Move to Jagran APP

गौतम गंभीर की कोचिंग में भारत को मिला सबसे बड़ा जख्म, टूट गईं उम्मीदें, जानिए कैसा रहा है अब तक का कामकाज

गौतम गंभीर ने जुलाई में भारतीय टीम के हेड कोच का पद संभाला था। उम्मीद थी कि उनके आने के बाद टीम इंडिया आगे जाएगी लेकिन ऐसा अभी तक होता नहीं दिख रहा है। बल्कि टीम इंडिया बैकफुट पर जाती दिख रही है। न्यूजीलैंड ने जो काम टेस्ट सीरीज में 3-0 से जीत हासिल करके किया है वो भारत के लिए अब तक का सबसे बड़ा जख्म है।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Mon, 04 Nov 2024 11:01 AM (IST)
Hero Image
गौतम गंभीर ने जुलाई में टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली थी
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। टीम इंडिया ने इसी साल टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद लगा था कि यहां से टीम इंडिया और आगे जाएगी। इसका कारण था। टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ में बदलाव हुआ था। टी20 वर्ल्ड कप के बाद राहुल द्रविड़ ने हेड कोच का पद छोड़ दिया था। नए कोच गौतम गंभीर की एंट्री हुई। गंभीर आईपीएल-2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स के विजेता बनाकर आ रहे थे। ऐसे में लगा था कि टीम इंडिया को भी वह नए आयाम तक ले जाएंगे, लेकिन जब से गंभीर आए हैं तब से टीम इंडिया बैकफुट पर ही है।

गंभीर को बीसीसीआई ने चार साल के लिए भारतीय टीम की जिम्मेदारी सौंपी है। यानी वह 2027 में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप तक टीम के साथ रहेंगे। लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन गंभीर के रहते हुए टीम ने किया है उसने सारी उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।

यह भी पढ़ें- केएल राहुल और ध्रुव जुरैल समय से पहले जा रहे हैं ऑस्ट्रेलिया, BCCI के इस फैसले की वजह क्या है?

गंभीर का कार्यकाल

गंभीर का बतौर टीम इंडिया के कोच के तौर पर कार्यकाल श्रीलंका दौरे से शुरु हुआ था। इस दौरे पर भारत ने टी20 और वनडे सीरीज खेली थीं। टी20 सीरीज तो टीम इंडिया ने जीती थी। लेकिन वनडे सीरीज में उसे हार का सामना करना पड़ा था। श्रीलंका ने भारत को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से मात दी थी। ये 27 साल में पहली बार था कि श्रीलंका ने भारत को वनडे सीरीज में मात दी थी। ये वनडे सीरीज साल 2024 में भारत की आखिरी वनडे सीरीज थी। इस साल भारत एक भी वनडे सीरीज अपने नाम नहीं कर सका जो 45 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है।

श्रीलंका दौरे के बाद बांग्लादेश की टीम भारत दौरे पर आई। टी20 सीरीज में भारत ने दमदार खेल दिखाया और बांग्लादेश को 3-0 से मात दी। टेस्ट सीरीज में भी भारत ने बांग्लादेश को 2-0 से हरा दिया, लेकिन टीम इंडिया को परेशानी हुई। चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में अगर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा का बल्ला नहीं चलता तो भारत की स्थिति खराब हो सकती थी।

न्यूजीलैंड ने दिया सबसे बड़ा जख्म

इसके बाद न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर आई। श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को अपने घर में टेस्ट सीरीज में बुरी तरह से हराया था। लगा था कि भारत भी कीवी टीम का यही हाल करेगा, लेकिन हुआ इससे उलट। न्यूजीलैंड ने इतिहास रचते हुए भारत को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप कर दिया। ये पहली बार है जब भारत को भारत में ही किसी टीम ने तीन या इससे ज्यादा मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया है।

न्यूजीलैंड भारत में कभी भी टेस्ट सीरीज नहीं जीता था लेकिन टॉम लैथम की कप्तानी वाली टीम ने ये काम कर दिया। इस दौरान टीम इंडिया की तमाम कमियां देखने को मिली। भारत ने पुणे और मुंबई टेस्ट मैच तब गंवाए जब जीतने के लिए उसके पास ढाई-तीन दिन बचे थे। टीम इंडिया की अटैकिंग एप्रोच यहां निशाने पर रही। इससे बड़ा जख्म भारत को अपने घर में शायद ही किसी टीम ने दिया है।

नहीं बची उम्मीद

गंभीर के रहते जिस तरह से सेलेक्शन किए जा रहे हैं और फैसले लिए जा रहे हैं उसने ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में जीत की उम्मीदों को धूमिल कर दिया। इस सीरीज के लिए भी गंभीर ने उन खिलाड़ियों को चुना है जो टी20 क्रिकेट में दम दिखा चुके हैं लेकिन टेस्ट में अभी तक अच्छे से अपने आप को साबित नहीं कर पाए हैं। फिर चाहे बांग्लादेश सीरीज में टी20 में चमकन वाले ऑल राउंडर नीतीश रेड्डी का ऑस्ट्रेलिया दौरे लिए चयन हो या हर्षित राणा का टेस्ट टीम में चुना जाना।

न्यूजीलैंड से हार के बाद गंभीर सवालों के घेरे में हैं। उनकी कोचिंग पर सवाल उठ रहे हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम को निराश हाथ लगती है और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने का सपना टूटता है तो फिर गंभीर पर सवालों और आलोचनाओं की बौछार तेज हो जाएगी।

यह भी पढ़ें- 'बुरा समय हमें...', ऋषभ पंत ने न्यूजीलैंड की हार के बाद दिया ज्ञान, बताया कैसे करेंगे वापसी