था और 127 रन की यादगार पारी खेली थी। रोहित को पुजारा का अच्छा साथ मिला था और टीम इंडिया की दीवार कहे जाने वाले बल्लेबाज ने 61 रन की शानदार पारी खेली थी। कोहली के बल्ले से भी 44 रन निकले थे, तो पंत ने भी फिफ्टी ठोकी थी। शार्दुल ठाकुर ने महज 72 गेंद पर 60 रन कूट डाले थे, जिसके बूते दूसरी पारी में भारतीय टीम स्कोर बोर्ड पर 466 रन बनाने में सफल रही थी।

गेंदबाजों ने बरपाया था कहर

इंग्लैंड के सामने 368 रन का लक्ष्य था और अब टीम की लाज बचाने की जिम्मेदारी गेंदबाजों के जिम्मे थे। उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह शुरुआत से ही इंग्लिश बैटिंग ऑर्डर पर कहर बनकर टूटे। उमेश ने तीन विकेट निकाले, तो बुमराह के खाते में दो विकेट आए। रही-सही कसर रवींद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर ने पूरी की और इंग्लैंड की टीम को महज 210 रन पर समेट डाला। ओवल के मैदान पर इतिहास रच दिया गया था और कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 50 साल बाद जीत का स्वाद चखा था।