IND vs AUS : अंपायरों के विवादित फैसले पर भड़के विराट कोहली, ड्रेसिंग रूम में दिखी हताशा
शनिवार को दूसरे सत्र में मैथ्यू कुहनेमैन ने एक बेहतरीन डिलीवरी पर कोहली को LBW आउट किया लेकिन क्रिकेट फैंस अंपायर के इस फैसले को विवादित करार दे रहे हैं। दरअसल भारतीय पारी के 45वें ओवर की तीसरी गेंद थी।
By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarUpdated: Sat, 18 Feb 2023 04:17 PM (IST)
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जा रहा है। दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारत ने 21 रन से आगे खेलना शुरू किया। दो विकेट जल्द गिरने के बाद विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों का डटकर सामना किया, लेकिन उनका आउट होना विवादित हो गया। थर्ड अंपायर द्वारा आउट देने पर ड्रेसिंग रूम में भी इस फैसले से हताशा दिखी।
शनिवार को दूसरे सत्र में मैथ्यू कुहनेमैन ने एक बेहतरीन डिलीवरी पर कोहली को LBW आउट किया, लेकिन क्रिकेट फैंस अंपायर के इस फैसले को विवादित करार दे रहे हैं। दरअसल, भारतीय पारी के 45वें ओवर की तीसरी गेंद थी। कोहली अपने पैड को गेंद की लाइन से दूर ले जाने में विफल रहे और कुहनेमैन की गेंद पैड पर जाकर लगी। अंपायर नितिन मेनन के मन में कोई झिझक नहीं थी कि गेंद पहले पैड पर लगी थी या बल्ले पर अंपायर ने आउट करार दिया।
Luck is not near for Kohli in Tests. pic.twitter.com/QUCyg4ig1a
— Johns. (@CricCrazyJohns) February 18, 2023
नाखुश दिखा डेसिंग रूम
इस पर कोहली ने रिव्यू लिया। क्योंकि कोहली को लगा कि गेंद ने बल्ले से भी लगी थी। थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने फैसला देने से पहले काफी बार रिप्ले देखा। बाद में तय किया कि बॉल ट्रैकिंग से पता चला कि गेंद सिर्फ लेग स्टंप से टकराई है। साथ ही यह भी माना कि गेंद पहले पैड पर लगी और फिर बल्ले पर इसकी वजह से इलिंगवर्थ ने मेनन के फैसले को सही ठहराया।Everyone is unhappy with the decision. pic.twitter.com/6O1ZdMEaP4
— Johns. (@CricCrazyJohns) February 18, 2023
गुस्से में मैदान से बाहर गए कोहली
अंपायर के इस फैसले से ना तो कोहली खुश दिखे और ना ही भारतीय ड्रेसिंग रूम खुश दिखा। सभी को उम्मीद थी कि विवादित फैसला उनके पक्ष में जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भारत के पूर्व कप्तान वापस जाते समय गुस्से में थे। भारतीय ड्रेसिंग रूम भी इस फैसले से खुश नजर नहीं आया। क्रिकेट विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत थे कि यह एक बहस का विषय था और शायद बल्लेबाज के पक्ष में जाना चाहिए था।
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