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अन्ना का किसान आंदोलनः 80 साल की उम्र में हरिशंकर शर्मा ढो रहे हैं घोटालों का बोझ

उम्मीद के मुताबिक लोगों की भीड़ न पहुंची हो, लेकिन आंदोलनकारियों का उत्साह और जोश बरकरार है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 25 Mar 2018 10:55 AM (IST)
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अन्ना का किसान आंदोलनः 80 साल की उम्र में हरिशंकर शर्मा ढो रहे हैं घोटालों का बोझ
नई दिल्ली (ललित कौशिक)। रामलीला मैदान में चल रहे समाजसेवी अन्ना हजारे के अनशन के दूसरे दिन भले ही उम्मीद के मुताबिक लोगों की भीड़ न पहुंची हो, लेकिन आंदोलनकारियों का उत्साह और जोश बरकरार है। शनिवार को गुरुग्राम के हरिशंकर शर्मा (80) भी यहां पहुंचे तथा आंदोलनकारियों के बीच चर्चा का विषय बने रहे। हर कोई उनके गले में टंगी तख्तियों को टकटकी लगाकर देख रहा था। कुछ तो गले से तख्ती उतरवाकर उस पर लिखे घोटालों के ब्योरे को गौर से पढ़ रहे थे।

दरअसल, वह यहां पर आजादी के बाद से देश में हुए बड़े घोटालों की सूची तख्ती पर लिखकर गले में टांगकर लाए हैं। देश में वर्ष 2010 तक हुए घोटालों की एक-एक जानकारी तख्ती पर पढ़ने को मिल जाएगी। बाकायदा किस घोटाले से देश को आर्थिक रूप से कितना नुकसान पहुंचा, उसकी जानकारी भी इन पर लिखी हुई है। तकरीबन 46 बड़े घोटालों का उन्होंने अपने पास ब्योरा रखा है।

मसलन, बोफोर्स घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स और चारा घोटाला आदि। वहीं, वर्ष 2010 के बाद से देश में हुए घोटालों की जानकारी उन्हें मुंह जुबानी याद है।

पेशे से इंजीनियर रह चुके 80 वर्षीय हरिशंकर शर्मा कहते हैं कि वे यहां पर सशक्त लोकपाल की मांग को लेकर अनशन पर बैठे समाजसेवी अन्ना हजारे को समर्थन देने के लिए आए हैं। देश का किसान दस हजार रुपये का ऋण न चुकाने पर खुदकशी करने को मजबूर है जबकि करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले आजाद घूम रहे हैं। जब तक लोकपाल जैसी सशक्त संस्था नहीं बनेगी, देश में घोटाले रुकने वाले नहीं है। बिना लोकपाल के अधिकारियों और नेताओं में डर बैठने वाला नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसे घोटालों पर रोक लगे तो किसानों को खुदकशी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मौजूदा केंद्र सरकार के कार्यकाल में कोई बड़ा घोटाला सामने नहीं आया है, लेकिन केंद्र को लोकपाल कानून को सशक्त बनाने के लिए पहल करने की जरूरत है। मुझे पूरा विश्वास है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।

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