Move to Jagran APP

रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश फिर फिसड्डी, लगातार दूसरे साल नॉकआउट से बाहर

यूपी की टीम घरेलू मैदान पर तीन मैच खेले लेकिन एक में भी जीत नसीब नहीं हुई। तीन मुकाबलों में तो पिछड़ गए जबकि एक में बढ़त हासिल की। अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शनिवार को चौथे और आखिरी दिन का खेल खत्म होने तक कर्नाटक ने पांच विकेट पर 178 रन बनाए। पहली पारी में बढ़त के आधार पर कर्नाटक को तीन अंक मिले।

By Jagran News Edited By: Umesh Kumar Updated: Sat, 16 Nov 2024 09:25 PM (IST)
Hero Image
यूपी रणजी ट्रॉफी टीम का टूर्नामेंट में खराब प्रदर्शन। फोटो- UPCA
जागरण संवाददाता, लखनऊ। रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश का खिताब जीतने के इंतजार बढ़ता जा रहा है। यूपी की टीम घरेलू मैदान पर तीन मैच खेले, लेकिन एक में भी जीत नसीब नहीं हुई। तीन मुकाबलों में तो पिछड़ गए, जबकि एक में बढ़त हासिल की। इसके लिए टीम का प्रदर्शन तो जिम्मेदार है ही, गलत निर्णय भी कारण बने।

अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शनिवार को चौथे और आखिरी दिन का खेल खत्म होने तक कर्नाटक ने पांच विकेट पर 178 रन बनाए। पहली पारी में बढ़त के आधार पर कर्नाटक को तीन अंक मिले, जबकि उत्तर प्रदेश को एक अंक से संतोष करना पड़ा।

सौरभ और आदित्य ने टाली हार

इसके पहले उत्तर प्रदेश ने पांच विकेट पर 325 रन से पारी को आगे बढ़ाया। आदित्य शर्मा (41) ने सौरभ कुमार (54) के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए बहुमूल्य 77 रनों की साझेदारी कर टीम को 400 रन के पार पहुंचाया। इन दोनों के अलावा विप्रज निगम ने तेजी से 26 और शिवम मावी ने 15 रनों का योगदान दिया। ऐसे में कर्नाटक को इस मैच को जीतने के लिए 261 रनों की जरूरत थी। हालांकि, पिच की स्थिति और ओवरों को देखते हुए ये लक्ष्य आसान नहीं था।

कर्नाटक की पारी लड़खड़ाई

उत्तर प्रदेश के 261 रनों के जवाब में दूसरी पारी में खेलने उतरे कर्नाटक ने शुरुआत तो अच्छी की, लेकिन निकिन जोस (48) और कप्तान मयंक अग्रवाल (27) के आउट होते ही टीम लड़खड़ा गई। आर स्मरण (15) और पहली पारी के शतकवीर कृष्णन श्रीजीत (07) को विप्रज निगम ने बोल्ड कर मैच में रोमांच ला दिया। वहीं, श्रेयस गोपाल (01) भी जल्द पवेलियन लौट गए। कर्नाटक ने इसके बाद कोई विकेट नहीं गंवाया और मनीष पांडे (36) व अभिनव मनोहर (31) रन बनाकर नाबाद लौटे। कृष्णन श्रीजीत मैन आफ द मैच बने। विप्रज निगम ने दो और आकिब खान ने एक विकेट चटकाए।

खराब प्रदर्शन के साथ गलत निर्णय भी वजह

इकाना स्टेडियम में काली, लाल और मिक्स समेत कुल नौ पिच हैं। कर्नाटक लाल मिट्टी पर ही खेलता है। इसके बावजूद मेहमान टीम के खिलाफ मैच लाल मिट्टी पर क्यों खेला? पहले टास जीतकर बल्लेबाजी क्यों की? दरअसल, सुनील जोशी कर्नाटक के हैं। कई अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव रखने वाले जोशी ने यह बात जानते हुए भी लाल मिट्टी पर मैच खेलने का निर्णय क्यों किया? इसके अलावा लाल मिट्टी की तेज पिच पर कर्नाटक ने तीन तेज गेंदबाज शामिल किए, जबकि उत्तर प्रदेश ने अंतिम-एकादश में सिर्फ दो गेंदबाज रखे। इन सवालों की समीक्षा जरूरी है।

कोच को किया 40 लाख का भुगतान

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने सुनील जोशी को मुख्य कोच के लिए पिछले साल 40 लाख रुपये भुगतान किए, लेकिन टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। यूपी ने पिछले सत्र में कुल सात मैच खेले और सिर्फ एक में जीत मिली, जबकि छह मैच ड्रॉ रहे। इलीट बी ग्रुप में उत्तर प्रदेश छठे नंबर पर रहा। सवाल यह है कि अगर जोशी की कोचिंग से टीम के प्रदर्शन में कोई सुधार नहीं हुआ तो उन्हें दोबारा क्यों बनाए रखा गया? शायद इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

खराब रणनीति और गलत फैसले की वजह से ही 18 साल से साल यूपी रणजी ट्राफी खिताब जीतने का इंतजार कर रहा है। इस बार टीम अब तक पांच मैच खेली है, एक हार, एक में बढ़त और तीन मुकाबलों में पिछड़ गई। खास बात यह है कि यूपी ने पिछड़ने वाले तीनों मैच अपने घर में खेले हैं।

यह भी पढे़ें- नॉक-नॉक टीम इंडिया: बंगाल की जीत में चमके Mohammed Shami, मध्य प्रदेश के खिलाफ चटकाए 7 विकेट

यह भी पढे़ं- कौन हैं Anshul Kamboj? रणजी ट्रॉफी में 10 विकेट लेकर गूगल ट्रेंड्स पर कर रहे राज; IPL में MI से है कनेक्‍शन