Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

WTC final: हर बार अश्विन ही क्यों बनते हैं शिकार, Virat और Ravi Shastri पर भी भड़के Gavaskar

Gavaskar lashes at Virat and Rohit सुनील गावस्कर ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि अश्विन जैसा व्यवहार टीम के किसी खिलाड़ी के साथ नहीं किया गया है। कोई भी टीम नंबर एक गेंदबाज को बाहर नहीं रखेगी।

By Jagran NewsEdited By: Geetika SharmaUpdated: Tue, 13 Jun 2023 06:00 PM (IST)
Hero Image
Sunil Gavaskar said no explanation can justify treatment given to Ashwin

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत की हार के बाद सोशल मीडिया पर बहस थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में सुनील गावस्कर ने पहले भी भारतीय टीम के कोच और कप्तान को जमकर लताड़ लगाई थी, लेकिन अब इस किस्से में एक नया मोड़ आया है।

नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज टीम से बाहर रहा-

गावस्कर ने कोहली और रवि शास्त्री को भी इस बहस में खींच लिया है। भारत ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में आईसीसी रैंकिंग के अनुसार दुनिया के नंबर 1 टेस्ट गेंदबाज को मैच से बाहर कर दिया। आस्ट्रेलियाई टीम में पांच बाएं हाथ के खिलाड़ी थे। ऐसे में बाएं हाथ के खिलाड़ी ट्रेविस हेड ने पहली पारी में तेजी से शतक बनाया।

अश्विन के साथ चौंकाने वाला व्यवहार- 

गावस्कर ने मिड-डे के लिए अपने कॉलम में लिखा अगर अश्विन टीम में होते, तो कौन जानता है कि क्या हो सकता था।  वह बल्लेबाजी में भी योगदान दे सकते थे। आज के युग में किसी अश्विन की तरह किसी अन्य टॉप भारतीय क्रिकेटर के साथ ऐसा चौंकाने वाला व्यवहार नहीं किया गया है।

कोई भी अश्विन को बाहर नहीं रखता-

गावस्कर ने आगे कहा कि क्या टीम में आईसीसी के नंबर एक गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जाता है क्योंकि वे घास वाली पिच पर बल्लेबाज को रन देता है या फिर सूखी स्पिन में मददगार पिच पर रन नहीं बना सकता? निश्चित रूप से नहीं।

इंग्लैंड सीरीज से बाहर थे अश्विन- 

अश्विन का इंग्लैंड में किसी टेस्ट में ड्रॉप होने का छठा उदाहरण था। इससे पहले 2021 में भारत की इंग्लैंड से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान अश्विन को सभी पांच मैचों से हटा दिया गया था। यह एक ऐसा देश है, जहां अश्विन के बेहतरीन रिकॉर्ड है। 2021 डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान अश्विन ने चार विकेट लिए थे और दोनों पारियों में भारत को जीतने की उम्मीद दी थी।

अश्विन से व्यवहार निंदनीय-

वही अश्विन को ओवल में फाइनल से बाहर रखा गया, जहां चौथे और पांचवें दिन स्पिनरों के लिए परिस्थितियां आसान रही। थी हो गई, तो वह जगह पाने में असफल रहे। गावस्कर ने कहा कि अगर भारत मैच जीत जाता तो अश्विन के साथ किए गए व्यवहार को कोई भी बात स्पष्ट नहीं कर सकती। मैच में भारत को 444 रनों का पीछा करने के लिए कहा गया था, उसके गेंदबाजी परिणाम हमें बताते हैं कि उसे बाहर करना सही निर्णय नहीं था।