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IND vs SA: साउथ अफ्रीका को घर में हराना मजाक नहीं है कप्तान रोहित, सुधारनी होंगी ये गलतियां; वरना बराबरी का सपना भी रह जाएगा अधूरा

सेंचुरियन में भारतीय टीम की जो दुर्गाति हुई वो किसी से छुपी नहीं है। टेस्ट जीतने का तो छोड़िए रोहित की ब्रिगेड ने तो महज तीन दिन में ही हथियार डाल दिए। साउथ अफ्रीका को उसी की सरजमीं पर हराना कोई मजाक नहीं है और यह बात कप्तान रोहित को भी पहले टेस्ट में ही बखूबी समझ आ गई होगी।

By Shubham Mishra Edited By: Shubham Mishra Updated: Fri, 29 Dec 2023 06:32 PM (IST)
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IND vs SA: दूसरे टेस्ट से पहले दूर करनी होगी खामियां।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्लीIND vs SA: साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आगाज से पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कप्तान रोहित शर्मा ने कहा था कि वह वो काम करके दिखाना चाहते हैं, जो कोई भी भारतीय कप्तान नहीं कर सका है। रोहित का मतलब यह था कि वह साउथ अफ्रीका की धरती पर टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले इंडियन कैप्टन बनने चाहते हैं। रोहित और टीम इंडिया का सपना महज सपना ही बनकर रह गया।

औंधे मुंह गिरी टीम इंडिया

सेंचुरियन में भारतीय टीम की जो दुर्गाति हुई वो किसी से छुपी नहीं है। टेस्ट जीतने का तो छोड़िए रोहित की ब्रिगेड ने तो महज तीन दिन में ही हथियार डाल दिए। साउथ अफ्रीका को उसी की सरजमीं पर हराना कोई मजाक नहीं है और यह बात कप्तान रोहित को भी पहले टेस्ट में ही बखूबी समझ आ गई होगी।

कागज पर बेहद ताकतवर नजर आ रही भारत की टीम में महज तीन दिन के खेल के बाद अब लाखों कमियां दिखाई दे रही हैं। दूसरे टेस्ट से पहले इन कमियों को कप्तान रोहित और टीम मैनेजमेंट को दूर करना होगा, नहीं तो केपटाउन में सीरीज बराबर करने का सपना भी चकनाचूर हो जाएगा।

— Shubham Mishra (@shub4438) December 29, 2023

रोहित की कप्तानी फुस्स

वर्ल्ड कप 2023 में रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी से खूब वाहवाही लूटी थी। हालांकि, साउथ अफ्रीका की धरती पर क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में रोहित की कैप्टेंसी पूरी तरह से फुस्स रही। ना तो रोहित ठीक तरह से अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल कर सके और ना ही गेम को सही तरह से चला पाए। नतीजा यह रहा कि जिस पिच पर भारत के लिए पहली पारी में 245 रन बनाने मुश्किल हुए, उसी पर मेजबान टीम ने हंसते-खेलते हुए 408 रन लगा डाले। दूसरे टेस्ट में रोहित को वनडे फॉर्मेट को भुलाकर टेस्ट के हिसाब से कप्तानी के रंग में ढलना होगा।

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ताकत ही बनी कमजोरी

पिछले कुछ सालों में विदेशी धरती पर टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत तेज गेंदबाजी रही है। हालांकि, सेंचुरियन टेस्ट में भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत ही कमजोरी बनकर सामने आई। जसप्रीत बुमराह तो फिर भी लय में दिखाई दिए, पर उनको ना तो सिराज और ना ही प्रसिद्ध कृष्णा से कोई साथ मिला। साउथ अफ्रीका के मैदानों को फास्ट बॉलर्स के लिए स्वर्ग से कम नहीं समझा जाता है, क्योंकि यहां की पिचों से अच्छा बाउंस और सीम दोनों मिलता है।

बल्लेबाजों की नाकामी

पहले टेस्ट में गेंदबाजों से ज्यादा नाक टीम के बल्लेबाजों ने कटाई। पहली पारी में केएल राहुल, तो दूसरी इनिंग में विराट कोहली को छोड़कर किसी भी बल्लेबाज ने टिककर खेलने का प्रयास नहीं किया। भारतीय बल्लेबाजों में पवेलियन लौटने की होड़ सी नजर आई। कुछ अच्छी गेंदों का शिकार बने, तो कुछ बैटर्स ने अपना विकेट तोहफे के तौर पर भेंट कर दिया। केपटाउन में अगर सीरीज को बराबरी पर खत्म करना है, तो इन बल्लेबाजों को ज्यादा जिम्मेदारी के साथ खेलना होगा।