TB के करीब 10 लाख मरीज सरकार की नजरों से हुए ओझल, मिशन पर उठे सवाल
0 लाख टीबी के मरीज सरकार की नजर से दूर हैं। ऐसे मरीजों की पहचान कर उन तक चिकित्सा सुविधाएं पहचाना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। टीबी की रोकथाम के लिए सरकार दशकों से अभियान चल रही है और मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध करा रही है। इसके बावजूद लाखों मरीजों तक अब भी चिकित्सा सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही है। विश्व टीबी दिवस के दिन एम्स में आयोजित सम्मेलन में यह बात सामने आई कि करीब 10 लाख टीबी के मरीज सरकार की नजर से दूर हैं। ऐसे मरीजों की पहचान कर उन तक चिकित्सा सुविधाएं पहचाना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
28 लाख लोग टीबी से पीड़ित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के टीबी नियंत्रण डिविजन के उप महानिदेशक डॉ. सुनील खपाड़े ने कहा कि अनुमान के मुताबिक देश में करीब 28 लाख लोग टीबी से पीड़ित हैं। जबकि वर्ष 2017 में 18.27 लाख मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ। अर्थात उन मरीजों की जानकारी अस्पतालों द्वारा संबंधित एजेंसियों को दी गई। इस तरह करीब 10 लाख मरीजों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। यही वजह है कि पोलियों की तरह टीबी उन्मूलन के लिए हाई रिस्क इलाकों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की पहल की गई है।
84 हजार मरीजों की जानकारी सरकार के पास नहीं
डॉक्टरों के अनुसार देश में मल्टीड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी से करीब 1.20 लाख पीड़ित हैं। जबकि 38605 मरीजों का नोटिफिकेशन हुआ है। इसमें से 35950 मरीजों का इलाज किया गया। इस तरह एमडीआर टीबी से पीडि़त करीब 84 हजार मरीजों की जानकारी सरकार के पास नहीं है।
संभव है एमडीआर टीबी का इलाज
एम्स के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीद विग ने कहा कि एमडीआर टीबी का पूरा इलाज संभव है। अक्सर लोग देर से अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में साधारण टीबी की बीमारी एमडीआर टीबी में तब्दील हो जाती है। इसलिए स्वास्थ्य खराब होने पर तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए।
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