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फर्जीवाड़ा: कभी भी रद्द हो सकती है डिग्री

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : डीयू में फर्जी तरीके से दाखिला कराने के एक गिरोह के खुलासे के बाद विश्वविद

By Edited By: Updated: Thu, 30 Jul 2015 09:42 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : डीयू में फर्जी तरीके से दाखिला कराने के एक गिरोह के खुलासे के बाद विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण प्रो. जेएम खुराना ने स्पष्ट किया है कि फर्जी तरीके से लिया गया कोई भी दाखिला छात्र को कभी भी मुश्किल में डाल सकता है। ऐसा नहीं है कि दाखिले के समय बच गए तो फर्जीवाड़ा मान्य हो गया। डिग्री पाने के बाद भी यदि फर्जीवाड़ा साबित होता है तो उसे रद्द कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि डीयू में सभी दाखिले प्रोविजनल आधार पर होते हैं और दाखिला प्रक्रिया पूरी करने के बाद कॉलेज अपने स्तर पर विद्यार्थियों द्वारा पेश दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया पूरी करते हैं। अक्सर जाति प्रमाणपत्र के मामलों में संबंधित संस्थाओं की ओर से समय पर जवाब नहीं मिलता है और ऐसे में इस प्रक्रिया में कभी-कभी एक से दो साल का समय भी लग जाता है। इस जांच में यदि दस्तावेज सही पाए गए तो ठीक अन्यथा दाखिला रद्द कर दिया जाता है। ऐसे अनेक उदाहरण उपलब्ध हैं, जिनमें कॉलेजों के स्तर पर फर्जी दस्तावेजों के चलते दाखिले रद्द किए गए हैं। इतना ही नहीं नियमों के अनुसार यदि डिग्री प्राप्त करने के बाद भी विद्यार्थी द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा साबित हो जाता है तो उसकी डिग्री को भी रद्द कर दिया जाता है।

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