Kuldeep Yadav Exclusive : कुलदीप यादव ने इस बात में कर दी देरी, खुद किया खुलासा, जानिए 'कुलचा' की जोड़ी और रोहित की कप्तानी पर क्या कहा
कुलदीप यादव ने हाल के दिनों में अपनी गेंदबाजी में काफी सुधार किया है और इसी कारण वह टी20 वर्ल्ड कप में प्लेइंग-11 में पहली पसंद माने जा रहे हैं। कुलदीप ने माना है कि उन्होंने अपनी गेंदबाजी में जो बदलाव किए हैं उनमें उन्होंने देरी कर दी। इसके अलावा कुलदीप ने अपने पुराने दोस्त युजवेंद्र चहल के साथ जुगलबंदी को लेकर भी अपनी बात रखी है।
अभिषेक त्रिपाठी, जागरण, नई दिल्ली। भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने जब से अपनी गेंदबाजी में परिवर्तन किया है, वह बिल्कुल अलग रंग में दिखे हैं। अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले टी-20 विश्व कप में कई वर्षों के बाद एक बार फिर कुलचा (कुलदीप-चहल) जोड़ी भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में एक साथ दिखेगी। इसे लेकर कुलदीप बहुत उत्साहित हैं। कुलदीप का मानना है कि गेंदबाजी में जो परिवर्तन उन्होंने अब किए हैं, अगर पहले कर लिए होते तो उन्हें और अवसर मिलते। हालांकि, वह यह भी कहते हैं कि असफलताओं से सीखकर ही हम बेहतर होते हैं। अभिषेक त्रिपाठी ने कुलदीप यादव से विशेष बातचीत की, पेश हैं मुख्य अंश
सवाल- हम बहुत वर्षों से विश्व कप नहीं जीते हैं। ऐसे में तैयारियां कैसी हैं और दिमाग में क्या चल रहा है?कुलदीप- हां, बिल्कुल अभी आईपीएल समाप्त हुआ है। यह सत्र व्यक्तिगत रूप से भी बहुत अच्छा रहा। तैयारियां भी अच्छी चल रही हैं। बीच में चोटिल हो गया था, लेकिन अब पूरी तरह रिकवर हो चुका हूं। हालांकि, अभी विश्व कप में पहले मैच में लगभग एक सप्ताह का समय है। तैयारियों के लिए हमें अच्छा समय मिला है। न्यूयार्क में हमने पहले कभी नहीं खेला है, इसलिए ये छह-सात दिन तैयारियों और पिच को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। स्थिति और मैदान के आयाम को समझने के लिए भी ये बहुत जरूरी है। विश्व कप को लेकर बहुत उत्सुक हैं। हर खिलाड़ी का यह सपना होता है कि वह अपने देश के लिए विश्व कप जीते। हम उसी उम्मीद से जाएंगे।
सवाल- आईपीएल के बीच में क्या रोहित शर्मा से विश्व कप को लेकर कोई बात हुई थी?कुलदीप- विश्व कप को लेकर तो नहीं लेकिन हमारी बातचीत ऐसे ही हुई थी। जब हमारा मैच था मुंबई इंडियंस से तब बात हुई थी। मुंबई इंडियंस के विरुद्ध पहले मैच में चोटिल होने के कारण मैं खेल नहीं सका था। इंजरी को लेकर बात हुई थी उनसे पर कोई और विशेष बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने तब पूछा था कि रिकवर होने में कितना समय लगेगा।
सवाल- युवाओं को लेकर रोहित की कप्तानी को कैसे देखते हैं?कुलदीप- बिल्कुल, वह युवाओं का बहुत समर्थन करते हैं। उन पर भरोसा जताते हैं। कोई नया खिलाड़ी टीम में आता है तो उसका बहुत समर्थन करते हैं। वह युवाओं पर इतना भरोसा जताते हैं जो शायद उन्हें स्वयं पर भी नहीं हो। आपने इंग्लैंड के विरुद्ध सीरीज में देखा होगा, उन्होंने युवाओं का कितना समर्थन किया। मैं अगर अपनी बात करूं तो मुझ पर वह बहुत भरोसा जताते हैं। वह मेरी गेंदबाजी को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं इसलिए वह चाहते थे कि मैं उनमें जरूरी बदलाव करूं, जिसे करने पर मुझे बहुत लाभ हुआ है। मैंने जब बदलाव किए तो मेरी गेंदबाजी पहले से बेहतर भी हो गई और आत्मविश्वास भी बहुत बढ़ गया। समर्थन तो उनका रहा ही है।
