IND vs AUS Final: काली मिट्टी वाली पिच पर टॉस जीतने के बाद क्या करें? क्या होगा ओस का असर? पिच क्यूरेटर से जानिए सारी डिटेल्स
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लाल और काली दोनों मिट्टी की पिच के विकल्प हैं। एक विशेष कारण से फाइनल के लिए काली मिट्टी की पिच चुनी गई। लाल मिट्टी की पिच पर गेंद अच्छा उछाल लेती है। ऐसे में घरेलू मैदान पर उछाल भरी विकेटों पर खेलना पसंद करने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को फायदा मिल सकता है। काली मिट्टी की पिचों पर उछाल आमतौर पर सामान्य है।
By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarUpdated: Sat, 18 Nov 2023 07:15 PM (IST)
मनन वाया, अहमदाबाद। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप 2023 का फाइनल आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। मैच शुरू होने में अब कुछ ही घंटे बचे हैं और हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि आज पिच कैसी होगी। गौरतलब है कि यह फाइनल स्टेडियम की पिच नंबर 5 पर खेला जाएगा, जो काली मिट्टी से बनी है। इसी पिच पर भारत और पाकिस्तान के बीच मैच खेला गया था।
तो यूज्ड की गई काली मिट्टी वाली पिच पर टॉस जीतने के बाद कप्तान को क्या करना चाहिए? किसे होगा ज्यादा फायदा? ऐसे कई सवालों के जवाब पाने के लिए गुजराती जागरण ने विश्व के दिग्गज पिच क्यूरेटर धीरज परसाना से बात की। विशेष रूप से, वह देश के सबसे महान पिच डॉक्टरों में से एक हैं, जिन्होंने पिछले 4 दशकों में दुनिया के लगभग हर क्रिकेट देश में पिचों पर काम किया है। आगे का अंश उनके साथ की गई बातचीत पर आधारित है।
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भारत ने लाल मिट्टी की पिच क्यों नहीं चुनी क्योंकि...
नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लाल और काली दोनों मिट्टी की पिच के विकल्प हैं। एक विशेष कारण से फाइनल के लिए काली मिट्टी की पिच चुनी गई। लाल मिट्टी की पिच पर गेंद अच्छा उछाल लेती है। ऐसे में घरेलू मैदान पर उछाल भरी विकेटों पर खेलना पसंद करने वाले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को फायदा मिल सकता है। इसलिए काली मिट्टी की पिच का चयन किया गया है ताकि उन्हें फायदा न मिले।
काली मिट्टी की पिचों पर स्पिनरों को फायदा हो सकता है
काली मिट्टी की पिचों पर उछाल आमतौर पर सामान्य है। अगर पिच धीमी बनाई गई तो स्पिनरों को फायदा हो सकता है। हमारे स्पिनर कुलदीप यादव और रवींद्र जड़ेजा मैच में प्रभाव डाल सकते हैं।' धीमी पिचों पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शॉर्ट गेंदों की बारिश करके हुक और पुल की भी चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, कुल मिलाकर इस तरह के विकेट पर भारतीय टीम को ही ज्यादा फायदा होगा।यह भी पढ़ें- World Cup Final: 'अगर ऐसा नहीं हुआ तो...' फाइनल से पहले Rohit ने जताया अंदेशा, बेखौफ बल्लेबाजी के राज से उठाया पर्दा
टॉस जीतकर गेंदबाजी करनी चाहिए
दूसरी पारी में ओस आएगी। आजकल ऐंटी ड्यू स्प्रे का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, यह ड्यू (ओस) का 100% समाधान नहीं है। जब ओस आती है तो गेंद भारी हो जाती है और बल्ले पर अच्छी तरह से लगती है और स्पीड में ट्रेवल करती है। इसलिए मुझे लगता है कि टॉस जीतने वाली टीम को पहले गेंदबाजी करनी चाहिए। ऐसा भी हो सकता है कि कप्तान फाइनल के दबाव का मनोवैज्ञानिक फायदा उठाने के लिए पहले बल्लेबाजी करना चुने। शेष बल्लेबाजी सेकंड अधिक बेहतर विकल्प हैं।अहमदाबाद में वनडे मैच के आंकड़े:
- कुल वनडे: 30
- पहले बैटिंग करने वाली टीम जीती: 15
- चेज करने वाली टीम जीती: 15
- पहली पारी का औसत कुल: 243
- औसत पहली पारी में जीत का स्कोर: 253
- उच्चतम पहली पारी कुल: 365
- उच्चतम सफल रनचेज़: 325