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Yashasvi Jaiswal: समय का पहिया ऐसा पलटा... जिस मैदान पर कभी बेचे थे गोलगप्पे, आज उसी पर बल्ले से मचाया कोहरम

Coach Jwala Revealed Yashasvi Jaiswal Struggle Story।कहते है ना कि समय का पहिया कब पलट जाए इसका किसी को भी अंदाजा नहीं होता है... ऐसा ही कुछ आईपीएल 2023 के 42वें मैच में देखने को मिला। यशस्वी ने शानदार शतकीय पारी खेलकर हर किसी को दीवाना बनाया।

By Priyanka JoshiEdited By: Priyanka JoshiUpdated: Mon, 01 May 2023 05:54 PM (IST)
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Yashasvi Jaiswal RR vs MI IPL 2023
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। Yashasvi Jaiswal Struggle Story Coach Jwala Reveals IPL 2023।कहते है ना कि समय का पहिया कब पलट जाए, इसका किसी को भी अंदाजा नहीं होता है... ऐसा ही कुछ आईपीएल 2023 (IPL 2023) के 42वें मैच में देखने को मिला, जहां मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने बल्ले से धमाल मचाते हुए रनों की बौछार लगाई और 53 गेंदों पर अपने आईपीएल का पहला शतक ठोका।

ये शतक उनके लिए बेहद ही यादगार और खास इसलिए रहा, क्योंकि मुंबई के वानखेड़े मैदान पर न सिर्फ हाथ में बल्ला थामे हुए उन्होंने क्रिकेट खेला है, बल्कि इस मैदान से उनकी जिंदगी के संघर्षों से भरे दिन भी जुड़े हुए हैं।

एक वक्त इस मैदान के बाहर पेट पालने के लिए यशस्वी गोलगप्पे बेचा करते थे और आज ये वहीं मैदान है जिसमें हाथ में बल्ला लिए जायसवाल को पूरी दुनिया सलाम कर रही हैं। इनकी स्ट्रगल स्टोरी इतनी दिल छू लेने वाली है कि लोग इसके बेहद ही पसंद कर रहे है। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए आपको भी बताते हैं यशस्वी के संघर्ष की अनसुनी कहानी...

FLASHBACK: जब आर्थिक तंगी के कारण सड़कों पर गोलगप्पे बेचा करते थे यशस्वी जायसवाल

दरअसल, राजस्थान रॉयल्स की गुलाबी जर्सी में जिस युवा खिलाड़ी ने आईपीएल 2023 के 42वें मुकाबले में शतक जड़कर हर किसी को प्रभावित कर दिया है, वो और कोई नहीं यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) है, जिन्होंने बल्ले से धमाल मचाते हुए 92 रनों की तूफानी पारी खेलकर अपना टैलेंट और अपने इरादे पूरी दुनिया के सामने पेश कर दिया। हर किसी की तरह यशस्वी का इस मुकाम तक पहुंच पाना आसान नहीं रहा था।

उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के बाहर घर चलाने के लिए कभी गोलगप्पे तक बेचे। इस बार में उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि मुझे अच्छा नहीं लगता है कि जिन लड़कों के साथ मैं क्रिकेट खेलता था, जो सुबह मेरी तारीफ करते थे, वहीं शाम को मेरे पास गोलगप्पे खाने आते थे, लेकिन घर की हालात देखकर उन्होंने मजबूरन ये सब करना पड़ा।

बता दें कि यशस्वी जायसवाल जब 11 साल के थे तब उन्होंने उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले भदोही से मुंबई तक का सफर किया था और उनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। उन्होंने इस बार में बताया था कि मैं सिर्फ यहीं सोचकर आया था कि मुझे बस क्रिकेट खेलना है और वह भी सिर्फ और सिर्फ मुंबई से।

इसके बाद उनकी मुलाकात उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह से हुई, जिन्होंने यशस्वी जायसवाल को मुफ्त में क्रिकेट सिखाया और इसके बाद यशस्वी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में डेब्यू साल 2019 में किया था और कुल 15 सेंचुरी और 16 अर्धशतकीय सेंचुरी यशस्वी अभी तक जड़ चुके है। अंडर 19 विश्व कप 2020 में उन्होंने 6 पारियों में 133 के स्ट्राइक रेट से 400 रन बनाए। इसके अलावा विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई के लिए यशस्वी ने दोहरा शतक भी जड़ा था।

प्लास्टिक की बॉल से प्रैक्टिस करते थे यशस्वी जायसवाल

यशस्वी जायसवाल 2.0 वर्जन से पहले युवा बल्लेबाज हर दिन प्लास्टिक की बॉल से प्रैक्टिस करता था। प्लास्टिक की बॉल को यशस्वी सिमेंट की दीवारों पर बड़े-बड़े शॉट जड़कर भेजते थे। उनके कोच ज्वाला उन्हें कई खतरनाक बाउंसर और शॉट बॉल डालते थे, जो कभी उनके सीने में कभी पैरों में लगती थी, लेकिन जायसवाल चुपचाप दर्द सह लेते थे और दोबारा क्रिकेट प्रैक्टिस करने लगते थे।

उनके बचपन के कोच ने इस बारे में एक इंटरव्यू में बताया,

मैं यशस्वी को सबसे अलग बनाना चाहता था। मुझे पता था कि आईपीएल के 3 सीजन उन्होंने खेले है और क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में अगर आपको सफल होना है तो कुछ अलग तकनीक अपनानी होगी। इसके लिए मैंने उन्हें गोरकपुर बुलाया और वहां प्लास्टिक की गेंदों से उनसे प्रैक्टिस करवाई। हम दो ग्राउंड में प्रैक्टिस किया करते थे। पहला रेलवे ग्राउंड और दूसरा एंड्रयू ग्राउंड। उस वक्त यशस्वी डरे हुए थे और उन्होंने कई बार अपने आप पर ही बल्ले से चोट पहुंचाई।

इस दौरान उसने मुझसे कहा कि सर मेरा बैट मेरी बॉडी से दूर न जाने लगे मेरा खेल खराब हो जाएगा। मैंने उसे कहा तुम बस गेंद को मारने पर फोकस करो और मैंने 80 मीटर की बाउंड्री पर निशाना गया था और यशस्वी को कहा कि जितने छक्के ह सके वो मारे। हम रोज 4-5 घंटे प्रैक्टिस करते थे। हम अब इसका नतीजा देख रहे है। मैंने उसे ये भी कहा था कि अगर तुम्हें नंबर 1 बनना है तो नंबर 1 बॉलर को टारगेट करो।

टीम इंडिया की सीनियर टीम में जल्द मिलेगा मौका, कोच की उम्मीदें कायम

यशस्वी जायसवाल के बचपन के कोच ज्वाला को पूरा भरोसा है कि यशस्वी जायसवाल जिस फॉर्म में है उसे देखकर जरूर उन्हें टीम इंडिया में एंट्री मिलेगी। ज्वाला ने कहा मैंने देखा है कि जिस तरह से जायसवाल बल्लेबाजी कर रहा है, वो दिन दूर नहीं है जब उसे टीम इंडिया की सीनियर टीम में जगह मिलेगी। सेलेक्टर्स यशस्वी को देख रहे होंगे और उस पर पैनी नजरें बनाए रखे होंगे। मुझे यकीन है यशस्वी जल्द ही सीनियर इंडियन जर्सी में नजर आएगा।