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Mohit Sharma Interview: गुजरात के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा का दावा, कहा- इंपैक्ट प्लेयर नियम आने के बाद गेंदबाजों...

पिछले आईपीएल सत्र में 27 विकेट लेने वाले गुजरात टाइटंस के गेंदबाज मोहित शर्मा का कहना है कि इंपैक्ट प्लेयर नियम आने के बाद से गेंदबाजों के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं है। टी-20 बल्लेबाजों का खेल बन गया है। हालांकि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि इंपैक्ट प्लेयर के रूप में वह गेंदबाजी में सफल रहे हैं। हालांकि मोहित शर्मा गुजरात टाइटंस के लिए दमदार प्रदर्शन कर रहे।

By abhishek tripathiEdited By: Umesh Kumar Updated: Thu, 18 Apr 2024 05:00 AM (IST)
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मोहित शर्मा ने कहा- इंपैक्ट रूल आने से गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं बचा। फाइल फोटो
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। कई फ्रेंचाइजियों और भारतीय टीम में खेल चुके तेज गेंदबाज मोहित शर्मा 35 वर्ष की उम्र में गुजरात टाइटंस के लिए कमाल दिखा रहे हैं। उन्होंने अपनी गेंद से विपक्षी खिलाड़ियों को बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनकी यह अदा चर्चा का विषय बनी हुई है।

पिछले आईपीएल सत्र में 27 विकेट लेने वाले गुजरात टाइटंस के गेंदबाज मोहित शर्मा का कहना है कि इंपैक्ट प्लेयर नियम आने के बाद से गेंदबाजों के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं है। टी-20 बल्लेबाजों का खेल बन गया है। हालांकि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि इंपैक्ट प्लेयर के रूप में वह गेंदबाजी में सफल रहे हैं। इस सत्र में अब तक आठ विकेट ले चुके मोहित शर्मा से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-

गुजरात टाइटंस के लिए अब तक सत्र मिलाजुला रहा है। इस पर क्या कहेंगे?

-- हां, बिल्कुल हमारे लिए अब तक सत्र मिलाजुला रहा है, लेकिन मेरी नजर में नतीजे से ज्यादा आप टीम के रूप में कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, कैसे एक इकाई के रूप में खेल रहे हैं, वह ज्यादा महत्व रखता है। अभी टूर्नामेंट काफी बचा है। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि नतीजे हमारे पक्ष में रहेंगे, लेकिन सबसे जरूरी है कि आप कैसी तैयारी के साथ मैदान पर उतरते हैं। टीम का माइंडसेट बहुत अच्छा है और आशा है कि आने वाले मैचों में हम अपनी तैयारियों के अनुसार प्रदर्शन करेंगे।-

नए कप्तान शुभमन गिल की कप्तानी को अब तक कैसे आंकते हैं?

-- मुझे लगता है कि अब तक शुभमन ने काफी अच्छी कप्तानी की है। निजी रूप से कहूं तो अगर कप्तान को बार-बार मैदान पर खुद को दिखाने की आवश्यकता पड़ रही है तो कहीं न कहीं मामला थोड़ा गड़बड़ रहता है। शुभमन की बात करें तो वह मैदान पर काफी शांत रहता है। वह चुपचाप अपना काम करता है, ज्यादा दिखाता नहीं है। एक कप्तान के लिए यह सबसे ज्यादा जरूरी कि वह दबाव में घबराने की जगह स्थिति को समझकर उसे चुपचाप जाकर संभाले। वह बहुत अच्छा काम कर रहा है और आशा है कि नतीजे भी हमारे पक्ष में आएंगे।

आईपीएल में इस बार कई मैचों में 250 से ऊपर का स्कोर बना है। एक गेंदबाज के रूप में क्या यह आपको चकित करता है?

