डीयू दाखिला नियमों के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नए दाखिला नियमों को चुनौती
By Edited By: Updated: Mon, 13 Jul 2015 06:13 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नए दाखिला नियमों को चुनौती देने संबंधी मामले में सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने कहा कि सभी पक्षों के जवाब सुन लिए गए हैं, उन पर विचार करने के बाद फैसला सुनाया जाएगा।
डीयू की तरफ से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि विभिन्न राज्यों के शिक्षा बोर्ड में अलग-अलग अंक योजना है। किसी राज्य का बोर्ड आंतरिक मूल्यांकन के 30 अंक देता है, तो कहीं यह अंक 20 है। याचिकाकर्ता छात्रों को अन्य राज्यों में भी दाखिले के लिए आवेदन करना चाहिए। यदि उनका नंबर अन्य राज्यों में आता है तो डीयू में जमा कराए सर्टिफिकेट वापस ले सकते हैं। कॉलेजों की तरफ से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि कॉलेज सीट व अन्य जानकारी पैंफलेट के माध्यम से छात्रों को देते हैं। दाखिले के लिए अतिरिक्त योग्यता नहीं मांगी जाती है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता छात्रों के वकील ने डीयू व कॉलेजों के जवाब का विरोध किया। उन्होंने कहा कि डीयू के सभी कॉलेजों में दाखिले की सामान प्रकिया नहीं है। इससे पहले 3 जुलाई को अदालत ने मामले में केंद्र सरकार, केरल सरकार, ¨हदू कॉलेज व हंसराज कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाई कोर्ट में केरल, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के एक दर्जन छात्रों ने अलग-अलग याचिका दायर कर कहा है कि डीयू के सभी कॉलेजों में दाखिले की अलग-अलग प्रक्रिया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की मूल्यांकन प्रणाली के अंतर्गत अध्ययन न किए होने पर डीयू में दस अंक काटे जा रहें हैं, जोकि गलत है। डीयू नियमों के अनुसार जिन छात्रों ने ऐसे बोर्ड से पढ़ाई की है, जहां प्रैक्टिकल व थ्योरी का 70:30 का नहीं है, उसके 10 नंबर काटे जाएंगे।
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