बाजार परिसर की गंदगी बन रही चुनावी मुद्दा
बिरंचि ¨सह, पश्चिमी दिल्ली गांव व कॉलोनियों की सड़कों और गलियों में ही नहीं, बल्कि मार्केट परिसर औ
By JagranEdited By: Updated: Sat, 08 Apr 2017 08:26 PM (IST)
बिरंचि ¨सह, पश्चिमी दिल्ली
गांव व कॉलोनियों की सड़कों और गलियों में ही नहीं, बल्कि मार्केट परिसर और बाजार में भी सफाई की समस्या है। हालांकि, अधिकांश बाजार निगम के अधीन हैं, लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने जिन मार्केट को बसाया है, उनकी भी सफाई की जिम्मेवारी निगम की है। विशेषकर, ऐसे लोग जो रिहायशी कॉलोनियों में रहते हैं और इलाके के प्रमुख बाजार में उनकी दुकानें हैं। वे इन दोनों जगहों पर सफाई नहीं होने से पीड़ित हैं। यह अलग बात है कि दोबारा से वोट मांगने आए पार्टी प्रत्याशियों को इसका मलाल न होता हो और कुछ जो पहली बार वोट मांगने के लिए घूमते हुए इस तरह की गंदगी से निजात दिलाने के नाम पर वोट मांग रहे हों। फिलहाल बाजार में आए लोगों के सामने स्थानीय दुकानदारों को शर्मसार होना पड़ रहा है। डीडीए ने अरसे पहले डिस्ट्रिक्ट सेंटर जनकपुरी में सफाई अभियान शुरू किया था, जिसमें स्थानीय निगम पार्षद ने बढ़चढ़कर भाग लिया था, जिसके बाद स्थिति में सुधार हुआ था। प्राधिकरण द्वारा इस क्षेत्र को अतिक्रमणमुक्त कराने के बाद गंदगी फैलना भी बंद हो गया। चूंकि, यह इलाके का काफी प्रतिष्ठित और पुराना बाजार रहा है, ऐसे में जिला प्रशासन ने इस परिसर में पेड़ के नीचे खुले में शराब पीने वालों पर शिकंजा कसकर माहौल को दूषित होने से बचा लिया। इसी तरह की स्थिति से तिलक नगर सात मंजिला मंदिर के समीप स्थित छोटी सब्जी मंडी त्रस्त है। बाजार में सौ दुकानें हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश दुकानों में अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। बाजार परिसर में कूड़े के ढेर की वजह से बराबर दुर्गध उठती रहती है। बाजार परिसर के एक कोने में कबाड़ी वालों ने कब्जा कर पूरे इलाके में गंदगी फैला रखी है। परिसर की बची हुई जगह पर रिक्शे एवं रेहड़ी वालों ने कब्जा कर रखा है। यहां पर दिन रात जुआ खेला जाता है, शाम होते ही बाजार परिसर में शराब की रेहड़ी लग जाती है। हालांकि, स्थानीय दुकानदारों ने निगम एवं डीडीए के आला अधिकारियों तक इसकी शिकायत की। ऐसे में दोनों ने खानापूर्ति भर काम किया, जिससे स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। शायद यही वजह है कि यह बाजार अब तक आबाद नहीं हो सका। डिस्ट्रिक्ट सेंटर जैसा अभियान नहीं चला, जिसकी यहां सबसे ज्यादा जरूरत समझी जा रही है। सफाई की स्थिति उपनगरीय द्वारका स्थित सेक्टर के बाजारों में भी दुरुस्त नहीं है। विशेषकर, सेक्टर-10 एवं सेक्टर-12 सेंट्रल मार्केट की स्थिति यही बयां करती है। सेक्टर-10 मार्केट में गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है, ऐसे में बारिश के पानी की निकासी के लिए बने स्ट्राम लाइन (बरसाती नाले) का उपयोग किया जाता है। पिछले कई माह से इस मार्केट से कूड़ा नहीं उठा है, और जो उठा भी वह इस लाइन में डाल दिया गया। इससे यह लाइन बंद हो गई है। यहां से कूड़ा उठाने की आज तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
सेक्टर-12 के मार्केट में झाड़ू नियमित तौर पर नहीं लगता है, जिससे कुड़े का निपटान नहीं होता है। जबकि, यहां पर जगह-जगह डस्टबिन रखे हैं, जिनकी सफाई भी नियमित नहीं होती। पांच छह माह में कभी सफाई होती है तो उस समय इतनी दुर्गंध उठती है कि सांस लेना दूभर हो जाता है। अब हालात यह है कि परिसर में पेड़ पौधे लगाने की जगह पर कूड़ा डाला जा रहा है। यहां की पार्किग में भी कूड़ा पड़े-पड़े सड़ रहा है। इन सभी बाजारों की सफाई का जिम्मा निगम का है, लेकिन निगम के सफाइकर्मियों ने कभी अपना काम सही ढंग से नहीं किया। निगम के अधिकारियों ने भी बाजार की ओर देखने की जरूरत नहीं समझी। ऐसे में स्थिति बिगड़ती जा रही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।