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उदार नीति के बावजूद 10वीं के परिणाम में गिरावट

-पिछले वर्ष की तुलना में 4.25 फीसद नीचे गया सीबीएसई 10वीं का परिणाम - सीबीएसई ने आंतरिक पर

By JagranEdited By: Updated: Tue, 29 May 2018 10:37 PM (IST)
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उदार नीति के बावजूद 10वीं के परिणाम में गिरावट
मनोज भट्ट, नई दिल्ली :

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं के परीक्षा परिणाम में पिछले वर्ष के मुकाबले चार फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट तब दर्ज की गई जब इस वर्ष सीबीएसई ने 10वीं में पास होने के अपने मानदंड को बदलते हुए अपनी नीति को उदार बनाया था। जिसके तहत छात्र अगर आंतरिक परीक्षा के मूल्यांकन व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त कर लेता है तो उसे पास मानने की घोषणा सीबीएसई ने की थी।

सीबीएसई ने आठ साल बाद इस वर्ष 10वीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा अनिवार्य की थी। 1624682 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। जिसमें से 1408594 छात्र पास हुए। जिनके पास होने का कुल फीसद 86.70 रहा। वहीं पिछले वर्ष स्कूल आधारित व बोर्ड आधारित परीक्षा में कुल 1660123 छात्र शामिल हुए थे। जिनमें से 1509383 छात्र परीक्षा में पास हुए थे। जिनके पास होने का फीसद 90.95 फीसद था। इन दोनों वर्ष की तुलना करने पर इस वर्ष 10वीं के परीक्षा परिणाम में 4.25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। यह स्थिति तब बनी है जब सीबीएसई ने परीक्षा शुरू होने से तकरीबन एक सप्ताह पहले अधिसूचना जारी की थी। जिसमें शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 10वीं में पास होने के मानदंड में बदलाव किया था। इसके पीछे सीबीएसई ने तर्क दिया था कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा में विभिन्न मूल्यांकन पृष्ठभूमि से आए परीक्षार्थियों की परिस्थतियों को देखते हुए पास मानदंड में बदलाव किया जा रहा है। जिसके तहत 20 अंक वाली आंतरिक परीक्षा व बोर्ड परीक्षा में 80 अंक वाली विषय परीक्षा के अंकों को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने पर भी छात्र पास माने जाएंगे। सीबीएसई ने यह नियम पांचों मुख्य विषयों के लिए लागू किया था, लेकिन इसके बाद भी सीबीएसई के परीक्षा परिणाम में गिरावट दर्ज की गई है।

लड़कियां रहीं लड़कों से आगे

सीबीएसई 10वीं के परीक्षा परिणाम में लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों के मुकाबले बेहतर रहा है। इस बार लड़कों की तुलना में 3.35 फीसद छात्र पास हुए हैं। हालांकि पिछले वर्ष लड़कियों की तुलना में लड़कों का प्रदर्शन तकरीबन एक फीसद बेहतर रहा था।

सीबीएसई के अनुसार इस वर्ष कुल 86.70 फीसद छात्र पास हुए हैं। जिसमें से लड़कियों के पास होने का फीसद 88.67 फीसद रहा है। जबकि 85.32 फीसद लड़के पास हुए हैं। इस तरह लड़कियों के पास होने का फीसद लड़कों के मुकाबले 3.35 अधिक रहा है। हालांकि पिछले वर्ष के मुकाबले लड़कों व लड़कियों के पास होने के फीसद में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले वर्ष 92.5 फीसद लड़कियां व 93.4 लड़के पास हुए थे।

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