-- मैं इससे आश्चर्यचकित नहीं हूं। मेरा मानना है कि इंपैक्ट प्लेयर का नियम आने के बाद से 20 से 25 रन स्कोर में अपने आप बढ़ गए हैं। जहां पहले आठ नंबर से आपके गेंदबाज बल्लेबाजी करने उतरते थे, अब इंपैक्ट प्लेयर नियम के बाद आठ नंबर पर आपको एक विशुद्ध बल्लेबाज दिखता है। नौवें नंबर पर आपके पास आलराउंडर रहता है। ऐसे में अब गेंदबाजों के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं है। लेकिन गेंदबाज अब भी थोड़ा ज्यादा दिमाग लगा सकते हैं। अपने रणनीति पर ज्यादा काम कर सकते हैं, लेकिन ये ज्यादातर निर्भर करता है कि आपका दिन कैसा है।

हालांकि अगर इस सत्र की बात करें तो आपको टीम ने इंपैक्ट प्लेयर के रूप में ज्यादा खिलाया है और आप काफी सफल भी रहे हैं। इस पर क्या कहेंगे?

--एक गेंदबाज के रूप में मुझे ये नियम पसंद नहीं है, क्योंकि पहले जब 11 खिलाड़ी खेलते थे तो आठवें नंबर पर गेंदबाज बल्लेबाजी करने आता था, तब आपको लगता था कि अब डेथ में आपको ज्यादा मार नहीं पड़ेगी। अब नौवें नंबर पर आलराउंडर आता है और रन ज्यादा बनते हैं। हां मनोरंजन की दृष्टि से ये नियम अच्छा है क्योंकि दर्शकों को चौके-छक्के देखने में मजा आता है। मैं अगर अपनी बात करूं तो अगर इंपैक्ट प्लेयर के रूप में मैं सफल हूं तो मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं।

पहले गुजरात टाइटंस के साथ आप नेट गेंदबाज के रूप में जुड़े थे, लेकिन अब आप उसकी गेंदबाजी आक्रमण का प्रमुख हिस्सा हैं। अपनी वापसी पर क्या कहेंगे?

--मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन जो इसे सबसे अच्छी वापसी बता रहे हैं, उनका मैं धन्यवाद देना चाहूंगा। ये केवल एक या दो साल की बात नहीं है। चार-पांच साल पहले जब मुझे ज्यादा क्रिकेट खेलने (आइपीएल) का अवसर नहीं मिल रहा था तो मैंने घरेलू क्रिकेट पर ध्यान लगाया। मैं क्रिकेट में जुड़ा रहना चाहता था, उससे मैं कभी दूर नहीं हुआ। हां, ये कह सकते हैं कि आइपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में बड़े समय बाद खेला। मैंने अभ्यास कभी नहीं छोड़ा, जब वह समय आया कि मुझे पेशेवर क्रिकेट फिर खेलने को मिला तो यह मेरी मेहनत का फल था।

एक ओवर में दो बाउंसर के नियम को आप कैसे देखते हैं, क्या गेंदबाजों को इससे फायदा हुआ है?

--एक गेंदबाज के लिए इसका फायदा और नुकसान दोनों है। जब आप ज्यादा गेंदबाजी में बह जाते हो तो आपको दिक्कत हो सकती है। महत्वपूर्ण यह है कि आप इसे किस तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन तेज गेंदबाज के लिए ये थोड़ा लाभदायक ज्यादा है।

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टी-20 क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल बनते जा रहा है। एक गेंदबाज के रूप में इसे कैसे देखते हैं?

-- जैसे मैंने इंपैक्ट नियम को लेकर कहा कि ये बल्लेबाजों का खेल तो है ही। गेंदबाजों के पास ज्यादा कुछ है नहीं, आगे तो आप देखेंगे कि धीरे-धीरे गेंद भी स्विंग होना बंद हो गई है। आज के समय में गेंदबाजों का फोकस स्विंग से ज्यादा वैरिएशन पर हो गया है। क्योंकि शुरुआत में अगर आपकी गेंद स्विंग होती है तो बल्लेबाजों के दिमाग में भी रहता है कि एक या दो ओवर निकाल दो, फिर तो स्विंग होना बंद ही हो जाएगी। फिर आप गेंदबाज को निशाना बना सकते हो। हां, गेंदबाजों के लिए मुश्किल हैं, लेकिन रणनीति को सही तरह से इस्तेमाल करने पर इससे बचा जा सकता है। इसके साथ ही अब मैदान भी छोटे हो रहे हैं। बहुत कम ही जगहों पर बाउंड्री बड़ी है, जहां गेंदबाज थोड़ा खुलकर कर गेंदबाजी कर सकता है।

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