Yash Thakur ने भारतीय गेंदबाज के कारण शुरू की पेस बॉलिंग, इन दो क्रिकेटर्स को अपना आदर्श मानता है युवा खिलाड़ी
लखनऊ सुपरजायंट्स को गुजरात टाइटंस पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले यश ठाकुर ने बताया कि वो क्रिकेट में किन 2 खिलाड़ियों को अपना आदर्श मानते हैं। बता दें कि ठाकुर ने रविवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ 5 विकेट चटकाए थे। लखनऊ सुपरजायंट्स ने यश ठाकुर की बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर गुजरात टाइटंस को 33 रन से मात दी थी।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। लखनऊ सुपरजायंट्स को गुजरात टाइटंस पर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले यश ठाकुर ने उमेश यादव और एमएस धोनी को अपना आदर्श बताया। मयंक यादव की गैरमौजूदगी में ठाकुर ने बेहतरीन गेंदबाजी स्पेल करके गुजरात टाइटंस के बल्लेबाजी क्रम को उखाड़ फेंका और लखनऊ को 33 रन की जीत दिलाई।
यश ठाकुर ने 3.5 ओवर में एक मेडन सहित 30 रन देकर पांच विकेट झटके। उन्होंने गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल, विजय शंकर, राहुल तेवतिया, राशिद खान और नूर अहमद को अपना शिकार बनाया। मैच के बाद ठाकुर ने खुलासा किया कि दो भारतीय खिलाड़ियों को वो अपना आदर्श मानते हैं।
यश ठाकुर ने क्या कहा
यश ठाकुर सबसे पहले उमेश यादव का नाम लिया और कहा कि उनको देखकर उन्होंने गेंदबाजी करना शुरू की। ठाकुर का वीडियो आईपीएल ने पोस्ट किया है।
मेरे आदर्श उमेश यादव हैं, जो कि मेरे शहर से हैं। मैंने तेज गेंदबाजी का अभ्यास उन्हें देखने के बाद ही शुरू किया। जब मैंने उनके खिलाफ खेला, तो काफी कुछ सीखने को मिला। वो बहुत शांत व्यक्ति हैं। अगर मैं रात में 12 बजे भी उन्हें कॉल करूं तो वो मेरी मदद करेंगे।
धोनी भी आदर्श
यश ठाकुर ने चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को भी अपना आदर्श बताया। ठाकुर ने कहा कि वो एमएस धोनी की तरह मैच फिनिश करने की ख्वाहिश रखते हैं।
मेरे आदर्श एमएस धोनी भी हैं। वो जिस तरह बल्ले से मैच फिनिश करते रहे हैं, मैं गेंद से वैसा कमाल करना चाहता हूं। धोनी का गेम सेंस शानदार है।
परिवार को समर्पित प्रदर्शन
यश ठाकुर ने अपने प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिवंगत पिता और परिवार को समर्पित किया, जिन्होंने सालों उनका समर्थन किया।
मैं अपने पांच विकेट पिता को समर्पित करना चाहता हूं, जो अब दुनिया में नहीं हैं। यह उनका सपना था कि मुझे प्लेयर ऑफ द मैच बनते देखें और पांच विकेट लूं। यह टी20 में मेरा पहला पांच विकेट है। उन्होंने मेरा समर्थन किया और मुझे प्रोत्साहित किया। अगर मेरे पिता और परिवार का साथ नहीं होता तो मैं यहां नहीं पहुंचता। जब भी मैं चोटिल हुआ तो उन सभी ने मेरा समर्थन किया और मुझे प्रोत्साहित किया।
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