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Virat Kohli: बल्ला नहीं चला तो फिर से भारी दबाव में आ जाएंगे विराट, खत्म नहीं हुई है अभी अग्निपरीक्षा

Virat Kohli विराट कोहली के लिए एक बड़ा सिरदर्द यह भी है कि उनसे हर मैच में बड़ी पारी की उम्मीद की जाती है। रन बनाने पर जहां उनकी जमकर प्रशंसा होती है वहीं विफल होने पर उन्हें कड़ी आलोचना भी झेलनी पड़ती है।

By Sanjay SavernEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 05:46 PM (IST)
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भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज विराट कोहली (एपी फोटो)

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। विराट कोहली ने काफी समय तक खराब फार्म से जूझने के बाद जब एशिया कप 2022 में शानदार प्रदर्शन किया तो भारतीय क्रिकेटप्रेमियों ने राहत की सांस ली। टूर्नामेंट में भारत के आखिरी मैच में विराट ने शतक जड़ा तो उनके चेहरे और भी खिल उठे। यह स्वाभाविक भी था क्योंकि कोहली ने लगभग तीन साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक जमाया था। और तो और, अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट में यह उनका पहला शतक भी था।

शतक जड़ने के बाद विराट के चेहरे पर जो खुशी झलक रही थी, उससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता था कि उन्हें कितना सुकून मिला था, मानों सिर से बहुत बड़ा बोझ हट गया हो, लेकिन विराट की अग्निपरीक्षा अभी खत्म नहीं हुई है। वैसे विराट जैसे बड़े खिलाड़ियों के सामने चुनौतियां संन्यास लेने तक खत्म हो भी नहीं सकतीं। वे शतक जमाकर फार्म में लौटे और अब उनके सामने उस लय को बरकरार रखने की चुनौती है, खासकर आस्ट्रेलिया में अगले महीने होने वाले टी-20 विश्वकप के लिए। टी-20 विश्वकप से पहले भारत को तीन-तीन मैचों की दो घरेलू टी-20 सीरीज खेलनी है। पहली आस्ट्रेलिया और दूसरी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ।

आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज शुरू हो चुकी है। क्रिकेट समीक्षकों का कहना है कि एशिया कप के मुकाबले ये दोनों सीरीज टीम इंडिया के लिए बहुत ज्यादा कठिन हैं क्योंकि आस्ट्रेलिया मौजूदा टी-20 चैंपियन है तो दक्षिण अफ्रीका 2011 के बाद से भारत में क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में कोई सीरीज नहीं हारा है। आस्ट्रेलिया ने चंडीगढ़ में भारत को पहले मैच में चार विकेट से हराकर यह संकेत दे दिया है कि उसी की सरजमीं पर होने जा रहे टी-20 विश्वकप में उससे चैंपियन का खिताब छीनना इतना आसान नहीं होने वाला। दरअसल, विराट के लिए एक बड़ा सिरदर्द यह भी है कि उनसे हर मैच में बड़ी पारी की उम्मीद की जाती है। रन बनाने पर जहां उनकी जमकर प्रशंसा होती है, वहीं विफल होने पर उन्हें कड़ी आलोचना भी झेलनी पड़ती है।

क्रिकेट समीक्षकों के एक वर्ग का मानना है कि एशिया कप में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, हांगकांग और अफगानिस्तान जैसी टीमों से भारत का मुकाबला हुआ। ये सभी टीमें इस वक्त आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जितनी मजबूत नहीं हैं, फिर भी भारत अपना खिताब नहीं बचा पाया। टी-20 विश्वकप में भारत को इन दोनों के साथ ही इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसी बेहद मजबूत टी-20 टीमों का भी सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा वेस्टइंडीज भी है, जो दो-दो बार टी-20 क्रिकेट विश्वकप जीत चुका है। भारत को अगर इन टीमों को पछाड़कर फिर से टी-20 क्रिकेट का सरताज बनना है तो विराट का बल्ला एशिया कप की तरह चलना बहुत जरूरी है क्योंकि बल्लेबाजी में सबसे ज्यादा उम्मीदें उन्हीं से होंगी।

बल्ला नहीं चला तो फिर से भारी दबाव में आ जाएंगे विराट

टी-20 विश्वकप से पहले विराट के पास अभी भी पांच टी-20 मैच हैं, जिनमें उन्हें अपनी लय बरकरार रखनी होगी। वैसे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज के बाद तीन वनडे मैचों की घरेलू सीरीज भी है। क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले मनोविज्ञानियों का कहना है कि ये आठ मैच विराट के लिए बेहद अहम होने वाले हैं क्योंकि अगर इनमें विराट का बल्ला नहीं चला तो वे फिर से भारी दबाव में आ जाएंगे, जिसका उनके टी-20 विश्वकप में प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। इसके उलट अगर विराट इन मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हैं तो वे बेहद आत्मविश्वास के साथ टी-20 विश्वकप में उतरेंगे।