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खुले में जलाया जा रहा है कूड़ा, प्रदूषण का सामान्य स्तर होने पर भी दिखी स्मॉग की परत

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार इन क्षेत्रों से लगातार कूड़ा जलाने की शिकायतें आ रही हैं। कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या काफी अधिक है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 23 Mar 2018 06:01 PM (IST)
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खुले में जलाया जा रहा है कूड़ा, प्रदूषण का सामान्य स्तर होने पर भी दिखी स्मॉग की परत

नई दिल्ली [जेएनएन]। भले ही इस समय दिल्ली में प्रदूषण सामान्य है, लेकिन बृहस्पतिवार को कुछ क्षेत्रों में सुबह के समय स्मॉग की परत देखने को मिली। इन जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य से 5 गुना तक अधिक दर्ज हुआ। इस वजह से सांस के रोगियों को इन क्षेत्रों में परेशानी भी महसूस हुई। विशेषज्ञों के अनुसार झड़े हुए पत्तों में आग लगाने के साथ इस समय गन्ने का रस निकालने वाले गन्नों के कूड़े में भी आग लगा रहे हैं। इस कारण कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या काफी अधिक है।

कुछ इलाकों में बढ़ा प्रदूषण

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण के स्तर की श्रेणी बृहस्पतिवार को सामान्य रही। एयर इंडेक्स 178 रहा। इसके विपरीत द्वारका, अशोक विहार फेस 2, ओखला फेस-2, नजफगढ़, विवेक विहार, पूठ खुर्द जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण सामान्य से काफी अधिक रहा। जरूरत है कि इन जगहों पर तेजी से प्रदूषण कम करने के उपाय किए जाएं। रात व सुबह के समय यहां पत्तों और गन्ने के कचरों में आग लगाई जा रही है जिसकी वजह से प्रदूषण यहां काफी तेजी से बढ़ रहा है।

ऐसे रहे हालात 

द्वारका में पीएम 10 का स्तर 541 एमजीसीएम (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) रहा और पीएम 2.5 भी 320 एमजीसीएम दर्ज हुआ। इसी तरह अशोक विहार में पीएम 10 का स्तर 204 और पीएम 2.5 का स्तर 116 रहा, ओखला में पीएम 10 की मात्रा 217 और पीएम 2.5 का स्तर 113, नजफगढ़ में पीएम 10 का स्तर 383 और पीएम 2.5 की मात्रा 179, विवेक विहार में पीएम 10 का स्तर 244 और पीएम 2.5 का स्तर 208 रहा जबकि पूठ खुर्द में पीएम 10 का स्तर 404 और पीएम 2.5 की मात्रा 224 रही।

कूड़ा जलाने की शिकायतें

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अनुसार इन क्षेत्रों से लगातार कूड़ा जलाने की शिकायतें आ रही हैं और उन पर एक्शन भी हो रहे हैं। इस समय पेड़ों से पत्ते गिर रहे हैं जिसकी वजह से हार्टिकल्चर वेस्ट सड़कों पर काफी अधिक है। ऐसे में शिकायतें मिल रही हैं कि इनमें खुले में आग लगाने का सिलसिला भी जोर पकड़ रहा है। बताते चलें कि द्वारका में 150 से अधिक बड़े पार्क हैं और मिली जानकारी के अनुसार यहां हार्टिकल्चर वेस्ट इन दिनों लगभग पांच गुना तक बढ़ चुका है। 

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