PAK vs AFG: यह हार नहीं पाकिस्तान क्रिकेट के मुंह पर तमाचा है! ऐसे World Cup नहीं जीता जाता है कप्तान Babar Azam
खराब कप्तानी हद से ज्यादा गिरी हुई फील्डिंग और दिल खोलकर रन लुटाते तेज गेंदबाज। चेन्नई के चेपॉक मैदान पर ड्रेसिंग रूम की तरफ जाते पाकिस्तानी खिलाड़ियों के शर्म से झुके हुए सिर अफगानिस्तान के खिलाफ मिली शर्मनाक हार की कहानी बयां कर रहे थे। भारत की धरती पर वर्ल्ड कप जीतने का सपना संजोकर आई बाबर आजम की सेना सोमवार की रात अफगानिस्तान से पार नहीं पा सकी।
शुभम मिश्रा, नई दिल्ली। PAK vs AFG World Cup 2023: खराब कप्तानी, हद से ज्यादा गिरी हुई फील्डिंग और दिल खोलकर रन लुटाते तेज गेंदबाज। चेन्नई के चेपॉक मैदान पर ड्रेसिंग रूम की तरफ जाते पाकिस्तानी खिलाड़ियों के शर्म से झुके हुए सिर अफगानिस्तान के खिलाफ मिली शर्मनाक हार की कहानी बयां कर रहे थे। भारत की धरती पर वर्ल्ड कप जीतने का सपना संजोकर आई बाबर आजम की सेना सोमवार की रात अफगानिस्तान से पार नहीं पा सकी।
बल्लेबाजी में तो चलो कप्तान बाबर और शफीक मिलकर लाज बचा ले गए, लेकिन जिन तेज गेंदबाजों पर पाकिस्तान टीम को नाज थे वही चेपॉक में टीम की कभी नहीं भूल पाने वाली हार का कारण बने। अफगानिस्तान को भले ही वनडे क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ यह पहली जीत नसीब हुई हो, पर यह कोई उलटफेर नहीं था, बल्कि अफगानियों ने खेल के तीनों ही विभाग में बाबर एंड कंपनी को चारों खाने चित करते हुए इतिहास रचा।
बाबर यह कैसी कप्तानी?
चेन्नई की पिच को देखते हुए 283 रन का लक्ष्य कोई छोटा-मोटा लक्ष्य नहीं था। हालांकि, बाबर आजम अपने गेंदबाजों और टीम को एकसाथ लेकर ही नहीं चल सके। गुरबाज और इब्राहिम जादरान की सलामी जोड़ी पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों की स्पीड का इस्तेमाल करते हुए आसानी से रन बना रही थी। चौके-छक्कों की बरसात हो रही थी, लेकिन कप्तान इसके बावजूद अपने स्पिनर्स के पास 11वें ओवर में गए।
ध्यान देने वाली बात यह थी कि चेपॉक की पिच से स्पिन गेंदबाजों का खासी मदद मिलती है और इसका नमूना पहली पारी में अफगानिस्तान के स्पिनर्स ने पेश कर ही दिया था। पहले ओवर में ही 17 रन खाने वाले हैरिस रऊफ से लगातार गेंदबाजी कराने का फैसला बाबर ने क्यों लिया, अब यह वो वही जाने।
पाकिस्तान दो स्पिनर के साथ उतरी थी और दोनों ही गेंदबाज अपने कोटे के 10 ओवर नहीं फेक सके। कैच ड्रॉप हो रहे थे और फील्डर्स बाउंड्री रोकने में नाकाम हो रहे थे। टीम मैदान पर बिखरी-बिखरी सी लग रही थी, लेकिन फिर भी बाबर आजम ने एकबार फिर टीम को एकजुट करने की कोशिश तक नहीं की।
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फील्डिंग तो माशा-अल्लाह!
अफगानिस्तान अगर 283 रन के लक्ष्य को हंसते-खेलते हासिल करने में सफल रही, तो इसके पीछे पाकिस्तान की खराब फील्डिंग का सबसे बड़ा हाथ रहा। बाउंड्री लाइन पर जाती हर गेंद को पाकिस्तानी फील्डर्स रोकने में नाकाम हो रहे थे। किसी गेंद पर फील्डर्स का हाथ तो लगता, पर वो बॉल को बाउंड्री लाइन के पार पहुंचाने के लिए। कभी फील्डर का बैलेंस खराब हो जाता, तो कभी गेंद को जज करने में गलती हो जाती। पाकिस्तान के फील्डर्स की यह कहानी एक या दो बार नहीं, बल्कि पूरे मैच में चली।
ऐसे जीतोगे वर्ल्ड कप पाकिस्तान?
वर्ल्ड कप 2023 में जब पाकिस्तान उतरा था, तो उनको अपनी फास्ट बॉलिंग पर काफी नाज था। शाहीन अफरीदी और हैरिस रऊफ के दम पर कप्तान बाबर आजम खुद इतरा रहे थे, लेकिन बाबर की सबसे बड़ी ताकत ही विश्व कप में सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभरी है। ना तो शाहीन विकेट निकाल पा रहे हैं और रऊफ की तो जमकर धुनाई हो रही है।
स्पिनर्स ने पहले ही पाकिस्तान का बेड़ा गर्क कर रखा है। बाबर आजम की सेना की राह लगातार तीन हार के बाद मुश्किल हो चली है। हालांकि, कड़वा सच यह है कि पाकिस्तान की यह टीम अंतिम चार में पहुंचने के काबिल बिल्कुल भी नहीं है। कप्तान बाबर को आंखें खोलनी होंगी, क्योंकि विश्व कप जीतने का सपना बंद आखों और ऐसे घटिया प्रदर्शन से साकार नहीं होता है।