शिव मंदिर, शिकारपुर
नजफगढ़ शहर से करीब दस किलोमीटर दूर स्थित शिकारपुर गांव में शिव जी का प्राचीन मंदिर है। मंदिर के प
By Edited By: Updated: Mon, 17 Aug 2015 06:59 PM (IST)
नजफगढ़ शहर से करीब दस किलोमीटर दूर स्थित शिकारपुर गांव में शिव जी का प्राचीन मंदिर है। मंदिर के प्रति ग्रामीणों का बेहद लगाव है। श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यहां बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव को जलाभिषेक करने आते हैं।
इतिहास गांव शिकारपुर का इतिहास सात सौ साल पुराना है। ग्रामीणों का कहना है कि इतना ही पुराना यह मंदिर है। मंदिर में हनुमान और दुर्गा की मूर्ति भी स्थापित की गई है। मंदिर प्रांगण के विशाल सरोवर में तीन तरफ सीढि़यां बनाई गई हैं। इसे पवित्र तालाब के नाम से जाना जाता है। दो वर्ष पूर्व तक इस सरोवर में स्नान करने के बाद श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करते थे। पूजा पाठ के लिए मंदिर में बड़ा बरामदा बनाया गया है। गांव की चौपाल मंदिर में ही लगती है।
तैयारियां सावन में यहां इस गांव के अलावा आसपास के गांवों के लोग भी भगवान शिव पर जल चढ़ाने के लिए आते हैं। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की जाती है। यहां पर समय-समय पर भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।
---------- मंदिर के प्रति ग्रामीणों की आस्था है। हर पर्व व त्योहार पर यहां महिलाएं व बच्चे पूजा पाठ करने के लिए आते हैं। सावन में यहां भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। -पंडित दयाल शंकर शर्मा। ---------------------- ऐसे कम ही गांव है जिनमें मंदिर है और मंदिर के प्रांगण में सरोवर है। अगर इस सरोवर में पानी भरने और निकासी की व्यवस्था हो जाए तो इससे बेहतर इस क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं हो सकता है। -गंगाशरण त्यागी।
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