'मैं डिप्रेशन में चला गया था', Ashutosh Sharma ने अपने करियर के सबसे बुरे समय का किया खुलासा; सुनाया दर्दनाक किस्सा
पंजाब को चैंपियन बनाने वाले नए बैटर आशुतोष शर्मा ने वो पल याद किया जब वो डिप्रेशन में चले गए थे। आशुतोष शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश टीम में उनके साथ बर्ताव अच्छा नहीं हुआ जिसके कारण वो डिप्रेशन में चले गए थे। आशुतोष शर्मा ने साथ ही बताया कि रेलवे ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया और उनका करियर पटरी पर लौटा।
आशुतोष शर्मा ने क्या कहा
रेलवे ने दिया साथ
आशुतोष शर्मा ने कहा कि उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि उनकी गलती क्या है और वो नए कोच के अंतर्गत टीम सेट-अप से खासे परेशान रहे। शर्मा ने रेलवे का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनका बखूबी साथ निभाया। मध्यप्रदेश के रतलाम में जन्में आशुतोष ने नए कोच के साथ मतभेद के बाद रेलवे का रुख कियाा।आशुतोष शर्मा ने पिछले साल सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 11 गेंदों में अर्धशतक जमाकर युवराज सिंह का रिकॉर्ड तोड़ा। पंजाब किंग्स ने आशुतोष शर्मा को उनकी बेस प्राइस 20 लाख रुपये में खरीदा था। यह भी पढ़ें: Video: खुशी से उछल पड़ीं Preity Zinta, जब 'गलती' से खरीदे गए शशांक सिंह ने जिताया मैचवो दर्दनाक किस्सा
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हमारे छह मैच हुए और मैंने तीन में अर्धशतक जमाया। अगले साल पेशेवर कोच आए और मुझे बेंच पर बैठा दिया। तब कोविड का समय था। केवल 20 लोगों को यात्रा करने की अनुमति थी। मैं होटल में रहता था। तो मैं एक या दो महीने होटल में ही रहा। मैं डिप्रेशन में चला गया क्योंकि मैदान ही नहीं देखा। मैं बस जिम जाता और अपने कमरे में वापस लौट आता।
इससे मैं चिढ़ गया था और डिप्रेशन में चला गया। मैं बस यह सोचता था कि अचानक क्या हुआ। मैंने क्या गलत किया। मुझे किसी ने नहीं बताया कि क्या गलती मैंने की। मैं बस नए सेट अप से हैरान था। मगर मैंने अभ्यास नहीं छोड़ा।
यह भी पढ़ें: 25 साल के क्रिकेटर ने बल्ले से मचाया कोहराम, रांची में तोड़ डाला Yuvraj Singh का 16 साल पुराना रिकॉर्डमुझे फिर रेलवे में नौकरी मिल गई। उन्होंने मेरा काफी समर्थन किया। उन्होंने मुझे अंडर-25 और टी20 प्रारूप में मौका दिया। मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। तो हां, दो-तीन साल मेरे लिए खराब रहे। मैं डिप्रेशन में था। मुझे रात में नींद नहीं आती थी। इससे उबरना मुश्किल था। मगर मुझे अपने ऊपर विश्वास था और मैं बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा।