48 घंटे, 100 लोगों से पूछताछ, नहीं मिला पूर्व पुलिस आयुक्त का बैग
दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता का बैग चोरी हो गया है। पुलिस को शक है कि भिखारी, खाने-पीने का सामान और खिलौने बेचने वाले व ठक-ठक गिरोहों में ही किसी का हाथ हो सकता है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त बीके गुप्ता का बैग पुलिस 100 लोगों से पूछताछ करने और 48 घंटे बाद भी नहीं खोज सकी। उनकी कोरोला कार में रखे बैग में आइपैड, तीस हजार रुपये और महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। सिविल लाइंस थाना अंतर्गत मजनूं का टीला इलाके में जिस जगह वारदात हुई, वहां आसपास सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था। पुलिस को शक है कि भिखारी, खाने-पीने का सामान और खिलौने बेचने वाले व ठक-ठक गिरोहों में ही किसी का हाथ हो सकता है।
चालक का इंतजार करने लगे
बीके गुप्ता साउथ एक्स में परिवार के साथ रहते हैं। शनिवार सुबह वह दोस्तों के साथ फॉर्च्यूनर कार से चंडीगढ़ जाने के लिए घर से निकले। रास्ते में उन्हें ध्यान आया कि दैनिक इस्तेमाल की कुछ जरूरी दवाइयां वह साथ लाना भूल गए हैं। उन्होंने घर में मौजूद दूसरे चालक विनोद कुमार को फोन कर दवाइयां लेकर आने को कहा। वह मजनूं का टीला के पास कार रुकवाकर चालक का इंतजार करने लगे।
कार लॉक नहीं की
8 बजकर 40 मिनट पर विनोद दवाइयां लेकर मजनूं का टीला पहुंचे। लालबत्ती से कुछ आगे बढ़ने पर जाम देखकर उन्होंने सड़क किनारे सुरक्षित जगह पर कार खड़ी कर दी और दवाइयां पैदल देने चले गए। कार उन्होंने लॉक नहीं की थी। करीब 20 मिनट बाद जब वह कार के पास आए तो पीछे की सीट पर रखा बैग गायब मिला। उन्होंने तुरंत चौकी में पहुंचकर शिकायत दी।
चोरी का मुकदमा दर्ज
सिविल लाइंस थाना पुलिस ने चोरी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। डीसीपी जतिन नरवाल के मुताबिक मजनूं का टीला इलाके में काफी झुग्गियां हैं। वहां रहने वाले बच्चे भी सड़क किनारे व चौराहे के आसपास चोरी की छोटी-मोटी वारदात करते हैं। मजनूं की टीला व उसके आसपास चोरी व अन्य छोटी-मोटी वारदात करने वाले करीब 100 आपराधिक तत्वों से पूछताछ की जा चुकी है।
स्पेशल स्टाफ के लगाया गया
मामले की जांच में थाना पुलिस के इलावा स्पेशल स्टाफ व वाहन चोरी निरोधक दस्ते को भी लगाया गया है। गौरतलब है कि 1977 बैच के आइपीएस अधिकारी बीके गुप्ता कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म होने के बाद वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बने थे। वह 2012 तक इस पद पर रहे।
यह भी पढ़ें: मुठभेड़ में मारे गए इस बदमाश का क्या है नक्सली और नेपाल कनेक्शन, क्यों खरीदा था एके 47