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KKR पहुंची प्लेऑफ में, लेकिन गौतम गंभीर को अभी भी है एक मलाल, अपनी सबसे बड़ी गलती के बारे में किया खुलासा

गंभीर के कप्तान रहते कोलकाता ने साल 2012 और 2014 में आईपीएल का खिताब जीता था। 2014 में इस टीम ने सूर्यकुमार यादव को खरीदा था जो 2017 तक टीम के साथ रहे। गंभीर ने भी 2017 में कोलकाता का साथ छोड़ दिया था। गंभीर ने अब कहा है कि वह और टीम मैनेजमेंट सूर्यकुमार के टैलेंट को सही तरह से इस्तेमाल नहीं कर सके।

By Abhishek Upadhyay Edited By: Abhishek Upadhyay Updated: Mon, 13 May 2024 03:57 PM (IST)
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गौतम गंभीर की कप्तानी में कोलकाता ने दो बार आईपीएल जीता है।
 स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। गौतम गंभीर की इस साल कोलकाता नाइट राइडर्स में वापसी हुई है। अपनी कप्तानी में गंभीर ने इस टीम को दो बार चैंपियन बनाया था। इस साल वह टीम के मेंटॉर है। उनके आने के बाद टीम ने दमदार खेल दिखाया है और आईपीएल 2024 के प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बनी है। कोलकाता को प्लेऑफ में पहुंचाने के बाद गंभीर ने अपनी सबसे बड़ी गलती का खुलासा किया है।

गंभीर के कप्तान रहते कोलकाता ने साल 2012 और 2014 में आईपीएल का खिताब जीता था। 2014 में इस टीम ने सूर्यकुमार यादव को खरीदा था जो 2017 तक टीम के साथ रहे। गंभीर ने भी 2017 में कोलकाता का साथ छोड़ दिया था। गंभीर ने अब कहा है कि वह और टीम मैनेजमेंट सूर्यकुमार के टैलेंट को सही तरह से इस्तेमाल नहीं कर सके।

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गंभीर ने कही ये बात

स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए गंभीर ने कहा कि सूर्यकुमार के टैलेंट को सही तरह से इस्तेमाल न कर पाने का मलाल उन्हें हमेशा रहेगा। गंभीर ने कहा, "लीडर का काम होता है कि वह बेस्ट टैलेंट को पहचाने और उसे दुनिया को बताए। कोलकाता की कप्तानी सात साल करने के बाद अगर मुझे किसी बात का पछतावा है तो वो ये है कि मैं और हमारी टीम सूर्यकुमार के टैलेंट का इस्तेमाल सही तरह से नहीं कर पाई।"

गंभीर ने कहा कि इसका कारण टीम कॉम्बीनेशन था। उन्होंने कहा, "आप नंबर-3 पर सिर्फ एक ही खिलाड़ी को खिला सकते हैं। और एक लीडर के तौर पर आपको प्लेइंग-11 में बाकी खिलाड़ियों के बारे में भी सोचना होता है। वह नंबर-3 पर ज्यादा प्रभावी होते, लेकिन नंबर-7 पर भी वह उतने ही अच्छे थे।"

हमेशा रहते हैं तैयार

गंभीर ने कहा कि सूर्यकुमार को नंबर से फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आप उन्हें किसी भी नंबर पर खिला लीजिए, वह हमेशा तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा, "आप चाहें नंबर 6 पर उन्हें खिलाएं या सात पर, या फिर उन्हें बेंच पर बैठाएं। वह हमेशा खुश रहते हैं और हंसते रहते हैं और हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने को तैयार रहते हैं। इसलिए हमने उन्हें उप-कप्तान बनाया था।"

2014 में सूर्यकुमार ने कोलकाता के लिए डेब्यू किया और 2017 तक खेले। लेकिन इसके बाद वह मुंबई आ गए और टीम का अहम हिस्सा बन गए। इस समय वह टी20 के नंबर-1 बल्लेबाज हैं और इसी सीजन भी दमदार फॉर्म में चल रहे हैं।

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