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Ravindra Jadeja: सर्जरी नहीं कराने से रवींद्र जडेजा की बढ़ी समस्या, 4 से 6 महीने के लिए हुए मैदान से बाहर

Ravindra Jadeja injury रवींद्र जडेजा को ठीक होने में चार से छह महीने का समय लग सकता है। हो सकता है कि उन्हें आगे टेस्ट प्रारूप को छोड़ना भी हो क्योंकि घुटने की चोट के कारण क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में खेलना मुश्किल होता है।

By Sanjay SavernEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 09:49 PM (IST)
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भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (एपी फोटो)
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। घुटने की चोट के कारण एक दिन पहले एशिया कप से बाहर हुए भारतीय आलराउंडर रवींद्र जडेजा इस साल अक्टूबर-नवंबर में आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप से भी बाहर हो गए हैं। घुटने की चोट की वजह से जडेजा जल्द ही सर्जरी करानी होगी। इसी कारण वह टी-20 विश्व कप नहीं खेल पाएंगे। उन्हें ठीक होने में चार से छह महीने का समय लग सकता है। हो सकता है कि उन्हें आगे टेस्ट प्रारूप को छोड़ना भी हो क्योंकि घुटने की चोट के कारण क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में खेलना मुश्किल होता है।

सर्जरी नहीं कराई और चोट बढ़ती गई : पिछले साल दिसंबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद जडेजा की यह चोट उभरी थी। इस कारण वह सीरीज के दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए। डाक्टरों ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी लेकिन इसके कारण उन्हें चार से छह महीने मैदान से बाहर रहना पड़ता। ऐसे में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स से मिल रहे 16 करोड़ और कप्तानी से भी हाथ धोना पड़ा। यही नहीं भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ टी-20 विश्व कप से पहले जडेजा को खोना नहीं चाहते थे। इसके बाद एनसीए और कुछ अन्य डाक्टरों की सलाह ली गई। इसमें से कुछ ने सलाह दी कि इंजेक्शन लगाकर कुछ महीने या टी-20 विश्व कप तक जडेजा के घुटने को संभाला जा सकता है और इसके बाद वह सर्जरी करा लेंगे। द्रविड़ को लगता था कि अगर भारत टी-20 विश्व कप जीतेगा तो उसमें जडेजा की अहम भूमिका होगी।

गेंदबाजी कराई गई कम : डाक्टरों ने यह भी सलाह दी थी कि इस बीच जडेजा का सीमित इस्तेमाल किया जाए और घुटने पर ज्यादा जोर नहीं पड़े। मार्च में श्रीलंका के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में वापसी करने के बाद जडेजा ने बल्लेबाजी में ज्यादा जोर लगाया और गेंदबाजी सीमित की। टेस्ट हो या टी-20 जडेजा ने गेंदबाजी में उतना जोर नहीं लगाया जितना वह पहले लगाते थे क्योंकि गेंदबाजी में घुटने पर ज्यादा जोर लगता है। उनकी उपयोगिता बनाए रखने के लिए टीम प्रबंधन ने उन्हें टी-20 में चौथे नंबर पर भी बल्लेबाजी के लिए भेजा। वह टेस्ट में कुछ ऊपर उतरे। कई टी-20 मैचों में उनसे उनके कोटे के चार ओवर भी नहीं कराए गए। हालांकि इसके बावजूद चोट तो चोट है जो फिर उभर आई। वह एशिया कप में दो मैच खेलने के बाद ही चोटिल हो गए। अब इंजेक्शन और रीहैब से वापसी मुश्किल है इसलिए सर्जरी कराने का निर्णय लिया गया है।

इस बीच, टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का भी इसे लेकर बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'मैं अभी जडेजा को विश्व कप से बाहर नहीं करना चाहता। टी-20 विश्व कप से पहले देखना होगा कि छह-आठ सप्ताह तक उनकी स्थिति कैसी रहती है। यह हर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है।'