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जड्डू के कोच की जागरण से खास बातचीत, बोले- 'रवींद्र जीवन में कभी दबाव में नहीं हो सकते; ऑस्ट्रेलिया चिंतित होगी'

वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने होंगी। टीम इंडिया 12 साल बाद फाइनल में पहुंची है और प्रबल दावेदार है ट्रॉफी उठाने के लिए। भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के कोच महेंद्र सिंह चौहान ने इससे पहले जागरण से खास बातचीत करके कई राज खोले। चौहान ने कहा कि रवींद्र जडेजा कभी दबाव नहीं लेता और ऑस्‍ट्रेलियाई खेमा चिंतित होगा।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek NigamUpdated: Sat, 18 Nov 2023 11:58 AM (IST)
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रवींद्र जडेजा के कोच की जागरण से खास बातचीत
मनन वाया, अहमदाबाद। वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में कल टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने होंगी। टीम इंडिया 12 साल बाद फाइनल में पहुंची है और प्रबल दावेदार है ट्रॉफी उठाने के लिए।

चूंकि यह फाइनल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ है, इसलिए प्रशंसकों को 2011 विश्व कप की मीठी यादों के बजाय 2003 विश्व कप के कड़वे फ़्लैशबैक याद आ रहे हैं। हर कोई जानता है कि नॉकआउट मैचों में ऑस्ट्रेलिया जायन्ट किलर के रूप में सामने आता है। उनके खिलाफ महान मुकाबले में एक भी क्षण को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

फिर इस मोस्ट अवेटेड फाइनल से पहले गुजराती जागरण ने विश्व क्रिकेट के रॉकस्टार माने जाने वाले ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा के कोच महेंद्रसिंह चौहान से खास बातचीत की। इस दौरान महेंद्र सिंह चौहान ने टूर्नामेंट के दौरान फाइनल के दबाव समेत कई दिलचस्प विषयों पर जवाब दिए। आगे का भाग उनसे हुई बातचीत पर आधारित।

आशापुरा माताजी के मंदिर से जागरण से बातचीत

हमारी जब पिछली बार बात हुई थी, मैंने आपको बताया था कि मैंने अपने जीवन में एक बार आशापुरा माताजी से कुछ मांगा था - मुझे एक क्रिकेटर देने के लिए, जो भारत का गौरव बने। उन्होंने मुझे रवीन्द्र के रूप में आशीर्वाद दिया। अभी मैं आपसे फोन पर बात कर रहा हूं, तब मैं माताजी के चौक में ही खड़ा हूं। माताजी ने मुझे रवीन्द्र के रूप में जीवन में सब कुछ दिया है। अब मैं कुछ भी नहीं मांग सकता। मैं माताजी को कल के फाइनल के बारे में या जडेजा के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। मेरे मन में तो बस यही चल रहा है कि देश वर्ल्ड कप जीतेगा। माताजी को हमारे मन का भाव पता होता है, में खुद उनसे कुछ नहीं कहूंगा।

जडेजा जीवन में कभी दबाव में नहीं रहते

फाइनल का दबाव? दबाव और जडेजा का कोई संबंध नहीं है। उसे जीवन में कभी भी दबाव महसूस नहीं होगा। जब वह खेलता है तो मैं दबाव में रहता हूं लेकिन उसे दबाव महसूस नहीं होता।' यही कारण है कि जडेजा कठिन परिस्थितियों में भी सफल होते हैं।

दबाव में ऐसी है जडेजा की मानसिकता

मैंने छोटी उम्र में ही जडेजा को समझाया था कि, "तुम कहां खेलना होता है? 6 स्टम्प्स के बीच में। वही बल्ला, वही गेंद और वही मैदान। पिच बदल जाएगी, लेकिन आप हर तरह के विकेट पर खेले हैं। तो क्या अलग है? हर स्थिति देखी होगी, फिर क्या अलग है? कुछ नहीं। फिर कोई दबाव में कैसे आ सकता है। यह तो तुम्हारा रोज का काम है, इसमें डरने की क्या बात है। इतना अभ्यास करने के बाद यह मैच की स्थिति में काम आएगा।' अगर आप घबराए हुए हैं तो भी आपको वही करना होगा। घबराओगे नहीं फिर भी तुम्हें वैसा ही करना होगा।"

