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रनअप से ही खौफ पैदा करने वाले बॉलर की कहानी, बल्लेबाज का तोड़ डाला था हाथ, थर-थर कांपते थे दुनियाभर के बैटर्स

वो लंबे रनअप से ही बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा कर दिया करता था। हाथ से छूटती रफ्तार भरी गेंद बल्लेबाज को आग के गोले की तरह आती हुई दिखाई देती थी। लंबा कद लंबा रनअप और घातक एक्शन। आज हम आपको उस तेज गेंदबाज की कहानी बताने वाले हैं जिसने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर एक या दो नहीं बल्कि लगातार तीन घंटे गेंदबाजी की थी।

By Shubham MishraEdited By: Shubham MishraUpdated: Thu, 10 Aug 2023 06:00 AM (IST)
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वेस हॉल की गिनती 1960 के दशक के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में की जाती थी।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। वो लंबे रनअप से ही बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा कर दिया करता था। हाथ से छूटती रफ्तार भरी गेंद बल्लेबाज को आग के गोले की तरह आती हुई दिखाई देती थी। लंबा कद, लंबा रनअप और घातक एक्शन। आज हम आपको उस तेज गेंदबाज की कहानी बताने वाले हैं, जिसने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर एक या दो नहीं, बल्कि लगातार तीन घंटे गेंदबाजी की थी। सिर्फ इतना ही नहीं अपनी रफ्तार के दम पर इस बॉलर ने इंग्लिश बल्लेबाज का हाथ तक तोड़ डाला था। कौन था यह गेंदबाज और कैसे काटा वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी स्पीड से बवाल आइए आपको बताते हैं।

वेस्टइंडीज का खूंखार गेंदबाज

1970-80 के दशक में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों की कहानी यकीनन आपने बहुत सुनी होगी। हालांकि, 1958 से लेकर 1969 तक एक कैरेबियाई बॉलर ने वर्ल्ड क्रिकेट पर एकतरफा राज किया था। नाम था वेस हॉल। हॉल ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ ही की थी और पहली ही सीरीज में दुनिया को अपना कायल बना लिया था। कानपुर में खेले गए मुकाबले में वेस हॉल ने गेंद से कहर बरपाते हुए पहली पारी में 6 और दूसरी इनिंग में 5 विकेट लेकर भारतीय बैटिंग ऑर्डर की कमर तोड़कर रख दी थी और वर्ल्ड क्रिकेट के सभी बल्लेबाजों की नींद उड़ा दी थी।

बल्लेबाज का तोड़ा हाथ

लॉर्ड्स का मैदान था और इंग्लैंड की टीम सामने थी। वेस्टइंडीज की हार को टालने के लिए वेस हॉल ने लगातार 200 मिनट यानी तीन घंटे से ज्यादा गेंदबाजी कर डाली थी। हॉल इस कदर की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे कि उन्होंने इंग्लिश बल्लेबाज कॉलिन काउड्री का हाथ तक तोड़ डाला था। इस मुकाबले में कैरेबियाई टीम के खूंखार गेंदबाज ने चार विकेट भी अपने नाम किए थे।

पहले टाई मैच का रहे थे हिस्सा

वेस हॉल टेस्ट क्रिकेट के सबसे पहले टाई मुकाबले का भी हिस्सा रहा था, जो साल 1960 में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था। कंगारू टीम को जीत के लिए लास्ट ओवर में 6 रन की जरूरत थी और हाथ में थे तीन विकेट। वेस हॉल ने मैच का आखिरी ओवर फेंकने की जिम्मेदारी उठाई थी और इस ओवर में दो रनआउट समेत तीन विकेट निकाल दिए थे। वेस्टइंडीज के फास्ट बॉलर ने मैच में कुल 9 विकेट अपने नाम किए थे। 1958 में डेब्यू करने वाले हॉल ने कुल 48 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान उनकी झोली में 192 विकेट आए।