अलका लांबा पर आरोप तय करने पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, जानें- क्या हैं आरोप
पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने के मामले में 'आप' विधायक अलका लांबा पर आरोप तय करने को लेकर तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। कश्मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास दुकानों में जबरन घुसकर तोड़फोड़ करने और पुलिस के काम में बाधा पहुंचाने के मामले में 'आप' विधायक अलका लांबा पर आरोप तय करने को लेकर तीस हजारी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने अलका के वकील का पक्ष सुनने के बाद यह निर्णय लिया।
ये हैं आरोप
अलका लांबा पर आइपीसी की धारा 186 (सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी में अवरोध उत्पन्न करना), 353 (सरकारी कर्मचारी से ड्यूटी के दौरान मारपीट), 427 (किसी व्यक्ति को 50 रुपये से अधिक की राशि का नुकसान पहुंचाना), 451 (अनधिकृत तरीके से घर में घुसना), 34 (समान मंशा से एक से अधिक व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
समर्थकों के साथ दुकानों में तोड़फोड़ की
दिल्ली पुलिस का कहना है कि 9 अगस्त 2015 को सुबह छह बजे कश्मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास अलका लांबा के एक कार्यक्रम की सूचना मिली थी। वहां उचित संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। विधायक कुछ समर्थकों व बेघर लोगों के साथ वहां पहुंचीं थीं। वह भाषण देने के बाद वह हंगामा करते हुए दुकानदारों को दुकान बंद करने के लिए कहने लगीं। समर्थकों के साथ दुकानों में तोड़फोड़ की।
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