सवाल- इंग्लैंड सीरीज में भी आप बल्लेबाजी कर रहे थे। आईपीएल में आपने अच्छी बल्लेबाजी की। क्या प्रबंधन की ओर से इस बारे में कुछ कहा गया है?कुलदीप- हंसते हुए, नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। मैं स्वयं अपनी बल्लेबाजी को लेकर सोचता हूं। विशेषकर टेस्ट क्रिकेट में मुझे लगता है कि मैं कुछ योगदान कर सकता हूं तो मेरा प्रयास यही था। इंग्लैंड सीरीज में मेरी पारियां महत्वपूर्ण थीं। मैं अपनी बल्लेबाजी का बहुत आनंद ले रहा था। इंग्लैंड सीरीज में मैंने अच्छी बल्लेबाजी की तो मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ा। रोहित भाई ने नेट अभ्यास के दौरान मुझे कुछ सुझाव दिए थे। साथ ही विक्की पाजी (विक्रम राठौड़) ने भी बहुत सहयोग किया। राहुल भाई बल्लेबाजी को लेकर कुछ नहीं बोलते थे क्योंकि उनका कहना था कि बल्लेबाज हमारे लिए रन बना लेंगे आप गेंदबाजी पर ध्यान दो। हां, सभी का समर्थन था लेकिन किसी ने कभी दबाव नहीं दिया कि बल्लेबाजी करनी ही है। सब का केवल यही कहना था कि आप अपने आप को पहचानो। आपके अंदर कौशल है तो आप कर सकते हो तो करना चाहिए।
सवाल - वेस्टइंडीज में मैच होने हैं। अमेरिका में ड्रॉप इन पिच होंगी। ऐसे में दिमाग में पिच को लेकर क्या चल रहा है?कुलदीप- वेस्टइंडीज में पिचें धीमी ही होंगी। मैंने वेस्टइंडीज में ही उजली गेंद से पदार्पण किया था। यहां स्पिनरों को थोड़ी मदद मिल सकती है। हालांकि, टी-20 प्रारूप है तो यहां स्पिनरों के दिमाग में यही होता है कि रन कम देने हैं। पिछले वर्ष हमने यहां पर टी-20 सीरीज खेली है। अधिक समय हुआ नहीं है जो सबसे अच्छी बात है। अमेरिका में मैंने अब तक नहीं खेला है। ड्रॉप इन पिच होंगे तो वहां बाउंस मिलेगा, थोड़ा तेज होंगी पिचें। हम दिन का मैच खेल रहे हैं वेस्टइंडीज में तो वहां गेंद पिच जरूर धीमी होंगी।
सवाल- दिन के मैच में ओस का संकट नहीं रहता है। इसे आप कैसे देखते हैं?कुलदीप- हां, बिल्कुल दिन में ओस का कोई संकट नहीं होता। वैसे भी वेस्टइंडीज या देश से बाहर हम कहीं भी खेलें तो ओस का उतना संकट नहीं रहता है। भारत में अधिक आर्द्रता के कारण ओस का प्रभाव होता है। अन्यथा बाहर हमने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड कहीं भी इसका प्रभाव नहीं देखा। दिन के मैच में ये एक राहत जरूर है।
सवाल- आपने इससे पहले दिन में टी-20 मैच कब खेला था?कुलदीप- वेस्टइंडीज में हमने पिछले वर्ष ही दिन में सारे टी-20 मैच खेले थे। वेस्टइंडीज में हमने अब तक जितने भी दौरे किए हैं, दिन में ही खेले हैं। यह मूल रूप से प्रसारकों के कारण ही होता है। अगर मैच भारत के समयानुसार नहीं होंगे तो प्रसारकों को इसका नुकसान होगा इसलिए हमें यहां दिन में ही मैच खेलना पड़ता है।
सवाल- कुलचा (कुलदीप-चहल) जोड़ी लंबे समय के बाद एक साथ दिखेगी। इसे लेकर आप कितने उत्साहित हैं? -कुलदीप- बिल्कुल, लंबे समय के बाद हम साथ खेल रहे हैं। मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं। आशा है कि हमें साथ में खेलने का अवसर मिले। हमारी बॉन्डिंग बहुत अच्छी रही है। एक-दूसरे को हम बहुत अच्छी तरह से समझते हैं। स्पिन में जो चीजें होनी चाहिए एक-दूसरे से बहुत बात करते हैं। हम जब भी साथ खेलते हैं बहुत बात करते हैं। एक दूसरे को सुझाव देते हैं। जब साथ नहीं भी खेलते हैं तब भी एक-दूसरे से बात करते हैं, सुझाव देते हैं और एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