जड्डू की खासियत ये है कि वो खेलेंगे तो उनके चेहरे या बॉडी लैंग्वेज पर कभी दबाव नहीं दिखेगा। वह अपना काम करेगा। यदि सड़क टेढ़ी-मेढ़ी है, तो वे स्लो चलेगा, यदि गड्ढे हैं, तो वो थोड़ी देर के लिए रुक जायेगा, और यदि यह अच्छी है, तो वो गति बढ़ाएगा, लेकिन चलना बंद नहीं करेगा। जडेजा के पास वो सारे गुण है, जिसकी जरूरत होती है।

जडेजा Master Key हैं

कोई भी मसला हो, कोई भी स्थिति हो - जडेजा के पास हर सवाल का जवाब रहेता है, वह टीम इंडिया की Master Key है। जब देश को जरूरत हो तब वो खड़ा होता है।

जामनगर का नाम रोशन करें

किसी व्यक्ति से क्या उम्मीद करनी चाहिए? कितनी उम्मीद करें? यदि आप मेरी जगह होते तो आप क्या सोचते? भारत ट्रॉफी जीत जाये। सभी खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दें। जामनगर का नाम रोशन करें। मैं भी यही चाहता हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि जड्डू कोई कसर नहीं छोड़ेगा और फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ देगा।

मैं मैच लाइव नहीं देखूंगा

मैंने आज तक कभी भी जडेजा को टीवी पर लाइव खेलते नहीं देखा। मैं फाइनल में भी यही क्रम बरकरार रखूंगा।' कभी-कभी टीवी के पास से गुजरना हो जाये और एक या दो गेंद देखलु तो वो दूसरी बात है। अन्यथा मैं मैच को लाइव नहीं देखूंगा और फाइनल के लिए भी ऐसा ही करूंगा। टीवी पर मैच नहीं देखूंगा। मैं हाइलाइट्स भी नहीं देखता।

जब मैच चल रहा होता है...

जब मैच चल रहा हो तो मैं खुद को अन्य कामों में व्यस्त रखता हूं।' या सो जाता हूं। या मैं शहर में घूमता हूं। या फिर मैं एक शांत जगह ढूंढता हूं और वहां बैठ जाता हूं।

जडेजा की जिंदगी का सबसे बड़ा मैच

यह फाइनल जडेजा की जिंदगी का सबसे बड़ा मैच कहा जा सकता है. रवीन्द्र को बाकी सब कुछ मिल गया है। उनसे जो अपेक्षा थी, वह पूरी की है - इसलिए मुझे विश्वास है कि वह इसे भी पूरा करेंगे। देश को उनसे जो भी उम्मीदें हैं, रवींद्र उसे पूरा करेंगे।

कोच साहब जश्न में यकीन नहीं रखते

फाइनल जीतने के बाद क्या होता है? जो हासिल करना था वो तो मैदान पर कर ही लिया होगा, फिर क्या बचता है। जीतकर देश को कुछ देना है। क्या अधिक? मैं सेलिब्रेशन में विश्वास नहीं रखता।

भारतीय खिलाड़ियों की तारीफ

भारतीय टीम इस वक्त शानदार फॉर्म में है। हर खिलाड़ी अच्छा खेल रहा है। हर बल्लेबाज चाहे वह रोहित शर्मा हों, विराट कोहली हों या श्रेयस अय्यर- हर खिलाड़ी लगातार रन बना रहा है। गेंदबाज भी बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसा प्रदर्शन कभी नहीं देखा, जब कोई फेल न हो। सिर्फ एक मैच में नहीं, उन्होंने टूर्नामेंट के हर मैच में मैच विनिंग प्रदर्शन किया है। ऑस्ट्रेलिया को चिंता करनी होगी। हम दबाव में कहां जा रहे हैं? मुझे विश्वास है कि सभी खिलाड़ी कल अच्छा खेलेंगे।