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हर बच्चे को खेल में लेनी चाहिए रुचि : पुलेला गोपीचंद

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने सोमवार को कहा क

By JagranEdited By: Updated: Mon, 27 Mar 2017 10:34 PM (IST)
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हर बच्चे को खेल में लेनी चाहिए रुचि : पुलेला गोपीचंद

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने सोमवार को कहा कि हर बच्चे को किसी एक खेल में रुचि लेनी चाहिए। खेल से मन-मस्तिष्क के साथ ही व्यक्तित्व का भी विकास होता है। बच्चे में निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है। वे इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में सोमवार को खेल और खिलाड़ियों के जीवन पर लिखी गई पुस्तक 'स्पो‌र्ट्स: अ वे ऑफ लाइफ' के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में खेल का महत्व समझाने के लिए हम जैसे खिलाड़ियों व प्रशासन को आगे आना होगा, तभी खेल के क्षेत्र में देश का नाम रोशन होगा।

इस मौके पर पैरालंपिक में दो बार स्वर्ण पदक जीतकर रिकॉर्ड बनाने वाले देवेंद्र झांझरिया ने कहा कि हमारे देश में न खिलाड़ियों की कमी है और न ही खेल प्रेमियों की। कमी है तो प्रशासन स्तर पर। जीत जाने के बाद खिलाडि़यों को सभी सुविधा मिलती है, लेकिन अभ्यास के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खेल पर लिखी गई यह पुस्तक काफी हद तक खिलाड़ियों के तनाव को कम करेगा और उनमें आगे बढ़ने की भावना को जागृत करेगा।

वहीं, पुस्तक के लेखक कनिष्क पांडेय ने कहा कि वे बचपन से खिलाड़ी बनना चाहते थे, लेकिन समय के साथ उनके जीवन में बदलाव आया और वे सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे। पहली बार उन्हें निराशा हाथ लगी तो उन्होंने अपने पिता डॉ.अजय शंकर पांडेय से बातचीत की। पिता ने उन्हें खिलाड़ियों के जीवन के बारे में बताया। खिलाड़ियों की हार-जीत के सफर से अवगत कराया। पिता से प्रेरणा लेकर कनिष्क ने खेल और खिलाड़ियों के जीवन पर यह पुस्तक लिखी।

इस मौके पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन वेद प्रकाश, सेंट स्टीफन कॉलेज के प्रधानाचार्य जॉन वर्गीस, विश्वमोहन कटोच, देवेंद्र कौशल समेत भारी संख्या में छात्र और खेल व शिक्षा जगत से जुड़े लोग मौजूद थे।

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