IPL 2023 Auction में सबसे ज्यादा 21 खिलाड़ी इस राज्य से, शुभम खजुरिया और आकिब नबी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
जागरण ने इसके चलते इन 21 खिलाड़ियों में से 2 खिलाड़ियों से खास बातचीत की जिनकी इस नीलामी में काफी डिमांड रहने वाली है। एक हैं जम्मू के 27 वर्षीय शुभम खजुरिया जो सलामी बल्लेबाज के लिहाज से टीम को शानदार शुरुआत दिलाने के लिए जाने जाते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarUpdated: Thu, 22 Dec 2022 12:41 PM (IST)
अहमदाबाद, मनन वाया। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2023) ने न केवल भारत बल्कि विश्व क्रिकेट का चेहरा बदल दिया है। बल्कि वित्तीय के साथ-साथ क्रिकेटिंग कौशल के लिहाज से वास्तव में समृद्ध बन गया है। यह वह मंच है, जहां एक मौका रातोंरात एक क्रिकेटर के जीवन को बदल देता है। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेल कर खिलाड़ियों को बहुत कुछ सीखने और अनुभव करने को मिलता है। आईपीएल 2023 सीजन की नीलामी कल कोच्चि में है। इस मिनी नीलामी में विशेष आकर्षण जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ीओं का हैं, क्योंकि इस बार नीलामी के लिए सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर के 21 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है।
जागरण ने इसके चलते इन 21 खिलाड़ियों में से 2 खिलाड़ियों से खास बातचीत की जिनकी इस नीलामी में काफी डिमांड रहने वाली है। एक हैं जम्मू के 27 वर्षीय शुभम खजुरिया, जो सलामी बल्लेबाज के लिहाज से टीम को शानदार शुरुआत दिलाने के लिए जाने जाते हैं। दूसरे हैं कश्मीर के 27 वर्षीय तेज गेंदबाज आकिब नबी, जो जरूरत पड़ने पर बल्ले से बड़े शॉट खेलने में भी सक्षम हैं। इस बातचीत के दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट में बदलाव समेत कई दिलचस्प विषयों पर बात की है।
कैसे शुरू हुआ क्रिकेट का सफर?
शुभम खजुरिया: मैंने 10 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। मेरे पिता मुझे क्रिकेट खेलने में बहुत रुचि रखते थे, अपने जमाने में वे खुद इसे खेलना चाहते थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया था। मैंने एक शौक के रूप में क्रिकेट खेलना शुरू किया, लेकिन हर साल खेल में अपने आप सुधार होता गया। 15 साल की उम्र में मैंने रणजी में पदार्पण किया।आकिब नबी: जिस तरह हर कोई अपने दोस्तों के साथ गली में खेलने लगता है। मैंने भी ऐसा ही किया। कम उम्र में ही क्रिकेट मेरा जुनून बन गया था। सोचा था कि कुछ बड़ा करना है और गली से स्टेट क्रिकेट तक का सफर अच्छा रहा है। मैं अपने राज्य के लिए खेलकर खुश हूं, मैं हर दिन अपने खेल में सुधार करना चाहता हूं और अगले स्तर पर पहुंचना चाहता हूं।
इस यात्रा के दौरान कितनी चुनौतियां रही हैं?
शुभम: मैं पिछले 12 साल से रणजी ट्रॉफी खेल रहा हूं, इस सफर पर नजर डालें तो शुरुआत में काफी चुनौतियां आईं। उस समय हमारी जीत का प्रतिशत काफी कम था। कम मैच जीते गए थे, इसलिए हमारे कुछ खिलाड़ी उच्च स्तर पर खेल रहे थे। 2014 में, जब हमने 10-12 साल बाद रणजी ट्रॉफी के लिए क्वालीफाई किया। तब परवेज रसूल भारत के लिए खेले। उसी साल मैंने भारत अंडर-19 खेला। इसके बाद हमारे सभी लड़कों की मानसिकता बदली कि हम भारत के लिए भी खेल सकते हैं।
आकिब: शुभम ने पहले ही सब कुछ कह दिया है। भारत और आईपीएल में जब परवेज भाई का नाम आया तो जम्मू-कश्मीर के सभी नौजवानों का हौसला बढ़ा। ज्यादा मेहनत करने लगा। उसके बाद अब्दुल समद और उमरान मलिक भी ऊपर गए तो भरोसा और बढ़ गया कि अगर उन्हें मौका मिला है तो हमें भी मौका मिल सकता है।