गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करता मुस्लिम परिवार
संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली ऐसे समय में जब देश में धार्मिक असहिष्णुता पर बहस हो रही है। पंजाबी
By Edited By: Updated: Fri, 13 Nov 2015 10:04 PM (IST)
संजीव कुमार मिश्र, नई दिल्ली
ऐसे समय में जब देश में धार्मिक असहिष्णुता पर बहस हो रही है। पंजाबी बहुल इलाके तिलक नगर में रहने वाले आस मोहम्मद गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं। आस मोहम्मद की बीबी आसमा खातून पांच साल से छठ व्रत रखती आ रही है। इस वर्ष भी उन्होंने छठ व्रत की तैयारी शुरू कर दी है। व्रत के दौरान न केवल वे पूरे पारंपरिक तरीके से व्रत का पालन करती हैं, बल्कि पूरे कार्तिक महीने में परिवार के लोग शाकाहार अपनाते हैं। पूरा परिवार जाता है घाट पर
आस मोहम्मद बीबी आसमा खातून और पांच बच्चों के साथ तिलक नगर में रहते है। वे कहते हैं कि छह साल पहले छठ पर्व में आस्था जताते हुए मन्नत मांगी थी। उस समय परिवार बिहार के गोपालगंज के मूंजा गांव में रहता था। मन्नत पूरी हुई तो पूरे परिवार ने एक स्वर में छठ व्रत करने की ठानी। उसी साल गांव के ¨हदू परिवारों से छठ पर्व की कार्य विधि पूछी गई। आस मोहम्मद कहते हैं कि पांच साल से पूरा परिवार घाट के किनारे जाता है। सूर्य को अर्घ्य देता है और उनसे पूरे परिवार की सुख शांति मानता है। एक महीने नहीं पकता मांस
आस मोहम्मद कहते हैं कि कार्तिक माह हमारे लिए रमजान की तरह ही पवित्र है। हमने कार्तिक माह की महिमा पढ़ी है। इसके बाद ही परिवार ने एक माह तक घर में मांस नहीं पकाने का दृढ़ निश्चय किया। पांच साल पहले लिए गए इस निर्णय को परिवार अपनी दृढ इच्छा शक्ति के चलते आज तक निभाता आ रहा है। इस बार भी कार्तिक माह शुरू होते ही घर की सफाई की गई। नहाय खाय की तैयारियां पूरी हो चुकी है। आसमा सात्विक तरीके से व्रत मनाती भी है। आस-पड़ोस या फिर रिश्तेदारों के किसी प्रकार का विरोध करने के सवाल पर आस मोहम्मद कहते हैं कि अब तक किसी ने मना तक नहीं किया। इस बार झील वाला पार्क में छठ पूजा करेंगे। छठ पूजा उत्सव समिति की अध्यक्ष संगीता चतुर्वेदी कहती हैं कि आस मोहम्मद के परिवार को छठ के विधि विधान बताए गए हैं। किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए उत्सव समिति के सदस्य लगातार इनके संपर्क में रहते हैं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।