Move to Jagran APP

देश की हर मां को समर्पित भारत रत्न

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके रिकाडरें के बादशाह सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया। मास्टर बल्लेबाज ने रविवार को अपना भारत रत्न देश की सभी मांओं को समर्पित किया। सचिन ने वानखेड़े स्टेडियम में अपना 200वां टेस्ट खेलकर भावुक विदाई लेने के 24 घंटे बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने शनिवार को कहा था कि भारत रत्न मेरी मां के लिए है क्योंकि उन्होंने मेरे लिए कई बलिदान किए हैं। बचपन में आप जीवन को समझ नहीं पाते, लेकिन बड़े होने

By Edited By: Updated: Mon, 18 Nov 2013 10:25 AM (IST)

मुंबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके रिकाडरें के बादशाह सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया। मास्टर बल्लेबाज ने रविवार को अपना भारत रत्न देश की सभी मांओं को समर्पित किया। सचिन ने वानखेड़े स्टेडियम में अपना 200वां टेस्ट खेलकर भावुक विदाई लेने के 24 घंटे बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने शनिवार को कहा था कि भारत रत्न मेरी मां के लिए है क्योंकि उन्होंने मेरे लिए कई बलिदान किए हैं। बचपन में आप जीवन को समझ नहीं पाते, लेकिन बड़े होने पर इसका एहसास होता है। भारत रत्न सिर्फ मेरी मां के लिए नहीं है, बल्कि भारत की लाखों माताओं के लिए हैं जो अपने बच्चों के लिए कई कुर्बानियां देती हैं। इसीलिए मैं यह देश की उन तमाम माओं को समर्पित करना चाहूंगा।'

पढ़ें: क्रिकेट से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

उन्होंने कहा, 'मैं काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। क्रिकेट में 24 साल तक मेरे योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। मैंने हर बार बेहतर प्रदर्शन की कोशिश की और लोगों की सराहना से मुझे अगली बार और बेहतर करने की प्रेरणा मिली। यह पुरस्कार वास्तव में समूचे देश का है। मैं पूरे खेल जगत की ओर से यह सम्मान ले रहा हूं और मुझे उम्मीद है कि मेरे बाद बाकी खिलाड़ियों के लिए भी दरवाजे खुलेंगे।' उन्होंने भारत रत्न पाने वाले वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव को भी बधाई दी।

सचिन ने कहा कि मेरे लिए सबसे अहम 24 साल खेलना रहा। इस दौरान अलग-अलग चुनौतियां आईं लेकिन परिवार, दोस्तों, खिलाड़ियों और कोचों का साथ हमेशा बना रहा। यह एक स्वप्निल सफर था। कल रात बैठकर जब मैं सोच रहा था तो विश्वास नहीं हुआ कि अब कभी क्रिकेट नहीं खेलना है। लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि कहीं न कहीं खेल सकता हूं। अपने करियर को विराम देने का यह सबसे सही समय था। मुझे अपने करियर में कहीं कोई अफसोस नहीं है। मैंने सही वक्तपर क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया। मेरे लिए यह बहुत ही मजेदार रहा। क्रिकेट हमेशा मेरे लिए ऑक्सीजन की तरह रही। उन्होंने यह भी कहा कि वह टीम का हिस्सा हों या न हों, देश उनके लिए हमेशा सबसे पहले रहा है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि वह देश की जीत के लिए कोशिश और दुआ करते रहेंगे।

मास्टर बल्लेबाज ने कहा कि मैंने अपने जीवन के 40 साल में से 30 साल केवल क्रिकेट खेली। यानि मेरे जीवन का 75 फीसदी हिस्सा क्रिकेट से ही जुड़ा रहा। मेरा क्रिकेट के साथ जुड़ाव कहीं न कहीं बना रहेगा। आगे मैं क्या करना चाहूंगा इसके लिए मुझे अभी समय लगेगा। रिटायर हुए अभी 24 घंटे ही हुए है। आराम करने के लिए 24 दिन तो मिलने ही चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मैं रोजाना की तरह सुबह सवा छह बजे उठा और अपने काम शुरू किए। लेकिन तभी मुझे लगा कि मुझे मैच तो खेलने जाना ही नहीं है। आराम से अपने लिए चाय बनाई और अंजलि के साथ शानदार नाश्ता किया। यह एक रिलेक्स सुबह थी। मैंने अपने सभी शुभचिंतकों के एसएमएस के जवाब दिए।

उन्होंने कहा कि मेरे लिए 2011 में विश्व कप जीतने और कल का पल सबसे खास रहा। मुझे विश्व कप जीतने के लिए 22 साल तक लंबा इंतजार करना पड़ा। विश्व कप जीतना मेरे लिए खास पल रहे। कल का दिन भी बहुत विशेष था। मैं नहीं जानता कि मैं इसके लिए क्या कहूं। मैं इसके लिए सिर्फ बड़ा थैंक्यू कहना चाहता हूं।'

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर