बढ़ती उम्र, खराब प्रदर्शन या फिर कुछ और... क्यों Shikhar Dhawan नहीं बना पा रहे भारतीय टीम में जगह
Shikhar Dhawan धवन ने बांग्लादेश दौरे पर अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला खेला था और उस बात को अब छह महीने से ऊपर हो गए हैं। टी-20 टीम से तो गब्बर का नाता भारतीय सेलेक्टर्स ने बहुत पहले ही तोड़ दिया था लेकिन अब वनडे में भी उनको जगह नहीं मिल रही है। वेस्टइंडीज से भारत को तीन वनडे मुकाबले खेलने हैं पर टीम में धवन का नाम शुमार नहीं है।
By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Sat, 15 Jul 2023 04:59 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। "मेरा फोकस जाहिर तौर पर अगले साल होने वाले 50 ओवर के वर्ल्ड कप पर है और उसके लिए मैं भारत की तरफ से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलकर अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं।" यह बयान शिखर धवन ने पिछले साल दिया था। गब्बर की चाहत थी कि वह भारत की धरती पर होने वाले 50 ओवर के वर्ल्ड कप में अपना दमखम दिखाएं। हालांकि, जिस तरह से धवन की अनदेखी की जा रही है, उसको देखते हुए लगता नहीं है कि बाएं हाथ का यह अनुभवी बल्लेबाज विश्व कप के लिए टीम मैनेजमेंट की प्लानिंग का हिस्सा है।
धवन ने बांग्लादेश दौरे पर अपना आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला खेला था और उस बात को अब छह महीने से ऊपर हो गए हैं। टी-20 टीम से तो गब्बर का नाता भारतीय सेलेक्टर्स ने बहुत पहले ही तोड़ दिया था, लेकिन अब वनडे में भी उनको जगह नहीं मिल रही है। वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टीम को तीन वनडे मुकाबले भी खेलने हैं, पर उस टीम में भी धवन का नाम शुमार नहीं है। वहीं, एशियन गेम्स 2023 के लिए चुनी गई टीम में भी गब्बर को नहीं रखा गया है।
बढ़ती उम्र के चलते नजरअंदाज हो रहे धवन?
शिखर धवन इस साल 5 दिसंबर को 38 साल के हो जाएंगे। हालांकि, बल्लेबाजी हो या फिर फील्डिंग, कभी भी धवन की फिटनेस उनके खेल में आड़े नहीं आई है। धवन इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी फिटनेस को लेकर आजतक सवालों के घेरे में नहीं आए हैं। उम्र गब्बर के लिए सिर्फ एक नंबर रही है। ऐसे में भारतीय सेलेक्टर्स अगर उनको इस आधार पर टीम से बाहर बैठाए हुए हैं, तो उनको बाकी प्लेयर्स की फिटनेस पर भी गौर करना चाहिए। युवा खिलाड़ियों को मौका देना अच्छी बात है, लेकिन याद रखने वाली बात यह है कि बड़े मैचों में जीत अनुभवी खिलाड़ी ही दिलाता है।कैसा रहा है धवन का प्रदर्शन?
गब्बर आखिरी बार भारतीय टीम की जर्सी पहनकर साल 2022 में उतरे थे। वनडे में बांग्लादेश के खिलाफ दिसंबर में उन्होंने अपना आखिरी मैच खेला था। इस सीरीज में धवन का बल्ला खामोश रहा था और उन्होंने तीन मैचों में सिर्फ 18 रन बनाए थे। हालांकि, इस सीरीज में फ्लॉप होने के बाद धवन की वनडे टीम में वापसी नहीं हुई। 167 वनडे मैचों में 44.11 की औसत से 6,793 रन कूटने वाले बाएं हाथ के इस बैटर का रिकॉर्ड इतना भी खराब नहीं है कि उनको मौके ही ना दिए जाए।
साल 2022 में धवन ने 22 वनडे मैच खेले थे और इस दौरान 34 की औसत से उनके बल्ले से 688 रन निकले थे, जिसमें छह अर्धशतक शामिल थे। वहीं, 2021 में गब्बर ने 59.40 की एवरेज से 297 रन बनाए थे। यानी 50 ओवर के फॉर्मेट में गब्बर का रिकॉर्ड इतना खराब नहीं रहा है, जितना बताया जा रहा है।
क्यों बाहर बैठे हैं धवन?
आंकड़ों के खेल में शिखर धवन मौजूदा टीम में खेल रहे कई भारतीय बल्लेबाजों से बेहतर हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि गब्बर को टीम से बाहर क्यों रखा जा रहा है? जब कई अन्य खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के बावजूद मौके पर मौके मिल सकते हैं, तो फिर धवन को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका क्यों नहीं दिया रहा है? अनुभवी और मैच विनर खिलाड़ियों संग नाइंसाफी भारतीय क्रिकेट का हिस्सा रही है और अब ऐसा लगता है कि अगला टारगेट शिखर धवन ही हैं।