भविष्य के 'जडेजा' ने Ranji Trophy में मचाई तबाही, 53 रन पर 10 विकेट गंवाकर हारी मयंक अग्रवाल की टीम
मैच के आखिरी दिन गुजरात ने अपनी दूसरी पारी में 109 रन की मामूली बढ़त हासिल की और कर्नाट को जीत के लिए 110 रन का लक्ष्य दिया। मयंक अग्रवाल और देवदत्त पडिक्कल ने पहले विकेट लिए 50 रन की साझेदारी की। कर्नाटक जीत की तरफ आसानी से बढ़ रहा था। तभी सिद्धार्थ देसाई ने दोनों ओपनरों को आउट कर मैच में जान फूंक दी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। रणजी ट्रॉफी में सोमवार को गुजरात और कर्नाटक के बीच एक कमाल का मैच देखने को मिला। सभी को लग रहा था कि कर्नाटक यह मैच आसानी से जीत जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गुजरात का एक युवा गेंदबाज कर्नाटक की टीम पर ऐसा कहर बनकर टूटा कि पूरी टीम मिलकर 110 रन भी नहीं बना सकी।
मैच के आखिरी दिन गुजरात ने अपनी दूसरी पारी में 109 रन की मामूली बढ़त हासिल की और कर्नाट को जीत के लिए 110 रन का लक्ष्य दिया। मयंक अग्रवाल और देवदत्त पडिक्कल ने पहले विकेट लिए 50 रन की साझेदारी की। कर्नाटक जीत की तरफ आसानी से बढ़ रहा था। तभी सिद्धार्थ देसाई ने दोनों ओपनरों को आउट कर मैच में जान फूंक दी।
मयंक और देवदत्त के बीच हुई 50 रन की साझेदारी
मयंक (19) और देवदत्त (31) के आउट होने के बाद कर्नाटक के बल्लेबाज तू चल मैं आया के नियम का पालन करते हुए दिखाई दिए। 55 के स्कोर पर दो विकेट थे और 103 तक पहुंचते-पहुंचते पूरी टीम पवेलियन लौट गई। तीन बल्लेबाज अपना खाता नहीं खोल सके और पांच बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू सके।
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सिद्धार्थ देसाई ने मचाई तबाही
टीम के लिए तीन सर्वाधिक देवदत्त पडिक्कल ने बनाए। शुभांग हेगड़े ने 27 रन का योगदान दिया। कर्नाटक के बल्लेबाज सिद्धार्थ देसाई का सामना नहीं कर सके। सिद्धार्थ ने तबाही मचाते हुए 13 ओवर में 4 मेडन और मात्र 42 रन खर्च कर 7 विकेट चटकाए। रिंकेश वाघेला को तीन विकेट। दोनों ने मिलकर कर्नाटक के जबड़े से जीत छीन ली।
रवींद्र जडेजा से हो रही तुलना
गुजरात की टीम को शानदार जीत दिलाने वाले बाएं हाथ के स्पिनर सिद्धार्थ देसाई की तुलना रवींद्र जडेजा से हो रही है। देसाई को भविष्य का रवींद्र जडेजा कहा जा रहा है। उनके कोच बलविंदर सिंह संधू का कहना था कि वह आगे चलकर भारतीय टीम में रवींद्र जडेजा की जगह ले सकते हैं।