Shubman Gill Biography: बेटे को OUT करने वाले बॉलर को शुभमन के पिता कितने पैसे देते थे? कौन सा जर्सी नंबर चाहते थे गिल?
Shubman Gill Biography टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल का बल्ला जब चलता है तो विपक्षी गेंदबाजों की मानों शामत आ जाती है। पिता के सपने को पूरा करने के लिए गिल ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। साल 2018 में शुभमन टीम इंडिया के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप में चुने गए। वहीं गिल ने साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना डेब्यू किया।
By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 17 Nov 2023 10:48 PM (IST)
जेएनएन, नई दिल्ली। Shubman Gill Biography। जुनून, जिद्द और जबरदस्त टैलेंट मिला दें तो शुभमन गिल जैसा सितारा बनता है। पिता के सपने को हकीकत में बदलने के लिए गिल ने क्रिकेट में अपना सबकुछ झोंक दिया। गिल जब बचपन में सोते तो अपने बल्ले को अपना पास लेकर सोते। क्रिकेट के लिए गिल का यह प्यार उन्हें भारत टीम एक का शानदार सलामी बल्लेबाज बना दिया।
बेटे के लिए रख दी ये शर्त
पंजाब के फाजिल्का जिले के चक खेरेवाला गांव में जन्मे शुभमन के पिता ने खेत एक हिस्से को स्थायी क्रिकेट ग्राउंड बना दिया, जहां उनका बेटा प्रैक्टिस कर सके। बेटे को क्रिकेट बनाने के लिए पिता लखविंदर सिंह युवा गेंदबाजों को चुनौती देते को जो भी उनके बेटे को आउट करेगा, उन्हें वो 100 रुपये इनाम देंगे।
तकरीबन पांच छह महीने तक लखविंदर सिंह के बहुत सारे पैसे खर्च हुए, लेकिन उन्हें अपने बेटे पर पूरा भरोसा था कि एक न एक दिन उनके बेटे को कोई आउट न कर सकेगा। धीरे-धीरे शुभमन के आगे गेंदबाजों ने घुटने टेकने शुरू कर दिए।
पीसीए मोहाली में लिया दाखिला
अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए वो गांव की खेतीबाड़ी छोड़कर मोहाली शिफ्ट हो गए। पीसीए मोहाली की क्रिकेट एकेडमी में शुभमन ने एडमिशन लिया। शुभमन के पिता ने बताया कि वो क्रिकेट कोचिंग के लिए सुबह 3.30 बजे उठते थे और 4 बजे एकेडमी में पहुंच जाते थे। दिनभर प्रैक्टिस करते और शाम को खड़े होकर सीनियर प्लेयर्स के सेशन को देखते थे।