यमुना एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार की चेतावनी के लिए गूगल से जुड़ेगा एप, ढाबे भी होंगे बंद
वाहन की रफ्तार तेज होने पर चालक व वाहन में बैठे लोगों को एहसास हो जाएगा कि उनकी रफ्तार निर्धारित से अधिक है और वह रफ्तार को कम कर सकेंगे।
नोएडा [जेएनएन]। यमुना एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार की वजह से होने वाले हादसों को रोकने के लिए एक एप को गूगल से जोड़ा जाएगा। ताकि तेज रफ्तार में चलने वाले वाहनों के चालक को चेतावनी मिल सके। प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे के किनारे खुले ढाबों को चिह्नित करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
हादसे का ग्राफ अधिक
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे का ग्राफ काफी अधिक है। ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक 165 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे पर कई लोग तेज रफ्तार की वजह से अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। हादसों को रोकने के लिए तकनीकी इंतजाम भी नाकाफी हो रहे हैं। चालान काटने के बावजूद वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिली है।
एप की जरिये त्वरित मदद
एक्सप्रेस-वे पर घायलों की मदद के लिए हाइ-वे साथी एप कार्य कर रहा है। हादसा होने की सूरत में एप की जरिये त्वरित मदद जाती है। एप के जरिये एक्सप्रेस-वे पर क्रेन, एंबुलेंस पेट्रोलिंग वाहन की जानकारी जरूरतमंद तक पहुंचती है।
एक और फीचर जोड़ने पर विचार
प्राधिकरण इस एप में एक और फीचर जोड़ने पर विचार कर रहा है। ताकि तेज रफ्तार में वाहन चलाने वालों को एप के जरिये चेतावनी दी जा सके। इसके लिए एप को गूगल से जोड़ा जाएगा। ताकि वाहन की रफ्तार तेज होने पर चालक व वाहन में बैठे लोगों को एहसास हो जाएगा कि उनकी रफ्तार निर्धारित से अधिक है और वह रफ्तार को कम कर सकेंगे।
ढाबे हैं बड़ी मुसीबत
एक्सप्रेस-वे पर कार आदि वाहन के लिए रफ्तार सौ किमी प्रति घंटा, भारी वाहनों के लिए साठ किमी प्रति घंटा की रफ्तार निर्धारित है। एक्सप्रेस-वे पर हादसे की एक वजह मार्ग में खड़े वाहन हैं। एक्सप्रेस-वे के किनारे खुले ढाबों के कारण चालक रास्ते में वाहनों को खड़ा कर देते हैं। प्राधिकरण ने इन ढाबों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है।
एप को गूगल से जोड़ा जाएगा
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह का कहना है कि हाइ-वे साथी एप को गूगल से जोड़ा जाएगा। वाहन की रफ्तार अधिक होने पर एप से चालक को चेतावनी मिलेगी। एक्सप्रेस वे के किनारे खुले ढाबों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
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