WC 2011: मैदान पर खून की उल्टियां, शरीर पर हावी होती कैंसर की बीमारी, फिर भी देश को बनाया वर्ल्ड चैंपियन, क्या खूब खेले थे Yuvraj Singh
आज ही के दिन साल 2011 में भारत ने 28 साल का सूखा खत्म करते हुए वर्ल्ड कप के खिताब को अपने नाम किया था। फाइनल में टीम इंडिया ने श्रीलंका को धूल चटाते हुए दूसरी बार विश्व कप की ट्रॉफी जीती थी। युवराज सिंह ने टूर्नामेंट में बल्ले और गेंद दोनों से खूब धमाल मचाया था। युवी का टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में बड़ा योगदान रहा था।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। 'जब आंखों में अरमान लिया, मंजिल को अपना मान लिया, है मुश्किल क्या आसान क्या, जब ठान लिया तो ठान लिया।' यह लाइनें भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े योद्धा रहे युवराज सिंह पर एकदम फिट बैठती हैं। साल 2011 वर्ल्ड कप में जो चमत्कार युवी ने करके दिखाया था, उसकी महज कल्पना से ही लोगों की रूह कांप जाती है। शरीर पर हावी होती कैंसर की बीमारी और मैदान पर मुंह से निकलती खून की उल्टियां। मगर मजाल है कि बंदा हार मानने को तैयार हो।
भारत की धरती पर खेले गए उस विश्व कप में युवराज के जुनून और जज्बे से बड़ा कुछ भी नहीं था। सिर पर बस एक ही धुन सवार थी और वो भी भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने की भूख। गौतम गंभीर की 97 रन की पारी या एमएस धोनी के बल्ले से निकले उस छक्के की तस्वीर तो आज भी हर किसी की आंखों में बसी हुई है। हालांकि, उस फाइनल तक का सफर अगर भारतीय टीम तय कर सकी थी, तो उसमें युवराज का बहुत बड़ा हाथ था।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली वो यादगार पारी
युवराज सिंह के लिए पूरा वर्ल्ड कप 2011 ही यूं तो कमाल का गुजरा था। हालांकि, टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई उनकी पारी को सबसे खास माना जाता है। डिफेंडिंग चैंपियन को विश्व कप से बाहर का रास्ता दिखाना कोई बच्चों का खेल नहीं था। 261 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 168 के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे। युवराज का मैदान पर आगमन होता है। 19 रन स्कोर बोर्ड पर और नहीं लगते हैं कि कप्तान धोनी भी पवेलियन की ओर चल पड़ते हैं।यह भी पढ़ें- IPL 2024: दर्द के बावजूद तूफानी पारी खेल गए माही, MS Dhoni की ये फोटो देख फैंस भी रह गए हैरानकंगारू मैच में हावी होने लगे थे और अहमदाबाद में सन्नाटा पसर गया था। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के सामने सीना ताने भारत का शेर खड़ा था। युवराज ने प्रेशर भरे इस मुकाबले में 65 गेंदों पर 57 रन की दमदार पारी खेली थी। युवी ने रैना के साथ मिलकर अटूट अर्धशतक साझेदारी निभाते हुए भारतीय टीम को सेमीफाइनल का टिकट दिलाया था। बल्ले के साथ-साथ इस मुकाबले में युवराज ने ब्रैड हैडिन और माइकल क्लार्क का बड़ा विकेट भी अपने नाम किया था।
मैदान पर हुई थी खून की उल्टियां
युवराज सिंह को बीच टूर्नामेंट में ही पता लग गया था कि उनको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी जकड़ रही थी। मैदान पर खून की उल्टियां हो रही थीं और शरीर जवाब दे रहा था। हालांकि, पूरे वर्ल्ड कप में युवराज ने इस बात की भनक किसी को भी नहीं लगने दी। अपने दर्द और बीमारी से युवी लड़ते रहे और 28 साल बाद भारत को क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह बनाकर ही दम लिया।