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देश ने भविष्य की एक अच्छी नृत्यांगना को खो दिया, न जाने क्यों फंदे पर झूल गई: बिरजू महाराज

बिरजू महाराज ने कहा कि देश ने भविष्य की एक अच्छी नृत्यांगना को खो दिया है। वह अब लौटकर नहीं आएगी, लेकिन जांच ऐसी हो, जिससे माता-पिता को तसल्ली मिले।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 24 Mar 2018 04:21 PM (IST)
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देश ने भविष्य की एक अच्छी नृत्यांगना को खो दिया, न जाने क्यों फंदे पर झूल गई: बिरजू महाराज

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली के मयूर विहार स्थित एलकॉन पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा की खुदकुशी मामले में स्कूल प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण पंडित बिरजू महाराज ने शुक्रवार (23 मार्च) को अपने निवास स्थान पर बुलाई गई प्रेसवार्ता में प्रशासन की कार्रवाई पर दुख जताया।

चकित हो जाता था

बिरजू महाराज ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत करते हुए कहा कि 'बच्ची की मौत से सभी लोग दुखी हैं'। उन्होंने कहा कि ताल के साथ उसके हाथों की आवृत्तियां सधी होती थीं और भाव-भंगिमाएं बहुत जल्द गीत के अनुरूप ढल जाती थीं। कोई भी नई विधा को इतनी जल्दी सीख लेती थी वो कि मैं चकित हो जाता था। मैं तो उसके राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमकने का इंतजार कर रहा था, लेकिन उसकी मृत्यु की खबर ने मुझे तोड़ दिया।

दर्द कैसे बयां करूं

उन्होंने कहा कि बिटिया के चले जाने का दर्द कैसे बयां करूं। मेरे परिवार की सदस्य, प्रतिभाशाली शिष्या और नटखट सी चिड़िया, अचानक ही खो गई। कितने दुख की बात है कि जो सारी दुनिया को झुमा देने के काबिल थी, वह फंदे पर झूल गई। बिटिया के पिता मेरे करीबी शिष्य हैं। साथ-साथ देश-विदेश में कई प्रस्तुतियां दी हैं। इस नाते अक्सर इस बाल प्रतिभा से मुलाकात हो जाती थी। जब भी घर जाता तो उससे रियाज पर चर्चा होती थी। उसके असमय चले जाने की गहरी पीड़ा है।

अच्छी नृत्यांगना को खो दिया

बिरजू महाराज ने कहा कि देश ने भविष्य की एक अच्छी नृत्यांगना को खो दिया है। जो हिंदुस्तान का नाम रोशन करती। उसकी हसरत थी कि वह एक दिन कमानी आडिटोरियम में प्रस्तुति दे। जिस हालात में वह हमें छोड़ गई, निश्चित ही इसके पीछे का कारण गंभीर प्रताड़ना रही होगी। वह किस हद तक तनाव में थी यह जांच का विषय है। होना तो यह चाहिए था कि स्कूल प्रशासन तुरंत माता-पिता के साथ खड़ा होता और इस मामले का हल निकालने का प्रयास करता, लेकिन अभी तक वह साथ नहीं आया है। इससे स्पष्ट है कि गड़बड़ियों को छिपाने का प्रयास हो रहा है।

सीबीआइ से जांच करानी चाहिए

उन्होंने कहा कि बेटी तो चली गई, वह अब लौटकर नहीं आएगी, लेकिन जांच ऐसी हो, जिससे माता-पिता को तसल्ली मिले, बल्कि मामले की सीबीआइ से जांच करानी चाहिए। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने की भी कोशिश करुंगा। सबसे जरूरी कि बच्चों पर से परीक्षा का तनाव कम हो। बस्तों का बोझ कम हो, इस दिशा में गंभीर प्रयास हो। न्याय को लेकर हर शांतिपूर्ण आंदोलन को मेरा सहयोग व समर्थन प्राप्त है।

थम नहीं रहे माता-पिता के आंसू

लाडली को खोने वाले माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शाहजहां रोड पर पंडित बिरजू महाराज से मिलने छात्रा के माता-पिता व उनके भाई आए थे। फफक-फफक कर रोती हुई मां कई बार बेसुध हो गईं, जिन्हें वहां एक अन्य नृत्यांगना शाश्वति सेन ढांढस बंधा रही थीं। 

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