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ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को सेंट्रल कॉन्‍ट्रैक्‍ट से इनके कहने पर किया गया बाहर, BCCI सचिव जय शाह ने आखिरकार किया खुलासा

किशन और अय्यर ने घरेलू टूर्नामेंट्स की अनदेखी की थी जिसके चलते टीम मैनेजमेंट उनसे निराश था। बीसीसीआई ने साफ कहा था कि अगर खिलाड़ी टीम इंडिया के साथ नहीं हैं तो फिर उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा लेकिन इन दोनों ने ऐसा नहीं किया था और बीसीसीआई के निर्देश को अनदेखा किया था। अब जय शाह ने बताया है कि किसके कहने पर इन दोनों पर गाज गिरी थी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Fri, 10 May 2024 02:00 PM (IST)
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जय शाह ने बताया, अय्यर-किशन को क्यों नहीं मिली सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह। (PC- Jay Shah X account)
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस साल जब अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान किया था तब इसमें श्रेयस अय्यर और ईशान किशन का नाम नहीं था। इसको देख सभी को हैरानी हुई थी। अब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बताया है कि किसके कहने पर इन दोनों के नाम सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हटाए गए थे।

ईशान किशन और अय्यर ने घरेलू टूर्नामेंट्स की अनदेखी की थी जिसके चलते टीम मैनेजमेंट उनसे निराश था। बीसीसीआई ने साफ कहा था कि अगर खिलाड़ी टीम इंडिया के साथ नहीं हैं तो फिर उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा लेकिन इन दोनों ने ऐसा नहीं किया था और बीसीसीआई के निर्देश को अनदेखा किया था।

इस शख्स ने लिया फैसला

जय शाह ने अब बताया है कि किसके कहने पर इन दोनों को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर किया गया। जय शाह ने कहा है कि अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने का फैसला चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर का था। जय शाह ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में कोई भी ऐसा नहीं हो जो गलत करने पर बच सके। जय शाह ने गुरुवार को बीसीसीआई मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा,"आप संविधान देख सकते हैं, मैं सिर्फ कन्वेनर हूं। फैसले अजीत अगरकर लेते हैं। जब दो खिलाड़ियों (श्रेयस अय्यर और ईशान किशन) ने घरेलू क्रिकेट नहीं खेला था तो उनको सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने का फैसला उन्होंने (अजीत अगरकर) ने लिया था।"

शाह ने कहा, "मेरा काम तो सिर्फ फैसलों का लागू करना है। हमने नए खिलाड़ियों को जगह दी। कोई भी बच नहीं सकता।

चीफ सेलेक्टर का देंगे साथ

कॉन्ट्रैक्ट को लेकर जब मामला उठा था तब शाह ने कहा था कि अगर चीफ सेलेक्टर खिलाड़ियों को लेकर कोई फैसला लेते हैं तो वह उनका साथ देंगे। ये बात फरवरी में भारत और इंग्लैंड के बीच हुए तीसरे टेस्ट मैच के दौरान की है। शाह ने कहा कि उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट में से हटाए गए खिलाड़ियों से बाद में बात की थी। उन्होंने कहा, "मैंने उनसे बात की थी और इस बात को मीडिया ने भी बताया था।"

ये था पूरा मामला

ईशान किशन को साउथ अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया में चुना गया था,लेकिन टेस्ट सीरीज के दौरान ईशान किशन मेंटल ब्रैक की बात कहकर भारत वापस आ गए थे। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था किशन टीम में अपनी नजरअंदाजी से नाराज हैं। भारत में आकर वह बड़ौदा में हार्दिक पंड्या के साथ अभ्यास कर रहे थे। इसी दौरान रणजी ट्रॉफी खेली जा रही थी। ऐसे में टीम के हेड कोच और बीसीसीआई ने खिलाड़ियों से कहा था कि वह घरेलू क्रिकेट खेलें लेकिन ईशान ने एक भी बात नहीं मानी।

वहीं इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अय्यर चोटिल हो गए थे। एनसीए से फिट होकर वह मुंबई अपने घर वापस चले गए थे। इस दौरान उन्होंने मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि उनकी पीठ में समस्या है। इसके बाद जय शाह ने सख्त रुख अपनाया था और एक आदेश जारी किया था जिसमें बहुत साफ तरीके से कहा गया था कि घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देना ही है। इसके बाद अय्यर ने रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल और फाइनल खेला था।