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IND vs SA: Virat Kohli ही थे टेस्ट के बेस्ट कैप्टन! Rohit Sharma की कप्तानी में नहीं दिख रही वो आग

सेंचुरियन में मिली हार के बाद हर किसी को बतौर कप्तान विराट कोहली याद आ गए हैं। कोहली की कप्तानी में एग्रेशन था। विराट विपक्षी टीम पर चढ़कर खेलना जानते थे और उन्होंने यह हुनर अपने सभी ग्यारह खिलाड़ियों को भी सीखा दिया था। कोहली ने भारत की 68 टेस्ट मैचों में कमान संभाली और इस दौरान टीम को 40 मैचों में जीत का स्वाद चखाया।

By Shubham Mishra Edited By: Shubham Mishra Updated: Sat, 30 Dec 2023 03:45 PM (IST)
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Virat Kohli vs Rohit Sharma: टेस्ट के बेस्ट कप्तान कोहली ही थे।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्लीVirat Kohli vs Rohit Sharma Test Captain: वर्ल्ड कप 2023 में रोहित शर्मा की कप्तानी एक नंबर रही और इसमें कोई शक नहीं है। व्हाइट बॉल की क्रिकेट में रोहित बेहद सुलझे हुए कप्तान नजर आते हैं। हालांकि, क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में सफेद जर्सी पहनते ही रोहित के लिए सबकुछ उलझ जाता है। बल्ला चलता नहीं है और साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में कप्तानी में भी वो आग नहीं दिखाई दी।

सेंचुरियन में मिली हार के बाद हर किसी को बतौर कप्तान विराट कोहली याद आ गए हैं। कोहली की कप्तानी में एग्रेशन था। विराट विपक्षी टीम पर चढ़कर खेलना जानते थे और उन्होंने यह हुनर अपने सभी ग्यारह खिलाड़ियों को भी सीखा दिया था। आइए आपको विस्तार से समझाते हैं क्यों टेस्ट में बेस्ट कैप्टन थे कोहली और किस वजह से सफेद जर्सी में फीकी नजर आ रही रोहित की कप्तानी।

कोहली की बात ही अलग थी

विराट कोहली का रिकॉर्ड बतौर कप्तान व्हाइट बॉल में जैसा भी रहा हो, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया को उनसे बेहतर शायद ही किसी ने लीड किया होगा। कोहली वो कप्तान थे, जो विदेशी धरती पर जाकर मेजबान टीम की आंखों में आंखे डालकर भिड़ने का दमखम रखते थे। विराट की कैप्टेंसी की सबसे खास बात यह था कि वह विपक्षी टीम पर हावी होने की कला जानते थे। मैदान पर किंग कोहली हर समय अपने गेंदबाजों का हौसला बढ़ाते थे और हर विकेट पर उनका जश्न देखने लायक बनता था।

गेंदबाजों की बॉडी लैंग्वेज रहती थी बेमिसाल

विराट की अगुआई में भातरीय तेज गेंदबाजों ने घर से बाहर सबसे ज्यादा सफलता हासिल की। इसका कारण यह था कि कोहली अपने बॉलर्स को बैक करते थे। विपक्षी टीम के घर में घुसकर स्लेजिंग करने वाले भी शायद कोहली भारत के इकलौते कप्तान ही रहे। कोहली की कैप्टेंसी में फास्ट बॉलर्स और पूरी टीम की बॉडी लैंग्वेज अलग ही नजर आती थी। एक-एक रन बचाने और हर विकेट चटकाने के लिए फील्डर्स और गेंदबाज जी-जान लगा देते थे।

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टेस्ट में बेस्ट कैप्टन कोहली

विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी धाकड़ टीमों को घर में घुसकर हार का स्वाद चखाया। कप्तान कोहली ने घर से बाहर जाकर ऐसे किले फतह किए, जहां कुछ सालों पहले दिन सिर्फ सपना ही लगती थी। कोहली ने भारत की 68 टेस्ट मैचों में कमान संभाली और इस दौरान टीम को 40 मैचों में जीत का स्वाद चखाया। वहीं, सिर्फ 17 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा, तो 11 मुकाबले ड्ऱॉ रहे।

क्यों टेस्ट में फीके रोहित?

व्हाइट बॉल में रोहित शर्मा की कप्तानी लाजवाब रही है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में हिटमैन बतौर कैप्टन फीके नजर आते हैं। सेंचुरियन में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में भी रोहित की कप्तानी पर कई तरह के सवाल खड़े हुए। बॉलिंग चेंज से लेकर गेम को चलाने तक, हर मामले में रोहित फीके दिखे।

खिलाड़ियों से उनका बेस्ट प्रदर्शन निकलवाने में रोहित वनडे और टी-20 में तो कामयाब रहे हैं, पर टेस्ट में वह खुद थके-थके से दिखाई दिए हैं। पहले टेस्ट में सिर्फ रोहित ही नहीं, बल्कि पूरी टीम की बॉडी लैंग्वेज बेहद खराब नजर आई। झुके कंधे, रनों पर लगाम लगाने की नो प्लानिंग और ना ही वो जोश खिलाड़ियों में नजर आया, जो कोहली की कप्तानी में दिखाई देता था।