Ashutosh Sharma ने 10 साल की उम्र में छोड़ा था घर, झेलीं मुश्किलें; अब 20 लाख का खिलाड़ी जीत रहा फैंस का दिल
आशुतोष शर्मा (Ashutosh Sharma) मध्यप्रदेश के छोटे से शहर रतलाम में जन्मे और इंदौर में उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की। आशुतोष लाइमलाइट में साल 2023 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के जरिए आए। ग्रुप स्टेज मैच में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ आशुतोष ने 11 गेंद पर हाफ सेंचुरी जड़ी जो टी20 में भारतीय बैटर द्वारा सबसे तेज फिफ्टी रही। मुंबई के खिलाफ आईपीएल में अपनी पहली हाफ सेंचुरी जड़ी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड फिल्म संजू का 'कर हर मैदान फतेह ओ बंदेया' आशुतोष शर्मा (Ashutosh Sharma) पर सटीक बैठता है। आईपीएल में स्टार बल्लेबाज बनने से पहले आशुतोष शर्मा के जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आए। बचपन से लेकर और रेलवे में जॉब मिलने से पहले आशुतोष का जीवन कठिनाईयों भरा रहा है। उन अंधरों की गहराइयों से निकल आशुतोष ने अपनी मेहनत की रोशनी से अपना जीवन रौशन कर लिया है। आईपीएल में अपनी पहली फिफ्टी जड़कर फैंस का दिल जीत लिया है।
आशुतोष शर्मा मध्य प्रदेश के शहर रतलाम से संबंध रखते हैं। वह मात्र आठ साल की उम्र में इंदौर आ गए थे। यहां उनका जीवन कठिनाइयों से भरा रहा। 10 साल की उम्र से ही वह खुद से खाना बनाते थे, खुद कपड़े धोते थे। कई बार आशुतोष के पास पैसे नहीं होते थे तो उन्हें अंपायरिंग करके पैसे कमाने पड़ते थे, जिससे कम से कम से कम एक समय के खाने का जुगाड़ हो जाता था, लेकिन किस्मत तब पल्टी जब MPCA एकेडमी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर अमय खुरसिया का साथ मिला।
रेलवेज ने जताया था भरोसा
आशुतोष शर्मा का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ था। 2018 में आशुतोष ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के लिए डेब्यू किया। अगले सीजन एमपी के लिए अपने आखिरी टी20 मैच में उन्होंने 84 रन बनाए। 2020 में अंडर-23 में दो शतक लगाए। इसके बावजूद उन्हें कई बार टीम में अंदर-बाहर किया गया। उन्होंने रेलवेज में जाने की सोची। रेलवेज में कोच और चयनकर्ताओं ने आशुतोष पर अपना पूरा भरोसा जताया और उनकी काफी मदद की।यह भी पढ़ें- T20 वर्ल्ड जीतने के लिए Zaheer Khan का खास मंत्र, इन लेफ्ट ऑर्म पेसर्स पर दांव खेलकर टीम इंडिया बन सकती है चैंपियन