सवाल- भारत चार स्पिनर को लेकर जा रहा है। रोहित ने बोला कि मैं कारण बाद में बताऊंगा। आपके अनुसार इसका क्या प्रमुख कारण है?कुलदीप- मैं इतना सोचता तो नहीं हूं। (हंसते हुए) अगर मैं इतना सोचता तो मैं ही कप्तान होता। मैं केवल यह सोचता हूं कि अगर मुझे अवसर मिला तो मुझे अपनी टीम के लिए बेहतर करना है। दिन के मैच हैं। दो ऑलराउंडर हैं और दो कलाई के स्पिनर हैं यह बहुत अच्छा संयोजन है। हालांकि, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होता है जब प्रदर्शन के बावजूद शीर्ष 15 में खिलाडि़यों का नाम नहीं आए। उनके लिए भी बहुत बुरा लगता है कि लेकिन कप्तान, प्रबंधन सब देख समझकर ही निर्णय लेते हैं। इस संबंध में मैं कुछ बोल भी नहीं सकता हूं। मेरा प्रयास केवल यही होता है कि अपना सर्वश्रेष्ठ दूं।
सवाल- आईपीएल में 200 रन बहुत आम हो गए थे। अब इंपैक्ट प्लेयर नियम नहीं होगा तब क्या 200 रन बनाने उतने ही आसान होंगे?कुलदीप- मुझे लगता है कि इतने रन तो नहीं बनेंगे जितने आइपीएल में बनते हैं क्योंकि स्थितियां बल्लेबाजों के अनुरूप होती हैं और पूरी आजादी रहती है इंपैक्ट प्लेयर नियम के कारण। बल्लेबाज पूरा खुल कर खेलते हैं। अब बल्लेबाजों की मानसिकता ही यही है कि गेंदबाजों के ऊपर हावी होकर खेलना है। इसलिए भी रन बहुत बन रहे हैं। मुझे लगता है कि गेंदबाजों को भी इसके बारे में सोचना चाहिए। उन्हें बल्लेबाजों को पढ़ना चाहिए कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। जैसे-जैसे क्रिकेट बढ़ती जाएगी आपको नई-नई चीजें सीखनी पड़ेंगी। उसे लागू करना पड़ेगा जो बहुत महत्वपूर्ण है।सवाल- आप फ्लाइट अधिक करते हैं। डरते नहीं है जब बल्लेबाज आक्रामक होता है। हाल में जिस तरह से बल्लेबाजी और आक्रामक हुई है क्या आपने भी अपनी रणनीति में कोई परिवर्तन किया है?कुलदीप- हां, मैं यह जरूर देखता हूं कि परिस्थितियां कैसी हैं। उसी अनुरूप गेंदबाजी करना चाहता हूं। वैसा मेरा प्रयास यही रहता है कि लेंथ को पकड़े रहूं। गुड लेंथ गेंद किसी भी बल्लेबाज के लिए अच्छा विकल्प है। इसलिए मेरा प्रयास यही रहता है कि इसी लेंथ पर गेंदबाजी करूं। हां, फ्लाइट अब उतना नहीं करता हूं जितना पहले करता था। अब गति बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। साथ ही बल्लेबाजों को पढ़ना भी बहुत जरूरी हो गया है। पूरे आईपीएल मैंने यही कोशिश की है कि मैं बल्लेबाजों को पढ़ूं कि उसकी रणनीति क्या है। बहुत बार ऐसा हुआ है कि मैं इसमें सफल भी हुआ हूं और बहुत बार ऐसा भी हुआ है कि बहुत मार पड़ी हो। अब प्रारूप ही ऐसा है। हां, लेकिन अगर आप बल्लेबाज को पढ़ने लग गए तो आप गेम में हमेशा बने रहेंगे।सवाल - आपने बताया कि गेंदबाजी में आपने कई बदलाव किए हैं। मूल रूप से आपने क्या बदलाव किए हैं?कुलदीप- हां, मैंने अपने रिदम (लय) पर काम किया। रिदम को मैंने थोड़ा आक्रामक किया है। साथ ही जंप फ्लो (उछलकर गेंद फेंकना) उसे थोड़ा स्मूथ किया है। यह उतना आसान नहीं था। इसके लिए बहुत अभ्यास किया तब जाकर यह संभव हो पाया। उसकी वजह से गति बढ़ी और अब उसके कारण बहुत निश्चिंत भी हो गया हूं। मेरे लिए क्या लाइन है इस पर अधिक ध्यान दे रहा हूं। यह बदलाव करना मेरे लिए आसान नहीं था, शुरू में बहुत परेशानियां हुईं। इसमें बहुत लोगों का योगदान रहा। सोहम जो भारतीय टीम के भी ट्रेनर हैं, उन्होंने मेरी बहुत मदद की। विवेक जो दिल्ली कैपिटल्स के ट्रेनर हैं वह भी सर्जरी के बाद से मेरे साथ रहे हैं। दोनों ने बहुत समर्थन किया और विशेष चीजों पर काम किया कि मुझे कैसे क्या ट्रेन करना है। यही कारण है कि मेरी लय बहुत अच्छी हो गई। अब इसका बहुत आनंद ले रहा हूं।