Ranji Trophy: रणजी ट्रॉफी में गलती सुधारने उतरेंगे इशान किशन और श्रेयस अय्यर, करियर पर है खतरा!
भारत के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी की शुरुआत आज से हो रही है। इसमें सबसे ज्यादा नजरें इशान किशन और श्रेयस अय्यर पर होंगी जिन्हें पिछली बार घरेलू क्रिकेट की नदरअंदाजी करने पर बीसीसीआई का सख्त रुख देखना पड़ा था। दोनों इस कप्तानी करते नजर आएंगे। अय्यर को मुंबई का कप्तान बनाया गया है जो वहीं इशान झारखंड की कप्तानी करते नजर आएंगे।
पीटीआई, नई दिल्ली: रणजी ट्रॉफी का 90वां सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। ऐसे में मुंबई के कप्तान श्रेयस अय्यर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को ढर्रे पर लाना चाहेंगे तो झारखंड के कप्तान इशान किशन की नजरें भी अपने बारे में लोगों की धारणा बदलने पर लगी होंगी।
पिछले वर्ष रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने के कारण इन दोनों खिलाड़ियों को बीसीसीआई का केंद्रीय अनुबंध गंवाना पड़ा था। दोनों सितारों को नसीहत देकर बीसीसीआई ने सख्त संदेश दिया था कि आईपीएल नीलामी में हाथोंहाथ बिकने वालों को भी देश के क्रिकेट की नींव रणजी ट्रॉफी को सम्मान देना होगा।
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अय्यर पर खतरा
अय्यर ने भारतीय टीम का हिस्सा बनने से पहले 2015-16 रणजी सत्र में 1321 रन बनाए थे। वनडे प्रारूप की घटती प्रासंगिकता के बीच अय्यर करियर के ऐसे दोराहे पर खड़े हैं जहां चयनकर्ताओं का ध्यान उन पर से हटते देर नहीं लगेगी। वहीं इशान ने झारखंड की कप्तानी स्वीकार करके चयनकर्ताओं को संकेत दे दिए हैं।
पुजारा से उम्मीद
इस बीच, सौराष्ट्र को भी चेतेश्वर पुजारा से रनों का अंबार लगाने की उम्मीद होगी जबकि एक समय भारतीय टीम में उनके साथी रहे खिलाड़ियों को बखूबी पता है कि ऑस्ट्रेलिया में उनकी कमी खलेगी। रणजी ट्रॉफी का आधा सत्र शीर्ष के 60 खिलाड़ियों के बिना ही होगा। रणजी ट्रॉफी में देश के शीर्ष 17-18 खिलाड़ी नजर नहीं आएंगे जो 16 अक्टूबर से सात जनवरी के बीच आठ टेस्ट मैच खेलेंगे।
वहीं अगले 18 खिलाड़ी एक ही दौर में खेल सकेंगे जिसके बाद वे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाने वाली भारत ए टीम का हिस्सा होंगे। वहीं अगले 15 दक्षिण अफ्रीका में चार मैचों की टी-20 सीरीज के कारण उपलब्ध नहीं होंगे। इसके बाद के 15 खिलाड़ी मस्कट में इमर्जिंग एशिया कप टूर्नामेंट खेलेंगे।