सवाल- गेंद पहले से तेज हो गई है। क्या इसका लाभ मिलता है?कुलदीप- हां, बिल्कुल वो लय अच्छी होने के कारण हो सका है। लय अच्छी होने से गति बढ़ी है और अच्छी बात यह है कि मैं इसे नियंत्रित कर सकता हूं। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि मैं अपनी गेंदबाजी को नियंत्रित कर सकता हूं। मेरे लिए सबसे जरूरी था कि मैं अपनी गेंदबाजी में रेव्स (घुमाव) को न गंवाऊं। मेरा ध्यान इसी पर था कि मैं उसी रेव्स के साथ गति बढ़ा लूं या कम कर लूं। अब यह मेरे हाथों में है कि मैं अपनी गेंद की गति कितनी रखना चाहता हूं।सवाल - 2019 और 2024 के कुलदीप में बतौर गेंदबाज क्या परिवर्तन आया है?कुलदीप- बहुत बदलाव आया है। गेंदबाजी में बहुत परिपक्वता आई है। कभी-कभी तो मुझे लगता है कि अब जो परिवर्तन मैंने किए हैं काश वह पहले कर लेता तो मुझे और बहुत अवसर मिलते। निश्चित रूप से असफलता नहीं देखता तो सीखता नहीं, लेकिन ये खेल ही ऐसा है कि आप असफलताओं से सीखते हैं। धीरे-धीरे जैसे आपकी खेल की समझ बढ़ती है आप परिपक्व होते चले जाते हैं। अगर मैं इन वर्षों की बात करूं तो काफी बदलाव आए हैं। मानसिक रूप से काफी निश्चिंत रहता हूं। काफी स्थिर रहता हूं और अपनी गेंदबाजी को लेकर मेरा आत्मविश्वास भी बहुत बढ़ा है।सवाल - गेंदबाजी में क्या सामने वाले बल्लेबाज को देखकर अपने निर्णय लेते हैं या जिस रणनीति के साथ उतरे थे उसी पर कायम रहते हैं?कुलदीप- अब पता होता ही है कि कौन सा बल्लेबाज कैसा है। हम इतना सभी के साथ खेलते हैं कि पता होता है कि किसकी क्या कमजोरी है, किसकी क्या ताकत है। रणनीति तो नहीं लेकिन मैं अपनी ताकत पर अधिक भरोसा रखता हूं। मैं उसी पर भरोसा जताता हूं। बदलाव मैं मूल रूप से परिस्थितियों के अनुसार करता हूं। बल्लेबाज कैसा खेल रहा है, मैच की क्या स्थिति है उसके अनुसार मैं बदलाव करता हूं। मैं अपने कौशल पर अधिक भरोसा रखता हूं।सवाल- पहले दौर में पाकिस्तान से मैच होना है। इस मैच में क्या अलग होता है?कुलदीप- बिल्कुल, यह प्रशंसकों के लिए बहुत बड़ा मैच होता है। हमारे लिए भी यह मैच बहुत बड़ा होता है क्योंकि हम आपस में बहुत कम मैच खेलते हैं। हम दोनों के बीच द्विपक्षीय सीरीज नहीं होती है। हम सीधा आईसीसी टूर्नामेंट में भिड़ते हैं। इस मैच को लेकर माहौल भी बहुत गंभीर रहता है क्योंकि हम साल में एक बार भिड़ते हैं इसलिए उम्मीद भी बहुत रहती है और भारत-पाकिस्तान मैच के लिए प्रेरणा की आवश्यकता नहीं होती। यह मैच स्वंय आपको बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है।सवाल- पहले मैदान छोटा होने पर कप्तान आपको खिलाने से डरते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। इसे लेकर आपकी सोच क्या है?कुलदीप- बिल्कुल, अब उतना मैं ही नहीं सोचता हूं कि रन पड़ जाएंगे। हां खेल है तो कभी-कभी बहुत रन पड़ जाते हैं। आपका ध्यान अगर आपके कौशल और क्षमताओं पर होगा तो आप कहीं भी खेलें आपके सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। हां आपको थोड़ा स्मार्ट होना पड़ता है लेकिन जैसे-जैसे आप खेलते जाते हैं आप परिपक्व होते चले जाते हैं। दिमाग में उतना कुछ चलता नहीं है। जैसे-जैसे अनुभव होता चला जाता है आप इन सभी चीजों के बारे में सोचना कम कर देते हो कि आप कहां खेल रहे हो।